NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
चुनाव 2019: किसानों को मिलने वाली मोदी की मामूली मदद पर संकट के बादल
पीएम किसान योजना के तहत किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये देने का वादा किया गया है जिसकी पहली किश्त जारी कर दी गई है। लेकिन सबकुछ ठीक नहीं लगता है।
सुबोध वर्मा
08 Apr 2019
चुनाव 2019: किसानों को मिलने वाली मोदी की मामूली मदद पर संकट के बादल

हाल में प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट के अनुसार छोटे और सीमांत किसानों को आमदनी में सहायता के रूप में दिए जाने वाले 6,000 रुपये की मोदी सरकार की बहुप्रचारित योजना शुरू हो गई है और 2.97 करोड़ किसानों को 5,940 करोड़ रुपये हस्तांतरित कर दिए गए हैं। पहली किश्त के रूप में प्रत्येक किसान को 2,000 रुपये दिए गए हैं।

केवल एक तिहाई लक्षित किसानों को पैसा मिला - और मोदी यह जानते हैं

इस रिपोर्ट में एक अज्ञात "वरिष्ठ कृषि विभाग के अधिकारी" के हवाले से कहा गया है कि वास्तव में विभिन्न राज्यों ने 4.76 करोड़ किसानों का डेटा भेजा था जिसमें से 76 लाख किसानों के डेटा में अंतर पाए गए थे। इस तरह ये बर्बाद कर दिया गया। अब 4 करोड़ किसान बच गए। इनमें से 2.97 करोड़ किसानों को मामूली रक़म दी गई और शेष 1.03 करोड़ किसानों को दी जाने वाली रक़म इस महीने मिलेगी। उनके हवाले से लिखा गया कि दूसरी किश्त भी इसी महीने सभी 4 करोड़ किसानों को दी जाएगी।

इस योजना को आधिकारिक रूप से पीएम किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) कहा जाता है जिसे इस साल फ़रवरी में संसद के बजट सत्र के दौरान घोषित किया गया था। जनवरी से मार्च के लिए पहली किश्त वित्त वर्ष 2018-19 के तहत शामिल की गई थी जबकि दूसरी किश्त अगले वित्त वर्ष 2019-20 में शामिल की गई।

यह बड़े शोर शराबे के साथ घोषित किया गया कि सभी छोटे और सीमांत किसानों जिनकी संख्या क़रीब 12.5 करोड़ है उन्हें यह पैसा मिलेगा। (मोदी शायद उन पट्टेदार किसानों को भूल गए जो छोटे और सीमांत हैं और एक अनुमान के अनुसार इनकी संख्या लगभग 2.1 करोड़ है।) ऐसी ख़बरें आई हैं कि सरकार ने कितनी जल्दबाज़ी में ये क़दम उठाया है और किस तरह ये देश भर में कथित तौर पर असहाय छोटे किसानों के बीच वाहवाही और ख्याति फैला रही है।

लेकिन लक्षित लगभग 12.5 करोड़ किसानों में एक चौथाई किसानों को ही पहली किश्त मिली है। जबकि पहले ही 76 लाख किसानों को अस्वीकृत कर दिया गया है।

कुछ राज्यों को ही सभी लाभ मिले

इसी रिपोर्ट द्वारा दिए गए राज्य-वार आंकड़ों से एक विचित्र सच्चाई सामने आती है। राशि प्राप्त करने वाले 2.97 करोड़ किसानों में से 1.11 करोड़ या लगभग एक तिहाई किसान केवल एक राज्य यानी उत्तर प्रदेश के थे। अन्य 1.15 करोड़ किसान पांच राज्यों (आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, गुजरात और महाराष्ट्र) से थे। शेष 71 लाख किसानों को छुटपुट तरीक़े से शेष 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वितरित किए गए।

क्या यह कोई राजनीतिक चाल है या और कुछ? ऐसा लगता है कि ये बड़ी योजना वास्तविक भारत को जल्दबाज़ी में पूरा करने की कोशिश कर रही है। दरअसल राजनीतिक चाल ही ख़ुद ये योजना थी जिसका ऐलान नाराज़ किसानों को ख़ुश करने के इरादे से लोकसभा चुनाव से महज़ कुछ दिनों पहले ही किया गया था। लेकिन इसका एकमात्र तरीक़ा यह था कि आदर्श आचार संहिता के लागू होने से पहले छोटे और सीमांत किसानों (जिनके पास 2 हेक्टेयर या उससे कम भूमि थी) की पहचान की जाती।

अब भारत में भूमि रिकॉर्ड यूपीए के समय से डिजिटलीकरण की एक जटिल प्रक्रिया से गुज़र रहा है। कई समस्याएँ हैं जैसे बुनियादी ढांचा अभी तक नहीं बना, लाखों की संख्या में भूमि विवाद अदालत में, पूर्वजों के नाम पर भूमि, दाख़िल ख़ारिज नहीं किए गए और इसी तरह की अन्य समस्याएँ हैं। संसद में दिए गए उत्तर के अनुसार बड़े राज्यों जैसे असम, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, केरल, पंजाब, तमिलनाडु और उत्तराखंड अभी भी डिजिटलीकरण की प्रक्रिया में हैं, जबकि उत्तर पूर्व के कुछ राज्यों में अभी भी शुरू नहीं किया गया है।

इसीलिए, केवल 4.76 करोड़ किसान वास्तव में पहली किश्त में योजनाबद्ध थे जिसमें 76 लाख अस्वीकृत हो गए। इसमें से केवल 2.9 करोड़ किसानों को मनी ट्रांसफ़र प्रभावित कर सकता है।

इस तरह एक क़दम पीछे हटें और फिर देखें। 12.5 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों में से केवल 2.97 करोड़ को ही मामूली रक़म 2,000 रुपये मिले और अन्य 1.03 करोड़ किसानों को ये रक़म इस महीने मिलेगी। रिपोर्ट के अनुसार ये एक अज्ञात अधिकारी का बयान है।

'पीएम किसान' क्यों हुआ बर्बाद ?

मोदी यह प्रभाव डालने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने सभी 12.5 करोड़ किसानों के बैंक खातों में पैसा पहुँचाने का आदेश दिया है लेकिन कुछ राज्य बाधाएँ पैदा कर रहे हैं। यह सही नहीं है। अधिकांश राज्य डिजिटल भूमि रिकॉर्ड नहीं बना पाए हैं जिनमें कई बीजेपी शासित राज्य (जैसे मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़) शामिल हैं जहाँ पिछले साल दिसंबर में हारने तक 15 साल तक लगातार बीजेपी ने शासन किया था। मोदी की पार्टी बीजेपी स्वयं इस राशि के वितरण में एक रोड़ा है।

निश्चित रूप से मोदी और उनकी पार्टी के मंत्रियों को पता होगा कि यह डिजिटल भूमि रिकॉर्ड के मामले में यह एक निराशाजनक स्थिति थी और इसलिए वादे को पूरा करना असंभव होगा। फिर भी वे यह दावा करते रहे कि 12.5 करोड़ किसानों को आमदनी में सहायता दी जाएगी।

यह संभावना है कि शेष 8.5 करोड़ या इतने ही किसानों को इस चुनावी मौसम में कोई पैसा नहीं मिलेगा। चुनाव आयोग ने कहा है कि केवल उन लाभार्थियों को राशि देने की अनुमति होगी जिनके नाम 10 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले केंद्र सरकार ने प्राप्त कर लिए थे। किसी भी तरह यह असंभव है कि इस चुनावी सीज़न में अन्य और संख्या को जोड़ा जाए।

आख़िर में सवाल यह है कि क्या 4 करोड़ किसानों को मिलने वाला पैसा वास्तव में परेशान मोदी और उनकी बीजेपी को वोट दिलाने में मदद करेगा? देश भर से आ रही ग्राउंड रिपोर्टों में इसमें संदेह लगता है। जबकि कई किसान कथित रूप से कह रहे हैं कि 2,000 रुपये से उनके नुकसान और क़र्ज़ पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है। इसी तरह बड़ी संख्या में वे किसान नाराज़ हैं जिन्हें अभी तक कुछ भी नहीं मिला है।

हाल ही में टीवी टॉक शो के प्रस्तुतकर्ताओं की राय और यहाँ तक कि तथाकथित ओपिनियन पोल्स में जबरन यह सुझाव देने की कोशिश की जा रही है कि पीएम-किसान योजना और इसका मामूली अंशदान लोकप्रियता में वृद्धि करेगा। यह बेहद असंभव लग रहा है। यहाँ तक कि उन राज्यों में जहाँ पर्याप्त संख्या में किसानों को ये मामूली रक़म मिली है वहाँ मोदी और उनकी पार्टी लगातार संघर्ष कर रही है।

pm kisan
PM Kisan Samman Nidhi
Modi government
Narendra modi
elections 2019
Lok Sabha Elections 2019
Agrarian Distress
Farmers Issues
farmers protest
BJP government
Farmers Loans
MODEL CODE OF CONDUCT
Financial Assistance for Farmers

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़


बाकी खबरें

  • समीना खान
    विज्ञान: समुद्री मूंगे में वैज्ञानिकों की 'एंटी-कैंसर' कम्पाउंड की तलाश पूरी हुई
    31 May 2022
    आख़िरकार चौथाई सदी की मेहनत रंग लायी और  वैज्ञानिक उस अणु (molecule) को तलाशने में कामयाब  हुए जिससे कैंसर पर जीत हासिल करने में मदद मिल सकेगी।
  • cartoon
    रवि शंकर दुबे
    राज्यसभा चुनाव: टिकट बंटवारे में दिग्गजों की ‘तपस्या’ ज़ाया, क़रीबियों पर विश्वास
    31 May 2022
    10 जून को देश की 57 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं, ऐसे में सभी पार्टियों ने अपने बेस्ट उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। हालांकि कुछ दिग्गजों को टिकट नहीं मिलने से वे नाराज़ भी हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    यूक्रेन: यूरोप द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाना इसलिए आसान नहीं है! 
    31 May 2022
    रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाना, पहले की कल्पना से कहीं अधिक जटिल कार्य साबित हुआ है।
  • अब्दुल रहमान
    पश्चिम बैन हटाए तो रूस वैश्विक खाद्य संकट कम करने में मदद करेगा: पुतिन
    31 May 2022
    फरवरी में यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूस पर एकतरफा प्रतिबंध लगाए हैं। इन देशों ने रूस पर यूक्रेन से खाद्यान्न और उर्वरक के निर्यात को रोकने का भी आरोप लगाया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट
    31 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,338 नए मामले सामने आए हैं। जबकि 30 मई को कोरोना के 2,706 मामले सामने आए थे। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License