NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई को आरटीआई से छूट नहीं : सीआईसी
सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून की धारा 24 सीबीआई समेत सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को सूचना देने से छूट प्रदान करती है लेकिन अगर आवेदक ‘भ्रष्टाचार के आरोपों’ से संबंधित ऐसी कोई सामग्री मांगता है जो एजेंसी के पास है तो यह छूट लागू नहीं होती।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
24 Sep 2019
RTI
Image courtesy:indiatimes.com

दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने कहा है कि भ्रष्टाचार के मामलों में जांच की जानकारी मांगने वाली याचिकाओं पर जवाब देने में आरटीआई कानून से छूट मांगने से पहले सीबीआई को उचित कारण पर जरूर विचार करना चाहिए।

सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून की धारा 24 सीबीआई समेत सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को सूचना देने से छूट प्रदान करती है लेकिन अगर आवेदक ‘भ्रष्टाचार के आरोपों’ से संबंधित ऐसी कोई सामग्री मांगता है जो एजेंसी के पास है तो यह छूट लागू नहीं होती।

सीबीआई जिन मामलों को देखती है, उनमें प्रमुख रूप से भ्रष्टाचार के आरोप वाले होते हैं और इनके बारे में जानकारी मांगने वाली आरटीआई अर्जियों का जवाब आरटीआई कानून के प्रावधानों के अनुसार दिया जाना चाहिए लेकिन एजेंसी के अधिकारी आमतौर पर सूचना के अनुरोध को खारिज करने के लिए धारा 24 के तहत छूट का उल्लेख करते हैं।

सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि सीआईसी ने अनेक आदेशों में स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के आरोपों को छूट नहीं मिली है लेकिन सीबीआई में आरटीआई अर्जियों को देखने वाले अधिकारियों के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी साफ किया है कि भ्रष्टाचार के आरोप एजेंसी को मिली छूट के दायरे में नहीं आते हैं।

ऐसे ही एक आवेदक ने 2017 में सीबीआई द्वारा उसके खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के दो मामलों के बारे में सूचना मांगी थी। उसे धारा 24 के तहत एजेंसी को मिली छूट का हवाला देते हुए सूचना नहीं दी गयी।

जब आवेदक आयोग के समक्ष पहुंचा तो सूचना आयुक्त दिव्य प्रकाश सिन्हा ने कहा कि यह अच्छी तरह साबित हो गया है कि मामले में भ्रष्टाचार के आरोप हैं।

सिन्हा ने कहा, ‘‘सीपीआईओ (सीबीआई अधिकारी) की दलील इस तथ्य को नहीं खारिज करती कि भ्रष्टाचार के आरोप हैं, जिनमें जांच की गयी। इसके अलावा यह तथ्य कि अपीलकर्ता ने चार साल तक कैद काटी, यह भी भ्रष्टाचार के आरोपों को साबित करता है।’’

आपको बता दें कि आज कई स्तरों पर आरटीआई कानून को लगातार कमज़ोर करने की कोशिश चल रही है। लम्बे संघर्ष के बाद वर्ष 2005 में सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून लागू हुआ था। इस बार मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में इसमें संशोधन का बिल पास किया गया है।  आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि सरकार ने संशोधन के जरिये आरटीआई को और कमज़ोर कर दिया है।  

इसे भी पढ़ें : आरटीआई कानून में संशोधन जनता के साथ विश्वासघात!

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

RTI
Corruption
CBI
social activists
Delhi High court

Related Stories

दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

सरकारी एजेंसियाँ सिर्फ विपक्ष पर हमलावर क्यों, मोदी जी?

बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा

उत्तराखंड के ग्राम विकास पर भ्रष्टाचार, सरकारी उदासीनता के बादल

सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव के ख़िलाफ़ नया मामला दर्ज किया, कई जगह छापे मारे

मैरिटल रेप : दिल्ली हाई कोर्ट के बंटे हुए फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, क्या अब ख़त्म होगा न्याय का इंतज़ार!

ओडिशा: अयोग्य शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित होंगे शिक्षक

बिहार में 1573 करोड़ रुपये का धान घोटाला, जिसके पास मिल नहीं उसे भी दिया धान

बढ़ती हिंसा और सीबीआई के हस्तक्षेप के चलते मुश्किल में ममता और तृणमूल कांग्रेस


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?
    31 May 2022
    बीते विधानसभा चुनाव में इन दोनों जगहों से सपा को जीत मिली थी, लेकिन लोकसभा उपचुनाव में ये आसान नहीं होगा, क्योंकि यहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है तो वहीं मुख्य…
  • Himachal
    टिकेंदर सिंह पंवार
    हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 
    31 May 2022
    केंद्र को यह समझना चाहिए कि हाती कोई सजातीय समूह नहीं है। इसमें कई जातिगत उपसमूह भी शामिल हैं। जनजातीय दर्जा, काग़जों पर इनके अंतर को खत्म करता नज़र आएगा, लेकिन वास्तविकता में यह जातिगत पदानुक्रम को…
  • रबीन्द्र नाथ सिन्हा
    त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान
    31 May 2022
    हाई-प्रोफाइल बिप्लब कुमार देब को पद से अपदस्थ कर, भाजपा के शीर्षस्थ नेतृत्व ने नए सीएम के तौर पर पूर्व-कांग्रेसी, प्रोफेसर और दंत चिकित्सक माणिक साहा को चुना है। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा
    31 May 2022
    “राज्य की शिक्षा, संस्कृति तथा राजनीतिक परिदृ्श्य का दमन और हालिया असंवैधानिक हमलों ने हम लोगों को चिंता में डाल दिया है।"
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?
    31 May 2022
    न्यूज़चक्र के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं उमर खालिद के केस की। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि उमर खालिद का भाषण अनुचित था, लेकिन यह यह आतंकवादी कृत्य नहीं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License