NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार: चोरी के शक में भीड़ द्वारा विक्षिप्त नौजवान दलित की पीट-पीटकर हत्या
राज्य में पिछले दो हफ़्ते में लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गयी हत्या) का यह तीसरा मामला है।
मोहम्मद इमरान खान
12 Feb 2021
बिहार: चोरी के शक में भीड़ द्वारा विक्षिप्त नौजवान दलित की पीट-पीटकर हत्या
प्रतिकात्मक फ़ोटो: साभार: ट्विटर

पटना: बिहार में बढ़ते अराजकता के डर के बीच एक बार फिर सड़क पर इंसाफ़ या भीड़ का शासन दिखा।एक ऐसे ही मामले में गया ज़िले के एक गांव में एक विक्षिप्त नौजवान की मॉब लीचिंग हुई है। पुलिस के मुताबिक़ नौजवान पर चोर होने का शक था। राज्य में पिछले दो हफ़्ते में लिंचिंग का यह तीसरा मामला है।

20 साल के दलित नौजवान, दीपक पासवान को कथित तौर पर एक ग़ुस्साई भीड़ ने गया के डोभी थाने के तहत केसापी गांव में एक चोर होने के शक में पकड़ लिया और उसे तब तक पीटा जता रहा, जब तक कि वह बेहोश नहीं हो गया। बुधवार सुबह अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गयी।

पीड़ित के क़रीबी रिश्तेदार, शंकर पासवान ने कहा कि वह मानसिक रूप से बीमार था और कुछ समय से लेम्बोगरहा गांव में रह रहा था। उन्होनें कहा “पीड़ित मानसिक रूप से बीमार था और वह एक जगह से दूसरी जगह भटकता रहता था, लेकिन ग्रामीणों के एक समूह ने उसे चोर होने के संदेह में पीट-पीटकर मार डाला। मैंने उन आठ लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करा दिया है, जिन्हें स्थानीय पुलिस स्टेशन में उसकी हत्या के आरोपी के रूप में नामित किया गया है।”

स्थानीय पुलिस अधिकारियों के मुताबिक़ कुछ ग्रामीणों ने उन्हें सूचित किया कि पीड़ित तीन अन्य लोगों के साथ बुधवार की सुबह अपने दादा-दादी के गांव के रास्ते में पड़ने वाले किसी खेत में आराम कर रहा था, जब पास के गांव के लोगों के एक समूह को शंका हुई और फिर उन्होंने उन तीनों का पीछा करना शुरू कर दिया। उन सभी ने भीड़ की मंशा को भांपते हुए भागने की कोशिश की, लेकिन पासवान को पकड़ लिया गया और उसे बांस के डंडों से तब तक पीटा जाता रहा, जब तक कि वह बेहोश नहीं हो गया और सिर में गंभीर चोट लगने के चलते ख़ून बहने लगा। उसके बाद कुछ स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दे दी। जब पुलिस मौक़े पर पहुंची, तो नृशंस पिटाई के कारण अंदरूनी चोटों के चलते पासवान आख़िरी सांस गिन रहा था।

पुलिस उसे इलाज के लिए गया के मगध मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले गयी, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

डोभी पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी, राहुल रंजन ने कहा कि यह घटना गंभीर चिंता का विषय है। मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी है। अब तक तीन आरोपी गिरफ़्तार हुए हैं। उन्होंने कहा, "अगर जांच के दौरान आरोप सही पाये जाते हैं, तो पुलिस नामज़द आरोपियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करेगी।"

ग्रामीणों के मुताबिक़, डोभी क्षेत्रों में चोरी की घटनाओं सहित बढ़ते अपराधों को देखते हुए कई गांवों में लोगों ने रात में गश्त लगाना या रात को निगरानी करना शुरू कर दिया है।

गांव के एक नौजवान, महेश कुमार ने बताया, “चूंकि पुलिस चोरी सहित हो रहे अपराधों के मामलों को रोक पाने में नाकाम रही है, इसलिए हमने रात में सतर्कता बरतने के लिए ग्रामीण स्तर पर एक टीम बनाई है। हमें कार्रवाई को लेकर पुलिस पर विश्वास नहीं रह गया है। अगर हम किसी अजनबी को देखते हैं या रात में किसी को गांव के पास से गुज़रते हुए पाते हैं, तो हम उसके पता-ठिकाने के बारे में पूछते हैं और फिर उसे जाने देते हैं। लेकिन, जब हमें कुछ संदेह होता है, तो हम उस शख़्स का पीछा करते हैं और उसे तत्काल सज़ा देने के लिए पकड़ लेते हैं।”

पिछले महीने पूर्णिया ज़िले में एक संदिग्ध पशु चोर को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। दिसंबर 2020 के तीसरे हफ़्ते में 28 साल के आलमगीर आलम नामक कथित संदिग्ध चोर को पटना के बाहरी इलाक़े में स्थित फुलवारी शरीफ़ के तहत आने वाले एफसीआई रोड पर ग़ुस्साई भीड़ ने पकड़ लिया था और उसे इतना पीटा गया कि वह बेहोश हो गया और अस्तपाल ले जाते हुए उसकी रास्ते में ही मौत हो गयी थी।  

इसी तरह, सीतामढ़ी ज़िले में दिसंबर के आख़िरी हफ़्ते में एक भीड़ ने उन दो नौजवानों को पीट-पीटकर मार डाला था, जिन पर संदेह था कि वे ग्रामीणों से जबरन वसूली की मांग कर रहे थे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए इस तरह के घटनाएं उनकी शर्मिंदगी का कारण बन गई हैं, जो यह दावा करते हैं कि वे बिहार में सुशासन ले आएँ हैं।

पिछले एक साल में राज्य भर में लिंचिंग के कई मामले सामने आए हैं। ग्रामीण बिहार में इस तरह के 'भीड़ का इंसाफ़' काफ़ी आम है।

इस बीच अराजकता का डर, जिसे स्थानीय तौर पर ‘जंगल राज’ के रूप में जाना जाता है, बिहार में आम लोगों को फिर से परेशान करने लगा है, क्योंकि राज्य अपराध की बढ़ती दर की ज़द में आ गया है। पुलिस के मुताबिक़, बिहार में पिछले 24 घंटों में तक़रीबन एक दर्जन हत्याएं होने की रिपोर्ट है।

गुरुवार को भोजपुर ज़िले में सत्तारूढ़ जनता दल-यूनाइटेड के एक नेता की उनके घर के भीतर गोली मारकर हत्या कर दी गयी। एक अन्य मामलों में दरभंगा ज़िले में एक सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक की हत्या कर दी गयी और लखीसराय ज़िले में एक निर्वाचित सरपंच के पिता की हत्या कर दी गयी।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Bihar: Mentally Challenged Dalit Youth Lynched by Mob on Suspicion of Theft

bihar govt
Bihar Law & Order
Bihar Mob Lynching
Dalit Youth Lynched

Related Stories

सुप्रीम कोर्ट ने कहा-बिहार में कानून का नहीं बल्कि पुलिस का राज है, विपक्षी हुआ हमलावर

बिहार: महिला पुलिसकर्मी ने लगाया उत्पीड़न का आरोप, महिला आयोग ने एसएसपी से तलब की रिपोर्ट

फेक्ट चेक: बिहार में अपराध में गिरावट और आदर्श कानून व्यवस्था के बारे में बीजेपी के दावे की पड़ताल

अररिया: दुष्कर्म पीड़िता के सहयोगियों को सुप्रीम कोर्ट से मिली ज़मानत, बिहार सरकार को नोटिस

बिहार: पीड़ित ही हुई फिर प्रताड़ित! गैंगरेप पीड़िता को कोर्ट की अवमानना के आरोप में भेजा गया जेल

कोविड-19 : बिहार के डॉक्टरों की सुरक्षा उपकरण की मांग पर प्रशासन ने दी क़ानूनी कार्रवाई की धमकी

लालू यादव को चारा घोटाले के देवघर मामले में जमानत


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License