NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
शिक्षा
भारत
राजनीति
छात्र आंदोलन के आगे हरियाणा सरकार झुकी, फीस वृद्धि वापस
“अभी हमारे कई छात्र साथी जेल में हैं। कई पर फर्जी मुकदमे हैं। उन्हें तत्काल सरकार वापस ले वरना एकबार फिर प्रदेश का छात्र सड़कों पर उतरने को मज़बूर होगा।”
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
20 Jul 2019
Student Protest

हरियाणा के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में की गई फीस वृद्धि का छात्रों द्वारा एक लंबे और संगठित विरोध के बाद राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2019-20 में भी पुरानी फीस ही ली जाएगी और जिन छात्रों से बढ़ी हुई फीस ली गई है वह उन्हें 15 दिनों के भीतर वापस कर दी जाएगी। इसे छात्र संगठनों ने अपने आंदोलन की जीत बतया। 
पिछले काफी समय से छात्र सड़क पर उतरकर भारी फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे थे। छात्रों ने बताया कि वर्ष2018-19 में बीकॉम प्रथम में 3432, बीए प्रथम में 4440, बीएससी मेडिकल प्रथम में 4608, बीएससी नॉन मेडिकल प्रथम में 4536 रुपये फीस थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर बीकॉम प्रथम में 6249, बीए प्रथम में 6769, बीएससी मेडिकल प्रथम में 7069, बीएससी नॉन मेडिकल प्रथम में 7069 रुपये कर दी गई थी। इसी को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। 
छात्रों का कहना था कि राज्य-भर में कालेजों में फीस बढ़ाई गयी थी, जिससे गरीब-वंचित घरों से आने वाले छात्रों को उच्च शिक्षा तक पहुंचने में और भी ज्यादा कठिनाई होनी थी। छात्रों के दमन से हरियाणा सरकार की शिक्षा के निजीकरण की नीति बेनकाब हुई है, जिसके तहत वो सरकारी संस्थानों में फीस बढ़ाकर प्राइवेट कालेजों को बढ़ावा देना चाहती है। लेकिन छात्रों के एकजुट संघर्ष ने सरकार के इन अरमानों पर पानी फेर दिया। 
छात्र संगठनों का  कहना है कि देशभर के राज्यों में फीस बढ़ाना केंद्र की भाजपा सरकार के शिक्षा में निजीकरण को बढ़ावा देने के एजेंडे के साथ जुड़ा है। इस एजेंडे के तहत वंचित और हाशिये के समुदायों से आने वाले छात्रों का उच्च शिक्षा में पहुँच पाना नामुमकिन हो जाएगा और वो शिक्षा छोड़ने या बेकार कोर्रेसपोंडेंस कोर्सों में जाने को मजबूर होंगे। छात्र संगठन मांग करते हैं कि हरियाणा में छात्रों पर लगाए गए सभी मुकदमों को वापस लिया जाये और गिरफ्तार छात्रों को तुरंत रिहा किया जाये 
छात्रों के मुताबिक 14 जुलाई को सोनीपत में हरियाणा के मुख्यमंत्री को इसके संबंध में ज्ञापन देने के लिए 100-150से भी ज़्यादा लोग इकट्ठा हुए, पर उनको सीएम से मिलने नहीं दिया गया और पुलिस ने बहुत बर्बर तरीक़े से उन पर लाठीचार्ज किया।
इसके बाद 14 छात्र नामज़द किये गए और 100-150 अन्य लोगों पर मुक़दमे दर्ज किए गए। छात्रों का आरोप है कि14 छात्रों को पुलिस हिरासत में रखा गया और उन पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक छात्र जिसकी उम्र 17 वर्ष है, उसको भी हिरासत में लिया गया है। अगले ही दिन रोहतक से 4 छात्रों को अलग-अलग स्थानों से उठाया गया जिनके बारे में अभी तक कोई सूचना नहीं है। इसके बाद भी 2 साथियों को ग़ैर-क़ानूनी रूप से गिरफ़्तार किया गया।"
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के केंद्रीय समिति सदस्य और दिल्ली अध्यक्ष विकास भदोरिया ने कहा की ये सिर्फ हरियाणा के छात्रों के लिए जीत नहीं है यह पूरे देश के छात्र वर्ग के लिए एक आदर्श है। अपने अधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। संघर्ष के आगे सरकारों को झुकना पडता है। हरियाणा सरकार की फीस वापसी इस संघर्ष का परिणाम है। 
एसएफआई हरियाणा की अध्यक्ष सुमन ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा की सरकार को छात्रों के रोष से डरकर यह निर्णय लेना पड़ा है क्योंकि वो जानती है कि आने वाले कुछ समय में विधानसभा चुनाव है। इसको भी ध्यान में रखकर उन्होंने फीस बढ़ोतरी को वापस लेने का निर्णय लिया है। लेकिन छात्रों के अभी कई और मांगे है जिनपर सरकार अभी तक कोई भी ठोस निर्णय नहीं लिया है। अभी हमारे कई छात्र साथी जेल में हैं। कई पर फर्जी मुकदमे हैं। उन्हें तत्काल सरकार वापस ले वरना एकबार फिर प्रदेश का छात्र सड़कों पर उतरने को मज़बूर होगा।

Haryana
Student Protests
SFI Student
student movement
BJP
manohar laal khattar

Related Stories

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?

NEP भारत में सार्वजनिक शिक्षा को नष्ट करने के लिए भाजपा का बुलडोजर: वृंदा करात


बाकी खबरें

  • मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति
    03 Jun 2022
    क्यूबा में ‘गुट-निरपेक्षता’ का अर्थ कभी भी तटस्थता का नहीं रहा है और हमेशा से इसका आशय मानवता को विभाजित करने की कुचेष्टाओं के विरोध में खड़े होने को माना गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
    03 Jun 2022
    जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्यसमाज का काम और अधिकार क्षेत्र विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है।
  • सोनिया यादव
    भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल
    03 Jun 2022
    दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट भारत के संदर्भ में चिंताजनक है। इसमें देश में हाल के दिनों में त्रिपुरा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों के साथ हुई…
  • बी. सिवरामन
    भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति
    03 Jun 2022
    गेहूं और चीनी के निर्यात पर रोक ने अटकलों को जन्म दिया है कि चावल के निर्यात पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर: एक और लक्षित हत्या से बढ़ा पलायन, बदतर हुई स्थिति
    03 Jun 2022
    मई के बाद से कश्मीरी पंडितों को राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास के लिए  प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत घाटी में काम करने वाले कम से कम 165 कर्मचारी अपने परिवारों के साथ जा चुके हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License