NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
'चित भी मेरी पट भी मेरी और सिक्का अडानी अम्बानी का !'
मोदी जी ने छोटे शहरों में उड़ान योजना के अंतर्गत हवाई सेवा के जो लाइसेंस बांटे हैं वह पवनहंस के नाम हैं, अब वह सीधे-सीधे उस कम्पनी को मिल जाएंगे जो पवनहंस खरीदने वाला है।
गिरीश मालवीय
06 Nov 2018
pawan hans
Image Courtesy: Indian Express

सरकारी हेलीकॉप्टर सेवा पवनहंस लिमिटेड के कर्मचारियों के संगठन ने कंपनी की विनिवेश प्रक्रिया में कथित अनियमितता का आरोप लगाते हुये नागर विमानन मंत्रालय से बोली के नियमों/ पात्रता की शर्तों को फिर से तय करने का आग्रह किया है।

आपको शायद याद होगा कि कुछ महीने पहले पवनहंस को किस तरह से निजी क्षेत्र को सौंपने की साजिश की जा रही है। इस पर एक पोस्ट लिखी थी। आज उस पोस्ट के निष्कर्ष पर मुहर लग गयी है।

दरअसल पवन हंस में नागर विमानन मंत्रालय के जरिये सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बाकी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ओएनजीसी की है। सरकार द्वारा लंबे समय से इसे बेचने की कोशिश की जा रही है लेकिन निजी क्षेत्र से कोई भी इस 51 फीसदी हिस्सेदारी को खरीदने को तैयार नहीं हुआ। मोदी सरकार में ONGC में संबित पात्रा जैसे आदमी निदेशक पद पर बिठाया गया और उसके बाद ONGC भी पवनहंस में अपनी हिस्सेदारी बेचने को राजी हो गया। सरकार ने अगस्त में साफ किया कि पवनहंस में उसकी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए बोली लगाने वालों को कंपनी में ओएनजीसी की शेष 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का भी विकल्प होगा।

लेकिन कल पवन हंस संयुक्त कर्मचारी फोरम ने विभाग के मंत्री को चिट्ठी लिख कर साफ कह दिया कि "हम कंपनी की विनिवेश प्रक्रिया में दोष पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं... बोली लगाने वाली जो इकाइयां कंपनी की आधी हिस्सेदारी के लिये ही पात्र हैं, उन्हें पूरी हिस्सेदारी देने का प्रस्ताव किया जा रहा है। यह सिर्फ न सिर्फ इन इकाइयों को अनुचित लाभ पहुंचाने के सामान है बल्कि कंपनी को अक्षम और अयोग्य खरीदार के हाथों में सौंपने जैसा काम होगा।"

पहले भी पवन हंस लिमिटेड कर्मचारी संघ ने सरकार से इस कंपनी निजीकरण नहीं करने का आग्रह किया था। उनका सुझाव था कि लाभ में चल रही इस कंपनी का सरकारी क्षेत्र के हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ विलय कर दिया जाना चाहिए लेकिन सरकार ने इसमे भी रुचि नही ली।

वैसे पवन हंस में सरकार जो हिस्सेदारी बेच रही है, इसकी रकम 500 करोड़ रुपये के आसपास है इसके लिए ऑल इंडिया सिविल एविएशन एंप्लॉयीज यूनियन ने ऑनरशिप ट्रांजेक्शन के लिए दुबई की मार्टिन कंसल्टिंग से सलाह ली थी और उसने यह रास्ता सुझाया कि एंप्लॉयीज किसी प्राइवेट इक्विटी या वेंचर कैपिटल फंड के साथ समझौता करेंगे जो उनकी तरफ से सरकारे के शेयर खरीदेगा। इसके लिए उन्हें 10 प्रतिशत तक का स्टॉक ऑप्शन दिया जाएगा। लेकिन यदि ऐसा हो जाता तो यह वाकई ऐतिहासिक कदम होता लेकिन मोदी सरकार को तो येन केन प्रकारेण इस सौदे को निजी क्षेत्र को ही सौंपना है। उसने ऐसी शर्ते लाद दीं कि पवनहंस कर्मचारियों के पास न जाने पाए।

वैसे इस वक्त पवन हंस के बेड़े में 42 हेलीकाप्टर हैं। पवनहंस अपने तरह की सेवा में एशिया में आज भी पहले नंबर पर है। पवनहंस 1992 से लाभ अर्जित कर रही है और 2014-15 के संदर्भ में कंपनी ने 223.69 करोड़ रुपये का लाभांश भी सरकार को चुकाया है।

मोदी जी ने छोटे शहरों में उड़ान योजना के अंतर्गत हवाई सेवा के जो लाइसेंस बांटे हैं वह पवनहंस के नाम हैं, अब वह सीधे-सीधे उस कम्पनी को मिल जाएंगे जो पवनहंस खरीदने वाला है। दरअसल पवनहंस को 7 लाख घंटे की उड़ान का अनुभव प्राप्त हैं जिसका मुकाबला अन्य कोई नयी कम्पनी नहीं कर सकती।

यह सारा खेल इसीलिए रचा गया थाली पूरी तरह से भरकर अपने मित्र उद्योगपतियों को सौंप दी जाएगी और साथ ही साथ विनिवेश का लक्ष्य हासिल हो जाने पर खुद की पीठ भी ठोक ली जाएगी। इसे कहते है 'चित भी मेरी पट भी मेरी और सिक्का अडानी अम्बानी का !'

 

(लेखक आर्थिक मामलों के जानकार हैं। उनका ये लेख उनके फेसबुक पेज से साभार लिया गया है।)

pawan hans choppers
privatization
ambani adani
Narendra modi
Modi Govt
ONGC

Related Stories

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

सरकारी एजेंसियाँ सिर्फ विपक्ष पर हमलावर क्यों, मोदी जी?

भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License