NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार: बीफ खाने के नाम पर खलील की हत्या, परिवार का आरोप; उच्च-स्तरीय जांच की मांग
पुलिस को खलील का शव बरामद होने के एक दिन बाद, सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप में कथित तौर पर दिखाया गया कि अभियुक्तों द्वारा उसे कथित तौर पर बीफ खाने के नाम पर धमकाया गया, गाली-गलौज की गई और मारा-पीटा गया था।
मो. इमरान खान
25 Feb 2022
mob lynching
प्रतिनिधि चित्र। चित्र साभार: Reuters

पटना: पिछले हफ्ते बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल-यूनाइटेड के एक स्थानीय नेता खलील आलम की हत्या के पीछे सांप्रदायिक कोण की खबरों के बीच, गुरुवार को उनके परिवार ने इंसाफ की मांग की है और पटना उच्च न्यायालय की निगरानी में एक उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है।

खलील आलम जो अपनी उम्र के 30 के दशक के मध्य में रहे होंगे, को कथित तौर पर अपहृत कर लिया गया था और उनकी हत्या कर दी गई थी, और उनके अधजले दफना दिए गए शव को पुलिस ने समस्तीपुर जिले से बरामद किया था। इसके एक दिन बाद, सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप में कथित तौर पर दिखाया गया कि कैसे अभियुक्तों द्वारा उन्हें बीफ खाने के नाम पर धमकाया गया, गाली-गलौज की गई और बेरहमी से मारा-पीटा गया और स्थानीय गौमांस व्यापार का खुलासा करने के लिए जबरन कहा गया। उक्त वीडियो ने इस घटना को एक नया मोड़ दे दिया है, लेकिन जिला पुलिस इससे इंकार कर रही है।

समस्तीपुर के मुसरीघरारी के रहने वाले खलील एक एनजीओ चलाते थे और स्थानीय स्तर पर जेडीयू के सक्रिय नेता थे, और बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के करीबी माने जाते थे।

खलील की पत्नी नेमत खातून ने कहा, “हमें नहीं मालूम कि उनका अपहरण और हत्या क्यों की गई। हम इस घटना के पीछे की सही-सही वजह जानने के लिए एक उच्च-स्तरीय जांच चाहते हैं कि उनकी हत्या क्यों और कैसे की गई। सरकार को हमें मुआवजा देना चाहिए।”  

तीन नाबालिग बच्चों, जिनमें से एक दुधमुहाँ बच्चा है की माँ नेमत ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस विषय में हस्तक्षेप की मांग की है, क्योंकि उनके पति उनकी पार्टी के यहाँ पर स्थानीय नेता थे। उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर एक वीडियो में, दोनों हाथ जोड़े मेरे पति ने पहले दावा किया कि उन्होंने गौ-मांस नहीं खाया है। लेकिन बेवजह पीटे जाने के बाद वे यह बोलने के लिए मजबूर कर दिए गये कि उन्होंने गौमांस खाया था। उनसे यहाँ तक कहा गया कि जोर से कहे कि वे आज के बाद कभी बीफ नहीं खायेगा। सिर्फ जांच से ही इसके पीछे की वास्तविक वजह का खुलासा हो सकता है कि उन्हें अभियुक्तों द्वारा क्यों मार डाला गया।”

नेमत ने कहा कि उनके पति की गुमशुदगी के बाद, उन्हें तीन फोन आये थे, जिसमें उनकी सुरक्षित रिहाई के लिए पैसे की मांग की गई थी, जिसकी सूचना स्थानीय पुलिस थाने को कर दी गई थी।

खलील के बड़े भाई, मोहम्मद सितारे के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस अब तक मामले की सही दिशा में जांच कर पाने में विफल रही है। उन्होंने कहा, “जैसा कि वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है, कि बीफ खाने के नाम पर उसकी हत्या कर दी गई, तो उन्हें वास्तविक तथ्यों के साथ सामने आना चाहिए और कुछ भी नहीं छिपाना चाहिए।”

सितारे ने कहा कि उनके भाई का बीफ के व्यापार से कोई वास्ता नहीं था; वह अपनी आजीविका के लिए एक आयुर्वेदिक फर्म से जुड़ा हुआ था।

खलील के छोटे भाई, मोहम्मद शकील ने बताया कि उनका परिवार अब भी उनकी हत्या से गमजदा है। उन्होंने कहा, “हम क्या कह सकते हैं? आरोपियों के पास इस प्रकार का वीडियो पोस्ट करने का साहस है, जिसमें वह मवेशियों को काटने और स्थानीय स्तर पर बीफ बेचने वाले के नाम का खुलासा करने के लिए पूछ रहा है। यह देखना सरकार की जिम्मेदारी है कि क्या खलील को गौ रक्षकों द्वारा पीट-पीटकर मारा गया है या हत्या के पीछे की वजह क्या है उसे बताया जाए।”

उनकी शिकायत को गंभीरतापूर्वक लेने में हुई देरी के लिए शकील स्थानीय पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हैं। वे कहते हैं, “हमने खलील के बाजार से घर न लौटने के एक दिन बाद 17 फरवरी को उनकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने 18 फरवरी को एक संदिग्ध आरोपी को हिरासत में ले लिया था, और उसके द्वारा दी गई सूचना के आधार पर, 19 फरवरी को खलील का शव को बरामद कर लिया गया था। उसके शव को बूढ़ी गण्डक नदी के किनारे पर दफना दिया गया था।”

समस्तीपुर के पुलिस अधीक्षक, ह्रदय कांत पिछले तीन दिनों से लगातार इस बात का दावा कर रहे हैं कि खलील की हत्या पैसे को लेकर की गई थी और इसका गौ-रक्षकों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, “आरोपियों के द्वारा जानबूझकर एक वीडियो बनाया गया और इसे पोस्ट किया गया ताकि मामले से ध्यान भटकाया जा सके और इसे एक सांप्रदायिक रंग दिया जा सके।”

पुलिस ने कृष्ण कुमार झा सहित तीन दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

हालाँकि, विपक्ष बीफ-खाने के नाम पर खलील की हत्या को लेकर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर पर हमलावर बना हुआ है। राजद नेता, तेजस्वी यादव जो राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं, ने कहा है कि हालिया घटना ने कानून-व्यवस्था के पूरी तरह से ध्वस्त हो जाने की स्थिति को खोलकर रख दिया है। यादव ने कहा, “यहाँ पर कौन सुरक्षित है, यदि एक मुस्लिम युवा, जो सत्तारूढ़ पार्टी जद (यू) का नेता हो, उसे मारा-पीटा गया, जिंदा जला दिया गया और फिर दफना दिया गया। कुमार को हम सभी को बताना चाहिए कि राज्य में ऐसी घटनाएं लगातार क्यों होती रहती हैं।”

गुरुवार को कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने खलील के परिवार से मुलाक़ात की और उनके लिए न्याय की मांग की। खान ने कहा, “पीड़ित परिवार से मुलाक़ात करने के बाद, मैं इस मुद्दे को बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन उठाने जा रहा हूँ। राज्य और देश भर में बढ़ते नफरत के माहौल के खिलाफ मुख्यमंत्री को कम से कम एक बयान जारी करना चाहिए।”  

खान ने आगे कहा कि वीडियो उक्त घटना में नफरत के एंगल का एक उदाहरण था। उन्होंने सवाल खड़ा किया कि यदि यह कोई पैसे से संबंधित मामला था तो इसमें मवेशियों की हत्या, बीफ और इसकी खपत की बात कैसे सामने आई।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने खलील की हत्या को “मॉब लिंचिंग” करार दिया है और इस घटना पर न्यायिक जांच बिठाने की मांग की है। सीपीआई (एमएल) के विधायक दल के नेता, महबूब आलम ने कहा, “हमने खलील की हत्या की न्यायिक जाँच की मांग की है, जो मॉब लिंचिंग के शिकार बने हैं।”

इस घटना के विरोध में सीपीआई(एमएल) की ओर से 28 फरवरी को एक ‘न्याय’ मार्च निकाला जायेगा। महबूब आलम के नेतृत्व में पार्टी का एक दल बुधवार को खलील के परिवार से मिला और उसने कहा कि सीएम नीतीश कुमार अपनी पार्टी के एक मुस्लिम नेता को ही मॉब लिंचिंग का शिकार होने से बचा पाने में विफल रहे हैं। 

विडंबना यह है कि, भले ही खलील का संबंध सत्तारूढ़ दल से रहा हो, इसके बावजूद उनमें से कुछ के द्वारा रस्म-अदायगी वाली निंदा को छोड़ दें तो लगभग सभी वरिष्ठ जद (यू) नेता उनकी हत्या पर खामोश बने रहे। 

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Bihar: Family Alleges Khalil was Killed for Eating Beef, Demands High-level Probe

Bihar Muslim Man Killed
Beef
mob lynching
Cow Vigilante
Janata Dal United
Khalil Alam

Related Stories

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे आदिवासी, गरमाई राजनीति, दाहोद में गरजे राहुल

मध्यप्रदेश: गौकशी के नाम पर आदिवासियों की हत्या का विरोध, पूरी तरह बंद रहा सिवनी

कांग्रेस और प्रशांत किशोर... क्या सोचते हैं राजनीति के जानकार?

प्रशांत किशोर को लेकर मच रहा शोर और उसकी हक़ीक़त

मणिपुर के बहाने: आख़िर नीतीश कुमार की पॉलिटिक्स क्या है...

भारत में हर दिन क्यों बढ़ रही हैं ‘मॉब लिंचिंग’ की घटनाएं, इसके पीछे क्या है कारण?

झारखंड : मॉब लिंचिंग क़ानून के बारे में क्या सोचते हैं पीड़ितों के परिवार?

झारखंड : नागरिक समाज ने उठाई  ‘मॉबलिंचिंग विरोधी क़ानून’ की नियमावली जल्द बनाने की मांग

पलवल : मुस्लिम लड़के की पीट-पीट कर हत्या, परिवार ने लगाया हेट क्राइम का आरोप


बाकी खबरें

  • एजाज़ अशरफ़
    दलितों में वे भी शामिल हैं जो जाति के बावजूद असमानता का विरोध करते हैं : मार्टिन मैकवान
    12 May 2022
    जाने-माने एक्टिविस्ट बताते हैं कि कैसे वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि किसी दलित को जाति से नहीं बल्कि उसके कर्म और आस्था से परिभाषित किया जाना चाहिए।
  • न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,827 नए मामले, 24 मरीज़ों की मौत
    12 May 2022
    देश की राजधानी दिल्ली में आज कोरोना के एक हज़ार से कम यानी 970 नए मामले दर्ज किए गए है, जबकि इस दौरान 1,230 लोगों की ठीक किया जा चूका है |
  • सबरंग इंडिया
    सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे आदिवासी, गरमाई राजनीति, दाहोद में गरजे राहुल
    12 May 2022
    सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ एमपी के आदिवासी सड़कों पर उतर आए और कलेक्टर कार्यालय के घेराव के साथ निर्णायक आंदोलन का आगाज करते हुए, आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाए जाने की मांग की।
  • Buldozer
    महेश कुमार
    बागपत: भड़ल गांव में दलितों की चमड़ा इकाइयों पर चला बुलडोज़र, मुआवज़ा और कार्रवाई की मांग
    11 May 2022
    जब दलित समुदाय के लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। प्रशासन की इस कार्रवाई से इलाके के दलित समुदाय में गुस्सा है।
  • Professor Ravikant
    न्यूज़क्लिक टीम
    संघियों के निशाने पर प्रोफेसर: वजह बता रहे हैं स्वयं डा. रविकांत
    11 May 2022
    लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ आरएसएस से सम्बद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ता हाथ धोकर क्यों पड़े हैं? विश्वविद्यालय परिसरों, मीडिया और समाज में लोगों की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License