NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
चुनाव में सेना के नाम के इस्तेमाल से पूर्व सेना प्रमुख भी चिंतित, राष्ट्रपति से शिकायत
राष्ट्रपति से "सभी राजनीतिक दलों को तत्काल आवश्यक निर्देश देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया कि वे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सैन्य, सैन्य वर्दी या प्रतीकों और सैन्य कार्यों या कर्मियों की किसी भी कार्रवाई का राजनीतिक मकसद या अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए इस्तेमाल न करें।"
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
12 Apr 2019
सांकेतिक तस्वीर
फोटो : साभार गूगल

150 से अधिक पूर्व सैनिकों जिनमें पूर्व सेना प्रमुख भी शामिल हैं, ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से चुनाव में लाभ के लिए सेना के इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए उचित कदम उठाने की मांग की है। इन पूर्व सैनिकों ने आवश्यक कार्रवाई के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त को भी पत्र की एक प्रति भेजी है। 

आपको बता दें कि तमाम आपत्तियों के बावजूद प्रधानमंत्री के स्तर तक से लगातार सेना और सेना की कार्रवाईयों का चुनावी मंच से जिक्र किया जा रहा है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अलग-अलग सभाओं में सेना और उसके शोर्य के नाम पर वोट मांगें हैं। महाराष्ट्र के लातूर की एक सभा में उन्होंने बालाकोट में सेना की कार्रवाई और पुलवामा शहीदों के नाम पर वोट मांगा। प्रधानमंत्री मोदी ने फर्स्ट टाइम वोटरों से भावुक अपील करते हुए कहा, “मैं फर्स्ट टाइम वोटरों से पूछना चाहता हूं कि क्या आपका पहला वोट पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक करने वालने वीर जवानों के नाम समर्पित हो सकता है क्या?”  “आपका पहला वोट पुलवामा में जो वीर शहीद हुए हैं उनके नाम आपका वोट समर्पित हो सकता है क्या?”

इसी तरह इससे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय सेना के लिए “मोदी की सेना” शब्द का प्रयोग किया था, जिसपर चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भी भेजकर हिदायत दी थी।

इसी सबको लेकर पूर्व सैनिकों ने गुरुवार को लिखे एक पत्र में राष्ट्रपति से "सभी राजनीतिक दलों को तत्काल आवश्यक निर्देश देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया कि वे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सैन्य, सैन्य वर्दी या प्रतीकों और सैन्य कार्यों या कर्मियों की किसी भी कार्रवाई का राजनीतिक मकसद या अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए इस्तेमाल न करें।"

उन्होंने कहा है, "कुछ चिंताओं से सेवारत और सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों के बीच काफी भय और बेचैनी पैदा की है।"

इन पूर्व सैनिकों ने चुनावी होर्डिग्स और पोस्टरों में सैनिकों की तस्वीरों के साथ भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की तस्वीरों के इस्तेमाल पर भी आपत्ति जताई है, जिन्हें पाकिस्तान ने पकड़ लिया था और फिर बाद में रिहा कर दिया था। 

पत्र में कहा गया है, "सैन्य अभियानों जैसे सीमा पार हमलों का श्रेय लेना और यहां तक कि सशस्त्र बलों के 'मोदीजी की सेना' होने का दावा करना राजनेताओं का असामान्य और पूरी तरह से अस्वीकार्य कृत्य है।"

इसमें आगे कहा गया है कि चुनावी मंचों पर और प्रचार के दौरान पार्टी कार्यकर्ता सैन्य वर्दी पहने नजर आए हैं और पोस्टरों और तस्वीरों में सैनिकों खासकर विंग कमांडर अभिनंदन को प्रदर्शित किया गया है।

हस्ताक्षरकर्ताओं में शामिल पूर्व सैनिकों में जनरल शंकर रॉय चौधरी, दीपक कपूर, एडमिरल लक्ष्मीनारायण रामदास, विष्णु भागवत, अरुण प्रकाश, सुरीश मेहता शामिल हैं। हालांकि कुछ अन्य नामों को  लेकर विवाद भी हो गया है। पूर्व आर्मी चीफ एसएफ रॉड्रिग्स और एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने ऐसी किसी चिट्ठी से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए अपनी सहमति से इंकार किया है।

पत्र में कहा गया है कि हम इस बात की सराहना करते हैं कि कुछ वरिष्ठ सेवानिवृत्त कर्मियों की शिकायतों, जिनमें नौसेना स्टाफ के पूर्व प्रमुख से लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त तक लिखित शिकायत शामिल है, को फौरन प्रतिक्रिया मिली है। 

इसमें आगे कहा गया है कि वास्तव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित इन बयानों के लिए जिम्मेदार लोगों से एक स्पष्टीकरण जारी करने के लिए अधिसूचना जारी की गई है। हालांकि, हमें यह बताते हुए खेद है कि जमीनी स्तर पर ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि राजनेताओं के रुख में कोई बदलाव आया है। 

पूर्व सैनिकों ने कहा है कि आम चुनाव के लिए मतदान के दिन करीब आने के साथ ही ऐसी घटनाओं के और बढ़ने की आशंका है।

पत्र में कहा गया है, "हमें विश्वास है कि आप (राष्ट्रपति) निश्चित रूप से इस बात से सहमत होंगे कि भारतीय संविधान के अधीन और भारत के राष्ट्रपति की सर्वोच्च कमान के अधीन स्थापित सशस्त्र बलों के इस तरह के किसी भी दुरुपयोग से सैन्यकर्मियों के मनोबल और लड़ाकू दक्षता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। यह सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय अखंडता को प्रभावित कर सकता है।"

पूर्व सैनिकों ने पत्र में आगे कहा है कि हम इसलिए आपसे हमारे सशस्त्र बलों का धर्मनिरपेक्ष और एक राजनीतिक चरित्र संरक्षित रखने को सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं। 

इन लोगों ने आवश्यक कार्रवाई के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त को भी पत्र की एक प्रति भेजी है। 

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

Indian army
General elections2019
2019 आम चुनाव
ex army men
president
Ram Nath Kovind
ECI
election commission

Related Stories

कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!

जनरल मनोज पांडे ने थलसेना प्रमुख के तौर पर पदभार संभाला

जवानों की बढ़ती आत्महत्या का असल ज़िम्मेदार कौन?

जम्मू-कश्मीर : रणनीतिक ज़ोजिला टनल के 2024 तक रक्षा मंत्रालय के इस्तेमाल के लिए तैयार होने की संभावना

विज्ञापन में फ़ायदा पहुंचाने का एल्गोरिदम : फ़ेसबुक ने विपक्षियों की तुलना में "बीजेपी से लिए कम पैसे"  

जनादेश-2022:  इस बार कहीं नहीं दिखा चुनाव आयोग, लगा कि सरकार ही करा रही है चुनाव!

ख़बरों के आगे-पीछे: विपक्ष को पोस्टल बैलेट में खेल होने का डर

ख़बरों के आगे-पीछे: चुनाव आयोग की साख पर इतना गंभीर सवाल!

निर्वाचन आयोग ने गौतमबुद्ध नगर में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 10 प्रत्याशियों को नोटिस जारी किए

चुनावों के ‘ऑनलाइन प्रचार अभियान’ में कहीं पीछे न छूट जाएं छोटे दल! 


बाकी खबरें

  • अनीस ज़रगर
    जम्मू-कश्मीर: अधिकारियों ने जामिया मस्जिद में महत्वपूर्ण रमज़ान की नमाज़ को रोक दिया
    29 Apr 2022
    प्रशासन का कहना है कि प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जामिया में इबादत गुजारों के लिए व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद सामूहिक इबादत को रोकने का ये निर्णय लिया गया है।
  • लाल बहादुर सिंह
    किधर जाएगा भारत— फ़ासीवाद या लोकतंत्र : रोज़गार-संकट से जूझते युवाओं की भूमिका अहम
    29 Apr 2022
    गहराता रोज़गार संकट और कठिन होती जीवन-स्थितियां भारत में फ़ासीवाद के राज्यारोहण का सबसे पक्का नुस्खा है। लेकिन तमाम फ़ासीवाद-विरोधी ताकतें एकताबद्ध प्रतिरोध में उतर पड़ें तो यही संकट समाज को रैडिकल…
  • ज़ाहिद खान
    इरफ़ान ख़ान : अदाकारी की इब्तिदा और इंतिहा
    29 Apr 2022
    29 अप्रैल 2020 को हमसे जिस्मानी तौर पर जुदा हुए इरफ़ान ख़ान अपनी लासानी अदाकारी से अपने चाहने वालों के दिलो ज़ेहन में हमेशा ज़िंदा रहेंगे।
  • एजाज़ अशरफ़
    क्यों धार्मिक जुलूस विदेशी भूमि को फ़तह करने वाले सैनिकों जैसे लगते हैं
    29 Apr 2022
    इस तरह के जुलूस, मुसलमानों पर हिंदुओं का मनोवैज्ञानिक प्रभुत्व स्थापित करने और उन्हें अपने अधीन करने के मक़सद से निकाले जा रहे हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 3,377 नए मामले, 60 मरीज़ों की मौत
    29 Apr 2022
    दिल्ली में आज फिर कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई, दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1,490 नए मामले दर्ज़ किए गए |
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License