काशी की नब्ज़ Pulse of India को टटोलने के लिए वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह पहुंची वाराणसी। जिस गंगा मइया के बुलावे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां से 2014 में भी चुनाव लड़ा था, वहां के वासियों से कितना इंसाफ किया, वाराणसी की जनता के क्या मुद्दे हैं, क्या है उनका दुख-दर्द और क्या इसकी कहीं सुनवाई है कि नहीं।
काशी की नब्ज़ Pulse of India को टटोलने के लिए वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह पहुंची वाराणसी। जिस गंगा मइया के बुलावे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां से 2014 में भी चुनाव लड़ा था, वहां के वासियों से कितना इंसाफ किया, वाराणसी की जनता के क्या मुद्दे हैं, क्या है उनका दुख-दर्द और क्या इसकी कहीं सुनवाई है कि नहीं। मोदी के वाराणसी आने भर से साफ-सफाई करने वाले डोम समुदाय के लोग खौफज़दा है क्योंकि उन्हें उजाड़ दिया जाता है। तमाम दावों की कलई खुलती है, उनके पास जाकर-रहने को घर नहीं, पीने को पानी नहीं, खाने को अनाज नहीं...। मल्लाह समेत बाकी समाज भी तबाह है।
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