जनता को रोज़ी-रोटी देने में नाकाम हमारी सरकारें, हमारे जनप्रतिनिधि जनता को पूजा-नमाज़ में ही उलझाए रखना चाहते हैं। शायद यही वजह है कि झारखंड के बाद अब उत्तर प्रदेश और बिहार में भी विधानसभा में इबादत को लेकर विवाद बढ़ाए जाने की संभावना है।
कहावत है कि भूखे भजन न होय गोपाला यानी भूखे पेट भजन नहीं होता। पूजा पाठ नहीं होती। ये सब भरे पेट ही अच्छा लगता है। लेकिन जनता को रोज़ी-रोटी देने में नाकाम हमारी सरकारें, हमारे जनप्रतिनिधि जनता को पूजा-नमाज़ में ही उलझाए रखना चाहते हैं। शायद यही वजह है कि झारखंड के बाद अब उत्तर प्रदेश और बिहार में भी विधानसभा में इबादत को लेकर विवाद बढ़ाए जाने की संभावना है। जनसत्ता की ख़बर है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी ने विधानसभा स्पीकर से प्रेयर रूम की मांग की है। तो बिहार में बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने हिंदू भावनाओं का ख़्याल रखते हुए विधानसभा में हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए छुट्टी और जगह मुहैया कराने की मांग की है। उधर, झारखंड विधानसभा में विधानसभा परिसर में नमाज़ के लिए अलग से कमरा अलॉट किए जाने को लेकर बीजेपी विधायकों ने जमकर हंगामा किया।
कुल मिलाकर हमारी राजनीति और विधायिका पूजा-नमाज़ मेें ही उलझी है उधर बेरोज़गारी का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है और महंगाई अपने चरम पर है।