NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
छत्तीसगढ़ः पुलिस बल के परिवार वालों ने अपनी मांगों को लेकर किया आंदोलन
आंदोलन के बाद 325 पुलिसवालों को विभाग ने जारी किया कारण बताओ नोटिस I
शारिब अहमद खान
27 Jun 2018
chattisgarh
image courtesy: Hindustan Times

छत्तीसगढ़ में पुलिस बल के परिवारवालों ने महंगाई भत्ता और साप्ताहिक अवकाश सहित कई मांगों को लेकर गत मंगलवार को रायपुर में आंदोलन किया। आंदोलन करने आई महिलाओं में से 81 महिलाओं को प्रशासन ने गिरफ़्तार करने के बाद उनका नाम और पता पूछने के बाद उन्हें छोड़ दिया। ज्ञात हो कि इस आंदोलन की अनुमति पूर्व में ही प्रशासन से ले ली गई थी। आंदोलन करने वालों में ज़्यादातर लोग सिपाही या हवलदार पद पर कार्यरत पुलिसवालों के परिवार वाले ही थे।

पुलिस बलों के परिवार वालों की मांग है कि मौजूदा वेतन भत्ता अंग्रेज़ों के समय के आधार पर निर्धारित है और सरकार इसमें संशोधन करने के प्रति उदासीन  दिख रही है, सरकार को इसमें संशोधन करना चाहिए। उनकी मांगे इस प्रकार है- आहार भत्ता 100रू से बढ़ा कर 3000रू किया जाए, मेडिकल भत्ता 200रू से बढ़ा कर 2000रू किया जाए, साइकिल भत्ता कि जगह उन्हें पेट्रोल भत्ता 3000रू दिया जाए, ड्युटी के दौरान मरने पर शहीद का दर्जा मिले और शहीद होने पर एक करोड़ रुपये की सहायता मिले, नक्सली भत्ते में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो। ड्युटी के समय अवधि को भी सही करने की भी मांग हैः उनकी मांग है कि ड्युटी अवधि आठ घंटे तय की जाए और सप्ताह में पुलिसकर्मियों को एक दिन की छुट्टी भी मिले। उनके अनुसार वर्दी भत्ते और किट सामग्री भत्ते में भी सरकार को संशोधन करना चाहिए, किट सामग्री की जगह उन्हें 10 हजार रुपये मिलें साथ ही वर्दी धुलाई भत्ता जो कि पहले 60रू मिलता था उसे बढ़ा कर 500रू किया जाए इत्यादि..।   

आपको बता दें कि कुछ समय पहले छत्तीसगढ़ पूलिस में सिपाही पद पर कार्यरत राकेश यादव ने अपने कुछ साथियों की मौत होने पर विभाग से बुलेट प्रूफ जैकेट और अत्याधुनिक हथियारों  के साथ ही वेतन भत्ते की भी मांग उठाई थी लेकिन इसके बाद विभाग ने मांग मानने के बजाए उनके ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर दी थी। दो साल बाद फिर से राकेश यादव ने विभाग के सामने वेतन भत्ता के साथ और भी कई मांग सामने रख दी, लेकिन इस बार विभाग ने उन्हें नौकरी से निलंबित कर दिया। कुछ समय बाद फिर राकेश की बहाली हुई और फिर से उन्होनें विभाग के सामने अपनी मागेंं रख दी अंत में विभाग ने उन्हें मांगों पर बिना विचार किए बर्खास्त कर दिया।

विभाग से बर्खास्त होने के बाद राकेश यादव ने हाइकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी इसके बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने विश्वरंजन कमेटी का गठन कर इस मामले पर रिपोर्ट सौंपने को कहा। 

भुमकल समाचार अख़बार के संपादक कमल शुक्ला ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए बताया कि प्रदर्शनकारी जायज़़ मांगों के लिए शांति से अपना प्रदर्शन कर रहे थे। उनके अनुसार इस आंदोलन की शुरूआत कई वर्षों पहले ही हो चूकी थी जब सिपाही पद पर कार्यरत राकेश यादव ने विभाग के सामने अपनी मांग रखनी शुरू की थी। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग ने इस आंदोलन के बाद 325 पुलिसवालों के घर पर नोटिस भेजा है और राकेश शर्मा को सरकार ने धारा 124 के तहत गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया है। 

ज्ञात हो कि सरकार और प्रशासन ने पूरी कोशिश की थी कि यह आंदोलन न हो। विभाग ने कुछ दिन पहले धमतरी ज़िले में आंदोलन को दबाने और रोकने के लिए 11 पूलिस कर्मियों को बर्खास्तगी का नोटिस भेजा था। दरअसल इन लोगों ने आंदोलन के समर्थन वाली पोस्ट सोशल मिडीया पर शेयर कर दी थी। बर्खास्तगी के नोटिस भेज कर वहां के जिला एसपी ने पूलिस वालों से जवाब मांगा है कि उन्हें क्यूं नहीं बर्खास्त किया जाए?

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता संजय पराटे ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों से भी दयनीय स्थिति पुलिसवालों की है। सरकार पुलिसवालों के साथ भत्ता और सुविधाओं के नाम पर भद्दा मज़ाक कर रही है। उनके अनुसार सरकार ने पुलिसबलों के ड्युटी के घंटे निर्धारित नहीं किये हैं जिसकी वजह से उनके परिवारवालों को अनेक कठिनाईयों का को खुद ही झेलना पड़ता है, काम के अनुसार उन्हें जो सुविधायें और सहायता मिलनी चाहिए वो भी उन्हें नहीं मिल रही हैं। 

वो आगे कहते हैं भाजपा सरकार आंदोलन करने वालों की मांगों को मानने के बजाए उन्हें परेशान कर रही है और पूलिसवालों को बर्खास्त करने की धमकी दे रही है। छत्तीसगढ़ में सामान्य रूप से देखा जाता है कि सरकार के सामने लोग अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करतें हैं उसके बाद सरकार से वार्ता और समझौता होता है और फिर किसी नतीज़े पर पहुंचा जाता है और फिर उस नतीजों और समझौतां को लागु करवाने के लिए लोगां को फिर से आंदोलन करना पड़ता है। अभी तक जितने भी आंदोलन हुए हैं चाहे वह शिक्षकों से संबधित आंदोलन हो या पूलिसबलों के परिवार वालों का आंदोलन, वर्तमान सरकार ने सारे आंदोलन को रूकवा दिया। प्रदेश में रमन सिंह की सरकार नागरिकों के अपने असंतोष प्रकट करने का जो अधिकार है उसे छीन लेना चाहती है।

आंदोलन के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने सकारात्मकता दिखाते हुए कहा है कि वो पुलिसबलों की जायज़ मांगों पर विचार करेंगें और जल्द ही इस संबध में फैसला लेंगें। खैर यह तो भविष्य के गर्भ में हैं कि रमन सिंह अपने इस फैसले पर कोई कदम उठा पाते हैं या नहीं?

Chattisgarh
chattisgarh police
police family members
Protest

Related Stories

मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन

बिहार : सातवें चरण की बहाली शुरू करने की मांग करते हुए अभ्यर्थियों ने सिर मुंडन करवाया

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

बिजली संकट को लेकर आंदोलनों का दौर शुरू

जन आंदोलनों के आयोजन पर प्रतिबंध अलोकतांत्रिक, आदेश वापस लें सरकार : माकपा

नफ़रत देश, संविधान सब ख़त्म कर देगी- बोला नागरिक समाज

लखीमपुर खीरी कांड में एक और अहम गवाह पर हमले की खबर  

दिल्ली: लेडी हार्डिंग अस्पताल के बाहर स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी, छंटनी के ख़िलाफ़ निकाला कैंडल मार्च

यूपी: खुलेआम बलात्कार की धमकी देने वाला महंत, आख़िर अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं

हिमाचल: प्राइवेट स्कूलों में फ़ीस वृद्धि के विरुद्ध अभिभावकों का ज़ोरदार प्रदर्शन, मिला आश्वासन 


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई
    17 May 2022
    मुण्डका की फैक्ट्री में आगजनी में असमय मौत का शिकार बने अनेकों श्रमिकों के जिम्मेदार दिल्ली के श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर उनके इस्तीफ़े की माँग के साथ आज सुबह दिल्ली के ट्रैड यूनियन संगठनों…
  • रवि शंकर दुबे
    बढ़ती नफ़रत के बीच भाईचारे का स्तंभ 'लखनऊ का बड़ा मंगल'
    17 May 2022
    आज की तारीख़ में जब पूरा देश सांप्रादायिक हिंसा की आग में जल रहा है तो हर साल मनाया जाने वाला बड़ा मंगल लखनऊ की एक अलग ही छवि पेश करता है, जिसका अंदाज़ा आप इस पर्व के इतिहास को जानकर लगा सकते हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    यूपी : 10 लाख मनरेगा श्रमिकों को तीन-चार महीने से नहीं मिली मज़दूरी!
    17 May 2022
    यूपी में मनरेगा में सौ दिन काम करने के बाद भी श्रमिकों को तीन-चार महीने से मज़दूरी नहीं मिली है जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • सोन्या एंजेलिका डेन
    माहवारी अवकाश : वरदान या अभिशाप?
    17 May 2022
    स्पेन पहला यूरोपीय देश बन सकता है जो गंभीर माहवारी से निपटने के लिए विशेष अवकाश की घोषणा कर सकता है। जिन जगहों पर पहले ही इस तरह की छुट्टियां दी जा रही हैं, वहां महिलाओं का कहना है कि इनसे मदद मिलती…
  • अनिल अंशुमन
    झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध
    17 May 2022
    कॉपी जांच कर रहे शिक्षकों व उनके संगठनों ने, जैक के इस नए फ़रमान को तुगलकी फ़ैसला करार देकर इसके खिलाफ़ पूरे राज्य में विरोध का मोर्चा खोल रखा है। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License