NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
छात्र-युवाओं का मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल, ‘यंग इंडिया चार्टर’ जारी
YINCC के मुताबिक देश के युवाओं ने मोदी सरकार की शिक्षा विरोधी, युवा विरोधी और विभाजनकारी नीतियों को पिछले 5 सालों से झेला और उसके खिलाफ संघर्ष किया है। अब वे 7 फरवरी को दिल्ली में अपनी एकजुटता के साथ मार्च के लिए उतरेंगे और अपने साथ की गई वादाखिलाफी का हिसाब मांगेंगे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Dec 2018
YINCC

देशभर के छात्र-युवा संगठनों, छात्रसंघों और आंदोलनों को एकजुट करते हुए 'यंग इंडिया नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी' (YINCC) का गठन किया गया है। शुक्रवार को दिल्ली में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में YINCC की तरफ से जनसुनवाई और प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन करते हुए 2019 के चुनाव के लिए 'यंग इंडिया चार्टर' जारी किया गया।

YINCC की तरफ से घोषणा की गई कि शिक्षा, रोजगार और सम्मान के लिए 7 फरवरी को देशभर से छात्र-युवा दिल्ली में मार्च करेंगे।

YINCC के मुताबिक देश के युवाओं ने मोदी सरकार की शिक्षा विरोधी, युवा विरोधी और विभाजनकारी नीतियों को पिछले 5 सालों से झेला और उसके खिलाफ संघर्ष किया है। अब वे 7 फरवरी को दिल्ली में अपनी एकजुटता के साथ मार्च के लिए उतरेंगे और अपने साथ की गई वादाखिलाफी का हिसाब मांगेंगे। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया जाएगा।

इस मौके पर जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष एन.साई बालाजी ने कहा कि - "देश के किसानों की तरह अब देश के युवा भी मोदी सरकार को हटाने की हुंकार भरेंगे। हमें हमारे शिक्षा, सम्मानजनक रोजगार से वंचित किया जा रहा है और आवाज उठाने पर हमें देशद्रोही कहा जा रहा है। हम लोगों ने पिछले 5 सालों में सरकार की नीतियों के खिलाफ संघर्ष किया है। अब हम एकजुट होकर मार्च करेंगे और इस सरकार को सीधी चुनौती देंगे।"

यूथ फॉर स्वराज की तरफ से अनुपम ने कहा कि - "सरकार  सम्मानजनक रोजगार के अवसरों को जिस तरीके से समाप्त कर रही है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। यूथ फॉर स्वराज तहे दिल से इस अभियान में भागीदारी करेगा और इस बात की गारंटी करेगा की यंग इंडिया अधिकार मार्च इस जनविरोधी सरकार के सामने मजबूत चुनौती पेश कर सके।"

‘पिंजरा तोड़’ से अवंतिका ने कहा -"हमारी छात्रवृत्ति में कटौती कर छात्रावास से वंचित कर हम पर भेदभाव कारी नियमों को थोपकर दरअसल ये सरकार हमें उच्च शिक्षा से वंचित कर देना चाहती है। देश भर की छात्राओं ने न केवल इनके भेदभावकारी नियमों और कर्फ्यू टाइम के खिलाफ आंदोलन किया बल्कि शिक्षा के अधिकार के लिए भी संघर्ष किया।"

आइसा से सुचेता डे ने कहा-"इस सरकार ने आज़ादी के बाद शिक्षा को न्यूनतम बजट दिया है। 24 लाख सरकारी पद अभी भी रिक्त हैं। सरकार BHU को AMU के खिलाफ खड़ा कर रही है। देश के बेरोजगार नौजवानों को धर्म के आधार पर एक दूसरे से लड़वाना चाहती है। वो चाहते है कि लोग JNU से घृणा करे। ये नही हो सकता और हम ऐसा होने नहीं देंगे। यंग इंडिया अपनी लड़ाई लड़ेगा ओर इन साजिशों को ध्वस्त करेगा।"

CYSS से हरिओम ने कहा- "सरकार को कॉरपोरेट को मुनाफा देने के बजाय शिक्षा पर और अधिक खर्च करना चाहिए तथा युवाओं को रोजगार देना चाहिए। यंग इंडिया ने एक चार्टर तैयार किया जिसमें नफरत और बंटवारे के लिए कोई जगह नहीं है। हम सब इस संघर्ष में एकजुट हैं।"

FEDCUTA के सचिव अतुल सूद ने शिक्षक समुदाय की तरफ से इस पहलकदमी को अपना समर्थन दिया। वहीं YINCC के घटक दलों की ओर से सभी वक्ताओं ने अपनी बात रखी और कहा कि वो 7 फरवरी को दिल्ली की सड़कों पर उतरकर पुरजोर आंदोलन करेंगे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जारी किया गया यंग इंडिया चार्टर इस प्रकार है :

- सभी रिक्त पदों को तुरंत भरो, परीक्षा में पेपर लीक पर भ्रष्टाचार के राज को खत्म करो।

- शिक्षा पर बजट का न्यूनतम 10% खर्च करो। स्कूल बंद करने, सीट कटौती, फंड कटौती, फीस वृद्धि और आरक्षण कटौती की नीतियों को तुरंत रद्द करो।

- लैंगिक भेदभाव के नियमों को खत्म करो, सभी छात्राओं के लिए हॉस्टल की गारंटी करो करें सभी असरदार संस्थाओं में सक्रिय यौन उत्पीड़न विरोधी सेल का गठन करो।

- शिक्षा का भगवाकरण बंद करो कैंपस में अकादमिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी सुनिश्चित करो।

- संविधान प्रदत्त आरक्षण को हर हाल में पूरा करो सभी कैंपों में भेदभाव विरोधी सेल का गठन करो।

YINCC
youth
students
students unions
student politics
youth issues
education
unemployment
youth charter
AISA
cyss
SFI
JNUSU
BHU
AMU
youth movements
youth organisations

Related Stories

डरावना आर्थिक संकट: न तो ख़रीदने की ताक़त, न कोई नौकरी, और उस पर बढ़ती कीमतें

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा

मोदी@8: भाजपा की 'कल्याण' और 'सेवा' की बात

जौनपुर: कालेज प्रबंधक पर प्रोफ़ेसर को जूते से पीटने का आरोप, लीपापोती में जुटी पुलिस

बच्चे नहीं, शिक्षकों का मूल्यांकन करें तो पता चलेगा शिक्षा का स्तर

विशेष: क्यों प्रासंगिक हैं आज राजा राममोहन रॉय


बाकी खबरें

  • covid
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 27 फीसदी की बढ़ोतरी
    25 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,124 नए मामले सामने आए हैं। वहीं देश की राजधानी दिल्ली में एक दिन के भीतर कोरोना के मामले में 56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
  • weat
    नंटू बनर्जी
    भारत में गेहूं की बढ़ती क़ीमतों से किसे फ़ायदा?
    25 May 2022
    अनुभव को देखते हुए, केंद्र का निर्यात प्रतिबंध अस्थायी हो सकता है। हाल के महीनों में भारत से निर्यात रिकॉर्ड तोड़ रहा है।
  • bulldozer
    ब्रह्म प्रकाश
    हिंदुत्व सपाट है और बुलडोज़र इसका प्रतीक है
    25 May 2022
    लेखक एक बुलडोज़र के प्रतीक में अर्थों की तलाश इसलिए करते हैं, क्योंकि ये बुलडोज़र अपने रास्ते में पड़ने वाले सभी चीज़ों को ध्वस्त करने के लिए भारत की सड़कों पर उतारे जा रहे हैं।
  • rp
    अजय कुमार
    कोरोना में जब दुनिया दर्द से कराह रही थी, तब अरबपतियों ने जमकर कमाई की
    25 May 2022
    वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक में ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने " प्रोफिटिंग फ्रॉम पेन" नाम से रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में उन ब्यौरे का जिक्र है कि जहां कोरोना महामारी के दौरान लोग दर्द से कराह रहे…
  • प्रभात पटनायक
    एक ‘अंतर्राष्ट्रीय’ मध्यवर्ग के उदय की प्रवृत्ति
    25 May 2022
    एक खास क्षेत्र जिसमें ‘मध्य वर्ग’ और मेहनतकशों के बीच की खाई को अभिव्यक्ति मिली है, वह है तीसरी दुनिया के देशों में मीडिया का रुख। बेशक, बड़े पूंजीपतियों के स्वामित्व में तथा उनके द्वारा नियंत्रित…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License