NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अंतरराष्ट्रीय
शरणार्थियों के जबरन बेदखली का विरोध करने वाले लोगों पर पुलिस हिंसा को लेकर फ्रांस में नारज़गी
लोगों की ये नाराज़गी ऐसे समय में सामने आई है जब सरकार पहले से ही तथाकथित ग्लोबल सिक्योरिटी बिल के माध्यम से पुलिस को अधिक शक्ति देकर प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले के आरोपों का सामना कर रही है।
पीपल्स डिस्पैच
25 Nov 2020
my

कई तस्वीरों और वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन पोस्ट किए जाने के बाद मंगलवार 24 नवंबर को बड़ी संख्या में लोगों ने सरकार के शरणार्थियों के साथ व्यवहार और पुलिस की हिंसा से निपटने पर फ्रांस के ख़िलाफ़ निंदा करते हुए नराज़गी व्यक्त की। इन तस्वीरों और वीडियो में पुलिस को पेरिस के प्लेस डे रिपब्लिका में शरणार्थियों के ख़िलाफ़ क्रूरता से बल प्रयोग करते हुए उन्हें बाहर निकालने की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है। पुलिस द्वारा सोमवार को खाली कराने की कार्रवाई की गई।

सोशल मीडिया पर जारी की गई तस्वीरों और वीडियो में पुलिस उन लोगों की बेरहमी से पिटाई और पीछा करते हुए देखा जा सकता है जो इस बेदखली के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस को शरणार्थी टेंट गिराते और लोगों को वहां से हटाते और उन्हें ज़मीन पर गिराते हुए भी देखा जा सकता है। पुलिस ने वामपंथी ला फ्रांस इंसुमाइज पार्टी के एक काउंसिल मेंबर डेनिएले साइमोनेट को भी धक्का दिया जो पुलिस को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

यह घटना फ्रांस में ऐसे समय में हुई है जब संसद में ग्लोबल सिक्योरिटी बिल पेश करने को लेकर पहले से उथल पुथल बढ़ी हुआ जो पुलिस को अधिक शक्ति देता है। इस बिल को लेकर प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के प्रयासों के आरोप लगाए जा रहे हैं।

पेरिस की मेयर ऐनी हिडाल्गो ने पुलिस की हिंसा और शरणार्थी शिविर को तोड़ने की निंदा की। उन्होंने फ्रांस के इंटेरियर मिनिस्टर जेराल्ड डरमानिन को लिखे पत्र में इस कार्रवाई को "फ्रांस के मानवीय कर्तव्य से वंचित" करना बताया। डरमानिन ने बाद में इस घटना को एक "झड़प" करार दिया और मंगलवार को एक ट्वीट पोस्ट में कहा कि "अवैध प्रवासी शिविर के बिखराव की कुछ तस्वीरें चौंकाने वाली हैं"। उन्होंने इस मामले की जांच की भी घोषणा की।

ला फ्रांस इंसुमाइज पार्टी के अन्य सांसद एरिक कोकेरेल ने पुलिस कार्रवाई को एक दमनकारी कार्रवाई बताते हुए पूरी तरह से "अपमानजनक" और बिना किसी उकसावे वाला बताया है। गार्डियन इनके हवाले से रिपोर्ट प्रकाशित की है।

मध्य पेरिस में स्थित ये कैम्प एक चैरिटी संगठन यूटोपिया 56 द्वारा किए गए आह्वान पर लगभग 450 शरणार्थियों द्वारा विरोध के रूप में लगाया गया था। यह विरोध कुछ दिन पहले पेरिस के उपनगर सेंट डेनिस से शरणार्थियों के जबरदस्ती बेदखली के खिलाफ प्रदर्शन का एक प्रयास था साथ ही सरकार से सड़कों पर सोने के लिए मजबूर सभी शरणार्थियों को आवास मुहैया कराने की मांग करना था।

 

France
police atrocity in france
refugee in france
brutal police force used on protestors in france

Related Stories

उथल-पुथल: राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता से जूझता विश्व  

सातवें साल भी लगातार बढ़ा वैश्विक सैन्य ख़र्च: SIPRI रिपोर्ट

फ्रांस में मैक्राँ की जीत से दुनियाभर में राहत की सांस

माली से फ़्रांसीसी सैनिकों की वापसी साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ ऐतिहासिक जीत है

मॉस्को कर रहा है 'गुड कॉप, बैड कॉप' का सामना

अफ़ग़ानिस्तान की ज़मीन को आतंकवाद का स्रोत नहीं बनना चाहिए : भारत, फ्रांस

ह्यूमन राइट्स वॉच ने न्यायेतर हत्याओं की ख़तरनाक स्थिति को लेकर इजिप्ट पर प्रतिबंध लगाने की मांग की

क़यामत का एक निरर्थक गिरजाघर

अतिदक्षिणपंथी और मैक्रोनवादी फ़्रांस का क्षेत्रीय चुनाव हार गए, जबकि ट्रेडिशनल पार्टियों ने बनाई पकड़

अमेरिका ने डेनमार्क की गुप्त एजेंसी की मदद से जर्मनी, फ़्रांस सहित यूरोप में अपने क़रीबी सहयोगियों की जासूसी की


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?
    31 May 2022
    बीते विधानसभा चुनाव में इन दोनों जगहों से सपा को जीत मिली थी, लेकिन लोकसभा उपचुनाव में ये आसान नहीं होगा, क्योंकि यहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है तो वहीं मुख्य…
  • Himachal
    टिकेंदर सिंह पंवार
    हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 
    31 May 2022
    केंद्र को यह समझना चाहिए कि हाती कोई सजातीय समूह नहीं है। इसमें कई जातिगत उपसमूह भी शामिल हैं। जनजातीय दर्जा, काग़जों पर इनके अंतर को खत्म करता नज़र आएगा, लेकिन वास्तविकता में यह जातिगत पदानुक्रम को…
  • रबीन्द्र नाथ सिन्हा
    त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान
    31 May 2022
    हाई-प्रोफाइल बिप्लब कुमार देब को पद से अपदस्थ कर, भाजपा के शीर्षस्थ नेतृत्व ने नए सीएम के तौर पर पूर्व-कांग्रेसी, प्रोफेसर और दंत चिकित्सक माणिक साहा को चुना है। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा
    31 May 2022
    “राज्य की शिक्षा, संस्कृति तथा राजनीतिक परिदृ्श्य का दमन और हालिया असंवैधानिक हमलों ने हम लोगों को चिंता में डाल दिया है।"
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?
    31 May 2022
    न्यूज़चक्र के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं उमर खालिद के केस की। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि उमर खालिद का भाषण अनुचित था, लेकिन यह यह आतंकवादी कृत्य नहीं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License