NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
चुनाव 2019 : जयापुर की चमक के मुखौटे के पीछे की झलक
"निश्चित है कि मोदी जी वापस सत्ता में आएंगे, लेकिन युवाओं को रोजगार कौन देगा?" एक ग्रामीण ने सवाल उठाया।
सौरभ शर्मा
14 May 2019
Translated by महेश कुमार
JAYAPUR

जयापुर (वाराणसी) : जब जयापुर का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस को पार कर रहा था तब न्यूज़क्लिक की टीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गोद लिए गए गांव जयापुर पहुंची जिसका रास्ता चांदपुर से निकलता है।

चांदपुर में प्रवेश करते समय, जिसने सबसे पहले हमारा ध्यान अपनी और आकर्षित किया वह कुल्हाड़ी से लकड़ी काटने वाला एक युवा लड़का था, जो शायद अपने चूल्हे (मिट्टी का चूल्हा) के इस्तेमाल के लिए लकड़ी काट रहा था। इनका नाम अभय कुमार (18) है, जो टॉपर्स में से एक था, जिन्होंने कुछ ही वर्ष पहले  बारहवीं कक्षा में 72 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। वह अब पास के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में से एक में फिटर ट्रेड कोर्स कर रहा है।

अभय कुमार, जो अनुसूचित जाति से हैं, ने कहा, “मैं एक कृषि वैज्ञानिक बनना चाहता था और अब भी ऐसा ही करना चाहता हूँ। मैंने प्रवेश भी ले लिया था, लेकिन पढ़ाई छोड़ने के लिए कहा गया क्योंकि हम शुल्क जमा करने में विफल रहे। इसलिए, मैं अब आईटीआई कोर्स कर रहा हूं।"

अभय कुमार ने पूछा, "जयापुर में आख़िर कोई भी व्यक्ति ऐसे गांव की यात्रा करने की इच्छा क्यों करेगा, जिसमें कच्ची सड़कें, खुले में शौच और पीने के पानी की भारी कमी मौजूद है?"

जयापुर

ज़िला मुख्यालय से लगभग 24 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित जयापुर गाँव, पहली नज़र में एक 'आदर्श गाँव' का आभास देता है। लेकिन गांव में प्रवेश करने के बाद, हमें पता चला कि जो चमकता है वह केवल सोना नहीं है।

JAYAPUR2.jpg

गांव में एक स्वच्छ बस स्टॉप है, एटीएम है, कुछ राष्ट्रीय बैंकों की शाखा और डाक घर है, लेकिन लोग सरकारी अधिकारियों के रवैये से खुश नहीं हैं।

कबाड़ का काम (स्क्रैप) करने वाले  एक व्यापारी 37 वर्षीय सानू कुमार ने न्यूज़क्लिक को बताया कि सरकार को विशेष रूप से मीडिया वालों के लिए गाँव में एक अलग हेलीपैड बनाने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि वे यहां कई बार आते हैं, और केवल हरभरा पक्ष दिखाते हैं।

“आप लोगों को दिखाना चाहते हैं कि हमारे गांव में स्कूल है, सड़कें हैं और सब कुछ ठीक है। इसमें कोई शक नहीं, यह एक बड़ा बदलाव है, और हम इसके लिए खुश हैं। लेकिन इसके आगे क्या? नौकरियां कहां हैं? हम पैसा कैसे कमाए? ” सानू ने सवाल खड़ा किया।

हालाँकि, मोदी के खिलाफ बोलने के लिए ग्राम प्रधान नारायण पटेल ने सानू को तुरंत डपट दिया, जिस पर सानू ने जवाब दिया, “आएगा तो मोदी लेकिन रोज़गार का क्या होगा। मुझे मालूम है कि तुम्हारा लड़का भी कुछ नहीं कर रहा है, इसलिए बेहतर होगा कि आप घर जाकर सोएं।”

JAYAPUR3.jpg

ग्राम प्रधान नारायण पटेल l

सानू ने निष्कर्ष पर पहुंचते हुए कहा कि प्रशासन को गांवों के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए गांव के पास एक उद्योग स्थापित करने के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए, जो नौकरियों की अनुपलब्धता के कारण पूरे दिन मोबाइल फोन पर व्यस्त रहते हैं।

गांव के 62 वर्षीय पटेल ने न्यूज़क्लिक को बताया, “जयापुर एक कृषि प्रधान (कृषि-आधारित) गांव है और गांव के युवा कृषि पर अत्यधिक निर्भर हैं। हमारे सभी लड़के शिक्षित हैं और युवा नियमित रूप से स्कूलों में जाते हैं। कुछ युवा लड़के हैं जो नौकरी के लिए शहरों में जाते हैं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि उन्हे मिल रहे कम वेतन से वे खुश हैं। कम वेतन लंबे समय तक नहीं रहेगा, और मोदी जी इसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। युवा नौकरी से ज्यादा फसल उगाना पसंद करते हैं। ”

जयापुर एक पटेल बहुल गांव है जिसकी आबादी लगभग 3,200 है, जिनमें से 2,600 मतदाता हैं। गांव में 40 प्रतिशत पटेल वोट (OBC), 25 प्रतिशत भूमिहार और बाकी में अनुसूचित जाति और अन्य जातियां शामिल हैं।

इस बीच, न्यूज़क्लिक की टीम के साथ जयापुर गांव में चल रहे अभय ने कहा कि काम के अभाव में उसके पिता ने कालीन बनाना बंद कर दिया है, और अपने हैंडलूम के कारखाने को उजाड़ दिया है। अभय को अब परिवार के लिए रोटी कमाने वाला बनना पड़ सकता है।

कृषि विज्ञान का अध्ययन नहीं कर पाने के लिए अपनी किस्मत को कोसते हुए, कुमार कहते हैं कि देश को उसके  लिए वास्तविक काम करने वाला व्यक्ति मिला होता, लेकिन यह न तो देश के भाग्य में है, न ही उनके भाग्य में है।

(प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के गांवों की ज़मीनी हक़ीक़त यानी ग्राउंड रिपोर्ट हम आपको तीन हिस्सों में दिखाएंगे।  जयापुर इस श्रृंखला की पहली कड़ी थी।)  

Jayapur
Chandpur
Uttar pradesh
varanasi
BJP
Narendra modi
2019 आम चुनाव
General elections2019
2019 Lok Sabha elections

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है


बाकी खबरें

  • dharm sansad
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    (अ)धर्म संसद मामला: यति नरसिम्हानंद और अन्नपूर्णा समेत 10 लोगों के ख़िलाफ़ दूसरी प्राथमिकी दर्ज
    03 Jan 2022
    इस (अ)धर्म संसद में भड़काऊ बयान देने वालों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर लोगों ने शुक्रवार और शनिवार को देहरादून और हरिद्वार में विरोध मार्च निकाला।
  • cartoon
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
    लखीमपुर खीरी कांड : एसआईटी ने दाखिल किया 5000 पन्नों का आरोप पत्र
    03 Jan 2022
    आपको बता दें कि 3 अक्टूबर, 2021 को गाड़ियों से कुचलकर चार किसानों की जान लेने के मामले में एसआईटी को 90 दिन के अंदर आरोप पत्र दाखिल करना था। आज आख़िरी ही दिन था। इसका स्वागत किया जाना चाहिए...हालांकि…
  • energy
    प्रबीर पुरकायस्थ
    यूरोप में गैस और बिजली के आसमान छूते दाम और भारत के लिए सबक़
    03 Jan 2022
    सर्दियों में यूरोपीय यूनियन में गैस के दाम आकाश छूने लगते हैं, जैसा कि पिछले साल हुआ था और इस बार फिर से हुआ है।
  • Savitribai Phule
    राज वाल्मीकि
    मौजूदा दौर में क्यों बार बार याद आती हैं सावित्री बाई फुले
    03 Jan 2022
    जयंती पर विशेष: आज सावित्री बाई को इसलिए भी याद किया जाना जरूरी है कि जिस मनुवादी व्यवस्था के खिलाफ लड़कर सावित्री बाई फुले ने औरतों के लिए जगह बनाई थी, वही आज दोबारा हावी हो रही है।
  • covid
    न्यूज़क्लिक टीम
    सावधान : देश में तीन महीने बाद कोरोना के 30 हज़ार से ज़्यादा नए मामले सामने आए
    03 Jan 2022
    देश में कोरोना के मामलों में बहुत तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 33,750 नए मामले दर्ज किये गए हैं। वहीं ओमीक्रॉन के मामलो की संख्या बढ़कर 1,700 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License