NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
चुनाव 2019 विश्लेषण : मध्य प्रदेश में अपनी 11 सीटें हार सकती है भाजपा
न्यूज़क्लिक द्वारा किए गए विश्लेषण से विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा मुरैना, भिंड, ग्वालियर (चंबल क्षेत्र), टीकमगढ़, शहडोल, मंडला, देवास, रतलाम, धार, बैतूल और राजगढ़ में हार सकती है। इनमें से आठ सीटें आरक्षित हैं।
काशिफ काकवी
26 Mar 2019
Translated by महेश कुमार
सांकेतिक तस्वीर
(फाइल फोटो)

भोपाल : कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार 23 मार्च को लोकसभा चुनाव के लिए मध्य प्रदेश में अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है।

राज्य में 29 संसदीय सीटें हैं जिनमें 10 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं। कांग्रेस की पहली सूची में भोपाल सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित नौ उम्मीदवारों के नाम हैं, जबकि भाजपा ने मुरैना से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित 15 उम्मीदवारों की घोषणा की है।

दोनों ही दल सभी सीटों से चुनाव लड़ने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। फिलहाल 29 सीटों में से बीजेपी के पास 26 और कांग्रेस के पास 3 सीटें हैं।

सागर में हाल ही में 10 मार्च को आयोजित की गई रैली में भाजपा प्रमुख अमित शाह ने सभी 29 सीटें जीतने का दावा किया और पार्टी कार्यकर्ताओं से इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद करने का आग्रह किया। इससे पहले, कांग्रेस महासचिव और गुना निर्वाचन क्षेत्र से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भोपाल में आभार रैली में इसी तरह की शपथ ली थी।

हालाँकि, हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में कोई भी पार्टी चुनाव में एकतरफा परिणाम नहीं ला सकती है, लेकिन फिर भी अगर विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने जिस तरह से मतदान किया और अगर वह वैसे ही लोकसभा में करती है, तो भाजपा अपनी 2014 में जीती 27 सीटों में से 11 कांग्रेस के हाथों खो देगी। यहां आपको बता दें कि भाजपा ने 2015 में झाबुआ-रतलाम सीट पर हुए उपचुनाव में अपनी सीट कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया के हाथों गंवा दी थी। यहां पहले भाजपा के दिलीप सिंह भूरिया चुनाव जीते थे जिनकी बीमारी से मौत हो गई थी।

न्यूज़क्लिक द्वारा किए गए विश्लेषण से विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक, मुरैना, भिंड, ग्वालियर (चंबल क्षेत्र), टीकमगढ़, शहडोल, मंडला, देवास, रतलाम, धार, बैतूल और राजगढ़ में भाजपा हार सकती है। इनमें से आठ सीटें आरक्षित हैं।

आंकड़ों के मुताबिक अगर इन सभी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस सभी 11 निर्वाचन क्षेत्रों में आगे है, जो एक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का गठन करती है जहां ये चुनाव होने हैं। जबकि बीजेपी को 18 सीटों पर बढ़त हासिल थी और अगर इन सीटों पर 2014 के नतीजों को दोहराया जाता है और मतदाता भाजपा का दामन नहीं छोड़ते हैं जिन्होंने विधानसभा चुनाव में उसे वोट दिया था।

आइए हम ग्वालियर और मुरैना संसदीय सीटों का उदाहरण लेते हैं।

ग्वालियर संसदीय क्षेत्र आठ विधानसभा सीटों - ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर दक्षिण, ग्वालियर ग्रामीण, डबरा, भितरवार, करेरा और पोहरी से बना है। 2014 के आम चुनावों में, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यहां 2.96 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी और भाजपा 2013 के विधानसभा चुनावों में आठ में से पांच विधानसभा सीटें पहले ही जीत चुकी थी। लेकिन 2018 में, भाजपा यहां केवल एक सीट पर ही जीत हासिल कर सकी - ग्वालियर ग्रामीण - और कांग्रेस ने बाकी सभी सीटें जीत लीं।

यदि इन निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस दोनों उम्मीदवारों को कुल मिले वोट जोड़ ले तो, जो संसदीय सीट के दायरे में आते हैं, तो कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा की तुलना में 1.33 लाख अधिक मत हासिल किए।

मुरैना संसदीय क्षेत्र में, आठ विधानसभाएं हैं - श्योपुर, विजयपुर, सबलगढ़, जौरा, सुमौली, मुरैना, डिमिनी और अम्बाह। भाजपा के अनूप मिश्रा ने 2014 के आम चुनावों में 1.32 लाख मतों के अंतर से यह सीट जीती थी। और 2013 के विधानसभा चुनावों में, बीजेपी ने आठ में से पांच सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस एक और बसपा ने दो विधानसभा सीटें जीती थी। लेकिन 2018 में, भाजपा को इस क्षेत्र से बड़े पैमाने पर झटका लगा और वह केवल दो सीटें जीत पाई, जबकि कांग्रेस ने छह सीटों पर जीत हासिल की।

इन निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस दोनों उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त मतों को जोड़ने पर, जो संसदीय सीट का गठन करते हैं, यह स्पष्ट है कि कांग्रेस ने हाल ही में हुए 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा की तुलना में 1.26 लाख मत अधिक हासिल किए थे।

कांग्रेस के पास पहले से ही राज्य की तीन संसदीय सीटें हैं, छिंदवाड़ा, गुना और रतलाम।

अब तक, हालात कांग्रेस के पक्ष में दिख रहे हैं, लेकिन अगर मतदाताओं ने उसी पार्टी को चुना, जिसे उन्होंने विधानसभा चुनाव में वोट दिया था, तो कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए स्थिति बदल जाएगी।

गुना संसदीय क्षेत्र में शिवपुर, पिछोर, कोलारस, बामोरी, गुना, अशोक नगर, चंदेरी और मुंगौली विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं और सिंधिया इस सीट से सांसद हैं। यदि 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा और कांग्रेस दोनों द्वारा प्राप्त संचयी वोटों को ध्यान में रखा जाए, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि भाजपा को कांग्रेस की तुलना में 16,499 अधिक वोट मिले थे।

दो निर्वाचन क्षेत्रों में, जहां कांग्रेस ने 2014 के आम चुनावों में जीत हासिल की थी, वह छिंदवाड़ा है, लेकिन विधानसभा चुनाव के मतदान के अनुसार भाजपा गुना में आगे चल रही है।

इसके अलावा, दमोह, बालाघाट और खरगोन संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में, भाजपा बहुत कम अंतर से आगे चल रही है।

वे सीटें जहां विधानसभा चुनाव परिणाम के अनुसार कांग्रेस बढ़त में है :-

Assembly Election results data.jpg

General elections2019
2019 आम चुनाव
Madhya Pradesh
BJP
Congress

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी प्रकरणः 14 मई की सुबह आठ बजे से शुरू होगा मस्जिद का सर्वे, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष
    13 May 2022
    वाराणसी के कलेक्टर कौशल राज शर्मा के मुताबिक शनिवार की सुबह 8 से 12 बजे के बीच ज्ञानवापी के सर्वे का काम शुरू किया जाएगा। पुलिस कमिश्‍नर ए.सतीश गणेश ने दोनों पक्षों से शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल…
  • एम. के. भद्रकुमार
    रूसी तेल की चिकनाहट पर लड़खड़ाता यूरोपीय संघ 
    13 May 2022
    तेल निर्यात करने वाले अंतराष्ट्रीय संगठन ओपेक ने यूरोपीय संघ को इस बात की चेतावनी दी है कि प्रतिबंधों के कारण संभावित रूप से हाथ से निकल चुके 7 मिलियन बैरल प्रति दिन (बीपीडी) से ज़्यादा रूसी तेल और…
  • डी राजा
    समीक्षा की कोई गुंजाइश नहीं, राजद्रोह क़ानून को विधान से हटाया जाना चाहिए
    13 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मोदी सरकार प्रक्रिया में देरी न करे। पढ़िए सीपीआई महासचिव डी राजा के विचार
  • बी. सिवरामन
    राष्ट्रीय युवा नीति या युवाओं से धोखा: मसौदे में एक भी जगह बेरोज़गारी का ज़िक्र नहीं
    13 May 2022
    एशियाई विकास बैंक की एक रिपोर्ट कहती है कि भारत में 15-24 आयु वर्ग के युवाओं में बेरोज़गार होने की संभावना वृद्ध वयस्कों की अपेक्षा लगभग पांच गुना अधिक है। ऐसे समय में राष्ट्रीय युवा नीति 2021 आई है…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: दुनियाभर के कई देशों में अब भी क़हर बरपा रहा कोरोना 
    13 May 2022
    देश में आज लगातार तीसरे दिन भी कोरोना के 2,800 से ज़्यादा यानी 2,841 नए मामले सामने आए हैं | जबकि इस बीच देश भर में कोरोना से पीड़ित 3,295 मरीज़ों को ठीक किया गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License