NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
चिन्मयानंद प्रकरण : एसआईटी ने जानबूझकर कमज़ोर किया मुकदमा?
महिला अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले मानते है कि चिन्मयानंद पर रेप की धारा नहीं लगाना क़ानून के साथ मज़ाक़ करने जैसा है। कानून के जानकार भी कहते हैं कि एसआईटी ने ऐसा कमज़ोर मुक़दमा दर्ज किया है, जिसमें अभियुक्त को आसानी से ज़मानत मिल सकती है।
असद रिज़वी
21 Sep 2019
chinmayanand
Image courtesy: Youtube

भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को भले ही गिरफ़्तार कर लिया गया है, लेकिन उनको बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है। जनता के बढ़ते दबाव और महिला संगठनों के आंदोलन से बचने के लिए चिन्मयानंद को जेल तो भेज दिया गया है, लेकिन उन के ऊपर रेप का मुक़दमा दर्ज नहीं किया गया है।

पीड़िता के साथ महिला संगठन भी विशेष जाँच दल (एसआईटी) की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। पीड़ित छात्रा का कहना है कि उसने एसआईटी को दिए बयान में साफ़ कहा था कि चिन्मयानंद ने रेप किया है। इसके बावजूद चिन्मयानंद पर रेप की धाराओं में मुक़दमा दर्ज नहीं हुआ है। महिला संगठनो का  आरोप है की योगी आदित्यनाथ सरकार अपनी पार्टी के नेता को बचाने की कोशिश कर रही है।

आदित्यनाथ सरकार पर चिन्मयानंद और सेंगर को बचाने का आरोप

इससे पहले भी योगी सरकार पर ऐसे ही आरोप लगे थे,कि सरकार उन्नाव रेप केस के अभियुक्त, बीजेपी विधायक को बचाने की कोशिश कर रही थी। उन्नाव रेप केस के अभियुक्त कुलदीप सिंह सेंगर और अब चिन्मयानंद दोनों पर रेप जैसे गंभीर आरोप लगने के बावजूद उनके ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई, आख़िर में दोनों के ख़िलाफ़ अदालत को सख़्त होना पड़ा। उल्लेखनीय है कि सेंगर उत्तर प्रदेश में बीजेपी से विधायक चुने गए थे और चिन्मयानंद बीजेपी के क़द्दावर नेता हैं और अटल सरकार में मंत्री भी रहे हैं।
चिन्मयानंद को गिरफ़्तार भी किया गया है तो एसआईटी पर आरोप है कि मुक़दमे को इतना कमज़ोर कर दिया गया है की अभियुक्त को आसानी से ज़मानत मिल जाए।  छात्रा के साथ रेप करने के आरोपी चिन्मयानंद को नागरिकों में बढ़ते ग़ुस्से और पीड़िता के आत्मदाह की धमकी के बाद गिरफ़्तार किया गया।

पीड़िता का आरोप

पीड़ित छात्रा ने मीडिया से साफ़ कहा है की वह एसआईटी की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। पीड़िता का कहना है एसआईटी से उसने साफ़ कहा कि चिन्मयानंद ने उसके साथ रेप किया,फिर भी उसके ख़िलाफ़ धारा 376 के अंतर्गत कार्रवाई नहीं की जा रही है। महिला संगठन भी एसआईटी की भूमिका पर प्रश्न उठा रहे हैं। क्योंकि महिला संगठन मानते हैं कि एसआईटी द्वारा मुक़दमा कमज़ोर कर अभियुक्त को बचाने की कोशिश की जा रही है।

चिन्मयानंद पर पहले भी लगे हैं आरोप

अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाषनी अली कहती हैं कि बीजेपी में अपनी पार्टी के रेप अभियुक्तों को बचाने की परम्परा है। रेप के अभियुक्त बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भी चिन्मयानंद की तरह बचाने की पूरी कोशिश की गई थी। यह पहली बार नहीं है कि जब चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है, इससे पहले भी उस पर ऐसे आरोप लग चुके हैं।फिर भी चिन्मयानंद को बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है। पीड़ित की हिम्मत की सराहना करते हुए सुभाषनी कहती हैं, कि वह अपने साथ हुए अपराध के ख़िलाफ़ ऐसे समय लड़ रही हैं, जब सत्तापक्ष रेप अभियुक्तों को संरक्षण दे रहा है।

पीड़िता पर दबाव बनाया जा रहा है

महिला संगठन मानते हैं कि चिन्मयानंद पर धारा 376 नहीं लगाने से सिद्ध होता है कि उत्तर प्रदेश सरकार आरोपी को बचाना चाहती है। साझी दुनिया की सचिव और लखनऊ विश्वविद्यालय की कुलपति रह चुकी प्रोफेसर रूपरेखा वर्मा कहती है कि रेप आरोपी चिन्मयानंद पर कमज़ोर मुक़दमा लगाया है ताकि उसको बचाया जा सके। इसके आलवा पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाने के लिए पीड़िता के साथियों को भी गिरफ़्तार किया जा रहा है। रूपरेखा कहती हैं, एक नहीं कई उदाहरण हैं जब “बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ” का नारा देने वाली बीजेपी के नेताओं पर महिला उत्पीड़न के मामले सामने आए और बीजेपी बेटियों के साथ नहीं अपने नेताओ के समर्थन में नज़र आई है। उन्नाव मामले में भी और चिन्मयानंद मामले में भी बीजेपी ने बेटियों का नहीं अपने नेताओ का समर्थन किया है।

जस्टिस वर्मा कमेटी की सिफ़ारिश भी नज़रंदाज़

महिला अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले मानते है कि चिन्मयानंद पर रेप का मुक़दमा नहीं लगाना क़ानून के साथ मज़ाक़ करने जैसा है। महिला अधिकारों के लिए काफ़ी समय से संघर्ष कर रही सुभांगनी सिंह कहती है कि चिन्मयानंद पर रेप केस नहीं लगाकर जस्टिस वर्मा कमेटी की सिफ़ारिशो को भी नज़रंदाज़ किया गया है। उन्होंने कहा कि निर्भया मामले के बाद 2013 में क़ानून में हुए बदलाव के अनुसार शिकायत होने के बाद, 24 घंटे के भीतर चिन्मयानंद की गिरफ़्तारी हो जाना चाहिए थी। लेकिन रेप के अभियुक्त की गिरफ़्तारी में उत्तर प्रदेश में 14 दिन लग गए है और मुक़दमे में धारा 376 नहीं लगाकर कर एसआईटी ने क़ानून की धज्जियाँ उड़ा दी हैं। सुभांगनी सिंह कहती हैं कि साफ है की क़ानून को भुला कर बीजेपी सरकार रेप जैसे जघन्य अपराध के अभियुक्तों को संरक्षण दे रही है।

एसआईटी की भूमिका पर प्रश्न

महिला अधिकारों के लिए सक्रिय रहने वाली तहिरा हसन कहती हैं कि पीड़िता के बयान और सबूत होने के बाद भी चिन्मयानंद के विरुद्ध रेप केस नहीं दर्ज होना एसआईटी की भूमिका पर प्रश्न उठाता है? मुक़दमा लिखते समय जस्टिस वर्मा कमेंटी की सिफ़ारिशो को नज़रंदाज़ क्यूँ किया गया है? उन्होंने कहा की चिन्मयानंद पर रेप का मुक़दमा नहीं लगने से महिला समाज मे निराशा है। तहिरा का आरोप है की अभियुक्त के पक्ष में खड़ी सरकार पीड़िता को भी फंसाने की कोशिश कर रही हैं। वह मानती हैं कि अगर ऐसा ही होता रहा तो क़द्दावर नेताओ के ख़िलाफ़ यौन शोषण की शिकायत करने से महिलाएँ हिचकिचाने लगेंगी।

क़ानून के जानकार क्या कहते हैं?

क़ानून के जानकर मानते हैं कि धारा 376 के बजाय धारा 376 (C) लगाने का अर्थ यही है कि अभियुक्त को बचाने की कोशिश हो रही है। अधिवक्ता मोहम्मद असद रिज़वी कहते हैं, पीड़िता का बयान देखते हुए चिन्मयानंद पर धारा 376 के अंतर्गत मुक़दमा दर्ज होने में दस साल की सज़ा का प्रावधान है और गिरफ़्तारी ज़रूरी होती है। जबकि 376 (C) में 5-साल की सज़ा है जो बढ़ कर 10 साल भी हो सकती है लेकिन गिरफ़्तारी ज़रूरी नहीं है। अधिवक्ता मोहम्मद असद कहते हैं की ऐसा प्रतीत होता है चिन्मयानंद की गिरफ़्तारी सिर्फ़ जनता का ग़ुस्सा कम करने के लिए हुई है, क्यूँकि एसआईटी ने कमज़ोर मुक़दमा दर्ज किया है, जिसमें अभियुक्त को आसानी से ज़मानत मिल सकती है।

Swami Chinmayananda
Chinmayanand Rape Case
sit
Women Rights
violence against women
BJP
Yogi Adityanath
yogi sarkar
UttarPradesh

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

चंदौली पहुंचे अखिलेश, बोले- निशा यादव का क़त्ल करने वाले ख़ाकी वालों पर कब चलेगा बुलडोज़र?

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

चंदौली: कोतवाल पर युवती का क़त्ल कर सुसाइड केस बनाने का आरोप

प्रयागराज में फिर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या, दो साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतारा

रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट : डाडा जलालपुर में अभी भी तनाव, कई मुस्लिम परिवारों ने किया पलायन

हिमाचल प्रदेश के ऊना में 'धर्म संसद', यति नरसिंहानंद सहित हरिद्वार धर्म संसद के मुख्य आरोपी शामिल 


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License