न्यूज़क्लिक की टीम से बात करते हुए देश के जाने माने पत्रकार रवीश कुमार ने कहा कि आज एंकर और चैनल दोनों किसी गुंडे की जुबान में बात कर रहे हैं। जब ऐसा हो रहा है तो इनको सुधारने वाले कहां से आएंगे।
दिल्ली में पत्रकारों के खिलाफ होने वाले हमले के विषय पर दो दिनों का सम्मेलन हुआ ।जहां देश के कोने - कोने से पत्रकार आएं और बहुत सारे जुझारू पत्रकारों ने अपनी बात रखी। न्यूज़क्लिक की टीम से बात करते हुए देश के जाने माने पत्रकार रवीश कुमार ने कहा कि आज एंकर और चैनल दोनों किसी गुंडे की जुबान में बात कर रहे हैं। जब ऐसा हो रहा है तो इनको सुधारने वाले कहां से आएंगे। एडिटर्स गिल्ड और ब्रॉडकास्टिंग एसोसिएशन जैसी संस्थाओं से कुछ नहीं होने वाला। यह लोग अधिक से अधिक लिख सकते हैं और कुछ नहीं कर सकते । अब राजनीति पर बात करने की जगह राजनीति पर प्रोपगंडा ठेलने का काम किया जाता है। सभी पत्रकारों को डराने के लिए बड़े नाम वाले पत्रकारों को परेशान किया जाता है।एक पत्रकार के निकलने से दस पत्रकार डर जाते हैं। इस समय पत्रकारों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बहुत अधिक बढ़ गया है ।इस दबाव से निकलने का कोई फॉर्मूला नहीं है। इस दबाव से रोजना लड़ना पड़ता है। हमारा पिछला अनुभव भी किसी काम नहीं आता है।
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