NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
छात्रों के दमन पर उतरा अलवर प्रशासन ?
राजस्थान सरकार द्वारा छात्रों  पर दमन  का एक और मामला  सामने आया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 Sep 2017
छात्रों पर दमन

राजस्थान सरकार द्वारा छात्रों  पर दमन  का एक और मामला  सामने आया है।  27 अगस्त को अलवर पुलिस ने sfi के तीन  छात्र नेताओं को  फ़र्ज़ी  आरोपों में गिरफ्तार कर लिया।  इस  गिरफ़्तारी के बाद तीनों  छात्रों  को जिला थाने में बेरहमी से पीटा  गया। न्यायलय के हस्तक्षेप के बाद sfi के गिरफ्तार किये गए छात्र पंकज की मेडिकल जांच कराई गयी।  इस  जाँच  से ये पता चला  कि उनके शरीर पर 9 चोटें आयी हैं।  पुलिस ने छात्रों पर राज्य कार्य में बाधा डालने के आरोप  लगा कर उन्हें गिरफ्तार किया था।  sfi का राज्य प्रतिनिधि  मंडल इस सम्बन्ध में डीजीपी से  मिला और डीजीपी ने इसपर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। 3 sfi छात्रों में से एक गोलू पटेल  को जमानत पर रिहा  कर दिया  गया है।  पर अब तक बाक़ी दोनों sfi  नेताओं- पंकज सांवरिया और शोएब अख्तर को अब तक रिहा  नहीं किया गया है। इस घटना के बाद  पुलिस ज्यादती के खिलाफ गठित साँझा मंच के प्राधिकारियों ने पुलिस अधिकारीयों से मिलकर अपना आक्रोश जाहिर किया। 6 सितम्बर को  माकपा महासचिव रईसा ने  प्रेस कांफ्रेंस में  कहा कि  27  अगस्त को जेल सर्किल पर sfi के छात्र लिंग्दोह कमिटी की सिफारिशें मनवाने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके  बाद उन्हें  गिरफ्तार  कर लिया  गया।

IMG-20170916-WA0025.jpg

छात्रों का दमन

छात्रों पर दमन

ये पूरा प्रकरण तब शरू  हुआ जब छात्र संघ  चुनावों में sfi के छात्र लिंग्दोह कमिटी की सिफारिशें लागू  करवाने  के लिए प्रचार  कर रहे थे।  इस  प्रचार के दौरान sfi के छात्रों ने  अलवर के  कॉलेजों में लिंग्दोह कमिटी का उल्लंघन कर रहे छात्रों की रिपोर्ट प्रिंसिपलों और प्रशासन को दी । ये सभी छात्र  नेता , छात्र संघ  के चुनावों में  ज़रुरत से ज्यादा खर्च , बड़े होर्डिंग्स लगाने और गुंडागर्दी के खिलाफ प्रचार  कर रहे थे ।  पर काफी समय तक प्रशासन की कार्यवाही ना होने  के कारण  इन् छात्रों ने होर्डिंग्स  के सामने प्रदर्शन करने का फैसला किया।  27  अगस्त को ये छात्र  जेल चौराहे सर्किल के पास  होर्डिंग्स के सामने सांकेतिक प्रदर्शन  कर रहे थे। इसी दौरान 3  से 4 सादा कपड़ों  में आये पुलिस  वालों ने  उन्हें जीप में बैठाया  और पुलिस स्टेशन ले जाकर उन्हें बेरहमी  से पीटा ।  इसके बादसे ही पुलिस ज्यादती के खिलाफ गठित साँझा मंच और माकपा लगातार छत्रों को तुरंत रिहा कराने  और पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। 

छत्र दमन का विरोध

पर ये पहली बार नहीं है कि अलवर में छात्रों पर इस तरह का दमन हुआ हो। 2014 में भी बीआर आर्ट्स कॉलेज में sfi के ही छात्रों के साथ ऐसी  ही घटना हुई थी। 2014 के छात्र संघ चुनावों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद जीतने के बाद भी उन्हें प्रशासन द्वारा छात्र संघ कार्यालय की चाबी नहीं दी गयी।  इसके खिलाफ  जब छात्रों  आवाज़ उठायी तो 12 छात्रों मुक़दमे दायर कर दिए  गए थे।  छात्रों का आरोप है कि 2016 मे भी पुलिस और प्रशासन ने एक राजनेता के रिश्तेदार को जीतने  में मदद की थी।  जब इसका विरोध किया गया तो 20 छात्रों पर मुक़दमे दायर कर दिए गए थे, जो आज तक चल रहे हैं।  sfi राजस्थान  के राज्य सचिव मंडल सदस्य पवन बैनीवाल का कहना है कि ये पूरा प्रकरण जिला प्रशासन द्वारा सुनियोजित ढंग से किया का रहा है।  उनका आरोप है कि   ये बीजेपी से अलवर  विधायक के इशारों  पर किया जा रहा है।  इसको राजस्थान में प्रतिरोध की  राजनीति को खत्म करने के प्रसंग में देखा जाना चाहिए।

 

छात्रों पर दमन
राजस्थान सरकार
अलवर

Related Stories

डीटीसी की हड़ताल सफल, सरकार ने वेतन कटौती का सर्कुलर वापस लिया

भाजपा शासित राज्य: सार्वजनिक परिवहन का निजीकरण

जिगनेश मेवानी को राजस्थान के नागौर जाने के रोका गया, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया विरोध

राजस्थान किसानों के साथ बीजेपी का धोखा: हज़ारों उतरे सड़कों पर

सीकर: किसान अपनी माँगों पर अडिग

जयपुर कूच: सरकारी दमन के आगे नहीं झुकेंगे किसान

वसुंधरा राजे सरकार ने "काला कानून" वापस लिया

जन आन्दोलन के दबाव में राजस्थान सरकार ने स्कूलों के निजीकरण का निर्णय किया स्थगित

आने वाली नस्लों को 'शंभुओं' के बारे में जवाब देने के लिए हर तरह की हिंसा के विरोध में खड़े होने की जरूरत है!

राजस्थान हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को विवादास्मक बिल पर भेजा नोटिस


बाकी खबरें

  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    खोज ख़बर : मस्जिद दर मस्जिद भगवान की खोज नहीं, नफ़रत है एजेंडा, हैदराबाद फ़र्ज़ी एनकाउंटर के बड़े सवाल
    24 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने एक के बाद एक मस्जिद में भगवान की खोज के नफ़रती एजेंडे को बेनक़ाब करते हुए सरकारों से पूछा कि क्या उपलब्धियों के नाम पर मुसलमानों के ख़िलाफ उठाए गये कदमों को…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानव्यापी- क़ुतुब में उलझा भारत कब राह पर आएगा ?
    24 May 2022
    न्यूज़चक्र में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा बात कर रहे हैं कि सत्ता पक्ष आखिर क्यों देश को उलझा रहा है ज्ञानवापी, क़ुतब मीनार, ताज महल जैसे मुद्दों में। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों की बात कब होगी…
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी: भारी नाराज़गी के बाद सरकार का कहना है कि राशन कार्ड सरेंडर करने का ‘कोई आदेश नहीं’ दिया गया
    24 May 2022
    विपक्ष का कहना है कि ऐसे समय में सत्यापन के नाम पर राशन कार्ड रद्द किये जा रहे हैं जब महामारी का समय अधिकांश लोगों के लिए काफी मुश्किलों भरे रहे हैं।
  • सोनिया यादव
    देश में लापता होते हज़ारों बच्चे, लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में 5 गुना तक अधिक: रिपोर्ट
    24 May 2022
    ये उन लापता बच्चों की जानकारी है जो रिपोर्ट हो पाई हैं। ज़्यादातर मामलों को तो पुलिस मानती ही नहीं, उनके मामले दर्ज करना और उनकी जाँच करना तो दूर की बात है। कुल मिलाकर देखें तो जिन परिवारों के बच्चे…
  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई के लिए 26 मई की तारीख नियत
    24 May 2022
    मुकदमा चलाने लायक है या नहीं, इस पर अदालत 26 मई को सुनवाई करेगी। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License