NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
चुनाव 2019; दिल्ली : बीजेपी को सेलिब्रिटी और कांग्रेस को पुराने चेहरों से आस
नामांकन के आख़िरी दिन दिल्ली की चुनावी तस्वीर साफ हो पाई। आप और कांग्रेस में समझौता नहीं हो पाया है। उधर बीजेपी को अपने दो वर्तमान सांसदों का टिकट काटना पड़ा है। टिकट न मिलने से बागी हुए उदित राज अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
मुकुंद झा
24 Apr 2019
चुनाव 2019; दिल्ली : बीजेपी को सेलिब्रिटी और कांग्रेस को पुराने चेहरों से आस

एक लंबी जद्दोजहद के बाद अब जाकर दिल्ली की चुनावी तस्वीर साफ हो पाई है। मंगलवार, 23 मई को दिल्ली में सातों लोकसभा सीटों के लिए नामांकन करने की आखिरी तारीख़ थी। दिल्ली का चुनावी मौसम ऐसा रहा कोई भी राजनीतिक दल अपने चुनावी अभियान को लेकर स्पष्ट नहीं दिख रहा था। यहां तक कि दो बड़ी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस और भाजपा दिल्ली में अपने उम्मीदवारों के चयन को लेकर आखिर दिन तक असमंजस की स्थति में थीं। भाजपा ने तो बिल्कुल अंत समय में उत्तर-पश्चिम सीट से अपने उम्मीदवार का ऐलान किया।

इस तरह नामांकन के आख़िरी दिन दिल्ली की चुनावी तस्वीर साफ हो पाई। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावनाएं पूरी तरह ख़त्म हो गई हैं। कांग्रेस ने सातों सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।

कांग्रेस ने 2014 की तुलना में इसबार अपने सभी पुराने और कद्द्वार नेताओ को उतारा है। पार्टी ने 2014 के तीन उम्मीदवारों के टिकट काट दिए हैं। राज्य की पूर्व सीएम शीला दीक्षित उत्तर पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ेंगी। इसके अलावा पूर्वी दिल्ली कांग्रेस चीफ अजय माकन नई दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इस सूची के साथ ही दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला तय हो गया है। आप ने पहले ही 7 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी थी। इससे पहले लंबे समय तक दोनों दलों के बीच आपसी सहमति और गठबंधन की कवायद चलती रही लेकिन वो अपने अंजाम तक नहीं पहुंची।

दिल्ली में लोकसभा की कुल सात सीटें हैं- 1. पूर्वी दिल्ली, 2. पश्चिम दिल्ली, 3. नई दिल्ली, 4. उत्तर पश्चिम दिल्ली, 5. उत्तर पूर्व दिल्ली, 6. दक्षिण दिल्ली 7. चांदनी चौक। 

2014 के चुनावों में इन सभी सातों सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी।

किस सीट पर कौन किसके सामने

पूर्वी दिल्ली

पूर्वी दिल्ली से भाजपा ने क्रिकेटर गौतम गंभीर को अपना उम्मीदवार बनाया है। पिछली बार यहां से भाजपा के महेश गिरी ने आप उम्मदीवार राजमोहन गांधी को हराया था। लेकिन भाजपा की अपनी अंदरूनी रिपोर्ट के अनुसार महेश गिरी के खिलाफ क्षेत्र में भारी नाराज़गी थी, इसलिए पार्टी ने उनका टिकट काटकर एक सेलीब्रेटी को उतरा है, लेकिन यह दांव कितना काम करेगा यह देखने वाली बात होगी। 

कांग्रेस ने इस बार यहां से अपने दिग्गज नेता अरविंदर सिंह लवली पर दांव लगाया है, जो दिल्ली में एक मात्र सिख उम्मीदवार हैं।

आम आदमी पार्टी (आप) ने आतिशी को यहां से उम्मीदवार बनाया है। माना जा रहा है कि इस बार इस सीट पर रोचक मुकाबला होगा। आतिशी सबसे पसंदीदा उमीदीवार हैं। उनकी छवि दिल्ली के सरकारी स्कूल के कायापलट करने को लेकर काफी अच्छी है।

पश्चिम दिल्ली

पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी ने अपने वर्तमान सांसद एमपी प्रवेश वर्मा को ही रिपीट किया है, जबकि कांग्रेस ने यहां से अपने पुराने दिग्गज नेता महाबल मिश्रा को खड़ा किया है। 2014 के चुनाव में मिश्रा यहां तीसरे नंबर पर रहे थे। वर्मा ने आप के जरनैल सिंह को ढाई लाख से ज्यादा के अंतर से हराया था। आप ने इसबार यहां से बलबीर सिंह जाखड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है।

नई दिल्ली

नई दिल्ली सीट काफी प्रतिष्ठित सीट मानी जाती है। बीजेपी ने इस सीट से अपनी वर्तमान सांसद मीनाक्षी लेखी को ही उम्मीदवार बनाया है। पिछली बार इस सीट पर मीनाक्षी लेखी ने आप के उम्मीदवार आशीष खेतान को 1.5 लाख से भी ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था। इनके खिलाफ भी भाजपा की अपनी रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा नाराज़गी थी। ऐसा माना भी जा रहा था कि इनका भी टिकट काटना तय है लेकिन अंतिम समय पार्टी ने इनके नाम पर मोहर लगा दी। कांग्रेस के अजय माकन यहां तीसरे नंबर पर रहे थे। कांग्रेस ने इसबार भी इस सीट से माकन को अपना उम्मीदवार बनाया है। आप ने ब्रजेश गोयल को टिकट दिया है।

उत्तर पश्चिम दिल्ली

उत्तर पश्चिम दिल्ली सुरक्षित सीट से बीजेपी ने उदित राज का टिकट काटकर गायक हंस राज हंस को उम्मीदवार बनाया है। पिछली बार बीजेपी के उदित राज ने यहां से आप की राखी बिड़ला को एक लाख से ज्यादा मतों से मात दी थी। उन्हें बेस्ट सांसद का भी सम्मान मिला था और वो भाजपा के एक बड़े दलित चेहरों में से एक थे, लेकिन कई मौकों पर उन्होंने बीजेपी की आधिकारिक लाइन से हटकर दलितों और आदिवासियों के हक़ में आवाज़ उठाई, शायद यही कारण रहा कि उनका टिकट काट दिया गया। एक टीवी चैनल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में भी उनका नाम आने से उनका टिकट कटना तय माना जा रहा था। इस स्टिंग ऑपरेशन में पैसों के लेन-देन के आरोप के अलावा उनके विरोध में जो सबसे बड़ी बात गई वो ये कि उन्होंने नरेंद्र मोदी की दो बड़ी योजनाओं नोटबंदी और जीएसटी की आलोचना की थी। हालांकि बताया जा रहा है कि उन्हें अंत समय तक टिकट का आश्वासन दिया जाता रहा। अब टिकट न मिलने से ‘आहत’ उदित राज ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। अब उनकी नाराज़गी और पार्टी बदल इस चुनाव पर कितना असर डालते हैं ये देखने वाली बात होगी।

2014 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस की कृष्णा तीरथ तीसरे नंबर पर रही थी। वे भी भाजपा में जाकर अब कांग्रेस में वापस लौट आई हैं।

कांग्रेस ने इस बार यहां से राजेश लिलोठिया को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि आप ने गुग्गन सिंह को खड़ा किया है। इसबार इस सीट पर काफी रोचक मुकाबला होने की उम्मीद है।

उत्तर पूर्व दिल्ली

उत्तर पूर्व दिल्ली इसबार दिल्ली की सबसे हॉट सीट में से एक है। इस सीट पर तीनों ही पार्टी के बड़े नेता मैदान में हैं। इस सीट से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, कांग्रेस की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और आप से दिलीप पांडेय चुनाव लड़ रहे हैं। 2014 के चुनाव में भाजपा के मनोज तिवारी ने आप उम्मीदवार आनंद कुमार को हराया था। लेकिन इसबार इस सीट पर भी मुकाबला बहुत ही कड़ा दिख रहा है।

चांदनी चौक

चांदनी चौक से बीजेपी ने अपने वर्तमान सांसद डॉ. हर्षवर्धन को ही उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने यहां से जयप्रकाश अग्रवाल और आप ने पंकज गुप्ता को खड़ा किया है। 2014 के चुनाव में हर्षवर्धन ने यहां से आप के आशुतोष को हराया था। कांग्रेस के कपिल सिब्बल यहां तीसरे नंबर पर रहे थे। लेकिन जयप्रकाश इस सीट से पहले सांसद रह चुके है और उनकी व्यापारी वर्ग में अच्छी पकड़ मानी जाती है। आप भी पिछले काफी समय से व्यापारियों के सवालों को बड़ी मुखरता से उठती रही है। सीलिंग और जीएसटी  जैसे समस्याओं को लेकर व्यापारी वर्ग भाजपा से नाराज़ दिख रहा है।

दक्षिण दिल्ली

दक्षिण दिल्ली से बीजेपी ने यहां से भी वर्तमान सांसद रमेश विधूड़ी को फिर से मैदान में उतारा है। आप ने यहां से युवा राघव चड्ढा को मैदान में उतारा है। 2014 में बीजेपी के विधूड़ी ने आप के देवेंद्र सहरावत को एक लाख से ज्यादा के अंतर से हराया था। कांग्रेस उम्मीदवार रमेश कुमार यहां तीसरे नंबर रहे थे। कांग्रेस इस बार यहां बॉक्सर विजेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाकर लाई है। विजेंद्र 11 साल पहले 2008 में बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बने थे। इसके साथ ही वो पेशेवर सर्किट में भी एशिया पैसीफिक सुपर मिडिलवेट और ओरिएंटल मिडिलवेट खिताब जीत चुके हैं।

दिल्ली में अब सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। नामांकन भी ख़त्म हो चुका है लेकिन अब भी आप को छोडकर कोई भी पार्टी अपने उम्मीदवार को लेकर एकमत नहीं दिख रही है।

कांग्रेस की मुश्किल

कांग्रेस यह कह सकती है कि वो दिल्ली में गठबंधन का इंतजार कर रहे थे लेकिन सच्ची यह भी की उनके पास भी ऐसा कोई चेहरा नहीं रहा जिसे वो सीधे चुनाव में उतार दे। उसने एक बार फिर अपने पुराने चेहरों को घुमा-फिराकर टिकट दिया है। कई लोगों का तो यहां तक कहना है की कांग्रेस एकबार फिर दगे हुए कारतूस दाग रही है। कांग्रेस की सबसे बड़ी परेशानी है कि उसका अपने कार्यकर्ता के साथ कनेक्ट नहीं दिख रहा है और बिना ज़मीनी संगठन के चुनाव लड़ना आसान नहीं होने वाला है।

बीजेपी के लिए भी यह चुनाव इतना आसान नहीं

बीजेपी 2014 के चुनावों में सातों सीटें जीती थी लेकिन अगले ही बरस 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा के चुनावों में इन सात लोकसभा क्षेत्रों में फैली 70 विधानसभा सीटों में सिर्फ 3 पर सिमट गई थी। केवल लोकसभा की भी बात करें तो इस बार उसे अपने दो वर्तमान सांसदों के टिकट काटने पड़े हैं। इसबार वो अपने काम के आधार पर नहीं बल्कि सेलिब्रिटी उम्मीदवारों के सहारे दिख रही है। जिनको टिकट दिया गया है उनके पक्ष में कोई खास अच्छी हवा नहीं दिख रही है।

बिजली मिस्त्री और नरेला के होलम्बी कलां के निवासी विपिन कुमार ने कहा कि मतदाता ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। पहले हमारे निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व उदित राज ने किया था, जिन्होंने हमारी समस्याओं के बारे में हमसे मिलने की भी जहमत नहीं उठाई। मुझे नहीं पता कि अगर हंस राज हंस, निर्वाचित होते हैं, तो हमारी समस्याओं के बारे में कितना ध्यान रखेंगे। अपनी सीट के अचानक ‘वीआईपी’ सीट होने का एहसास उत्तर-पूर्व निर्वाचन क्षेत्र के निवासियों को हुआ, जिसका प्रतिनिधित्व भोजपुरी गायक मनोज तिवारी करते हैं। यहां के निवासियों का कहना है कि वह अपने कार्यकाल के दौरान दुर्लभ रहे। मुकुंदपुर की रहने वाली रितु ने कहा, " हम भलस्वा झील के अलावा एक सड़क के निर्माण के लिए अनुरोध कर रहे हैं ताकि हम राष्ट्रीय राजमार्ग पर आसानी से जा सकें। लेकिन उन्होंने पिछले 5 साल में हमारी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया।”

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अभय दुबे ने कहा कि किसी भी पार्टी को सेलिब्रिटी उम्मीदवारों को उतारने का कुछ फायदा तो मिलता है लेकिन यहां यह इतना आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा, "सेलिब्रिटी उम्मीदवारों को मैदान में उतारने से, पार्टियों को लगता है कि उन्हें अपने उम्मीदवारों को मतदाताओं से मिलाने की जरूरत नहीं है। लेकिन आम आदमी पार्टी द्वारा किए गए मजबूत कैडर और जमीनी काम को देखते हुए, भाजपा को 2014 का परिणाम दोहराना आसान नहीं होगा।"

इसे भी पढ़े :चुनाव 2019 : दिल्ली की आबो-हवा की तरह राजनीति में भी कुछ साफ नहीं

lok sabha election
2019 चुनाव
General elections2019
BJP
AAP
Congress
Delhi
manoj tiwari
Arvind Kejriwal
sheila dixit
udit raj
gautam gambhir
vijender singh boxer
hans raj hans

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License