NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
विज्ञान
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
चीन अपने स्पेस स्टेशन में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बना रहा है
अप्रैल 2021 में पहला मिशन भेजे जाने के बाद, यह तीसरा मिशन होगा।
संदीपन तालुकदार
01 Jun 2022
अप्रैल 2021 में पहला मिशन भेजे जाने के बाद, यह तीसरा मिशन होगा।

चीन का "स्पेस स्टेशन तियांगॉन्ग" फिलहाल निर्माणाधाीन है। अपने हालिया अंतरिक्ष विकास और विस्तार के तहत, चीन का राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्राधिकरण (सीएनएसए) अपना तीसरा मिशन तियांगॉन्ग भेजने वाला है। एक रिपोर्ट के मुताबिक़, इस मिशन में तीन अंतरिक्ष यात्री होंगे। 29 मई को गोबी मरुस्थल में "जिउकुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर" के लॉन्चपैड पर "लॉन्ग मार्च 2F रॉकेट" को पेश किया गया। यह रॉकेट एक साल से आपात स्थिति में उपयोग के लिए तैयार रखा गया था।

लॉन्ग मार्च रॉकेट का आकार, लंबाई में 54 फीट और व्यास में 13 फीट है। इसे 1500 मीटर की ऊंचाई पर असेंबली बिल्डिंग द्वारा लॉन्चपैड पर स्थानांतरित किया गया था। रॉकेट के साथ "शेंझू-14 स्पेसक्रॉफ्ट" भी है। अप्रैल 2021 के बाद यह तीसरा सदस्यों वाला मिशन होगा। 

अमेरिका और रूस द्वारा नियंत्रित आईएसएस (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) के साथ चीन की साझेदारी पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में चीन को अपने महत्वकांक्षी अंतरिक्ष अभियानों के लिए खुद के स्पेस स्टेशन की जरूरत थी। बल्कि अब चीन के स्पेस स्टेशन में दूसरे देशों के साझा कार्यक्रम चालू होने की ज़्यादा संभवनाएं हैं, इन देशों में जर्मनी, स्विट्जरलैंड व अन्य देश शामिल हैं।

अब तक स्पेसक्रॉफ्ट को लॉन्च किए जाने की निश्चित तारीख़ और वक़्त की घोषणा नहीं हुई है। लेकिन ऐसा अनुमान है कि यह मिशन, बीजिंग के समयानुसार 5 जून के आसपास भेजा जाएगा। तीनों अंतरिक्ष यात्रियों के कम से कम 6 महीने तक अंतरिक्ष में रुकने की संभावना है।

इस महीने की शुरुआत में "तियानझू-4 कार्गो स्पेसक्रॉफ्ट" में तियान्हे का कोर मॉ़ड्यूल लगा दिया गया है और इसे शेंझू-14 के सदस्य दल की वापसी के लिए तैयार किया गया है। मई 2021 में लॉन्च और पृथ्वी की निचली कक्षा में तैनात चीन के स्पेस स्टेशन के लिए तियान्हे पहला कोर मॉड्यूल है। चीन को अनुमान है कि इस साल के अंत तक स्पेस स्टेशन का निर्माण खत्म हो जाएगा। चीन में तियान्हे का मतलब होता है "स्वर्ग की शांति"। 

शेंझू 14 को तियान्हे कोर मॉड्यूल के नादिर पोर्ट से लैस किया जाएगा। तीन सदस्यों वाले इस दल को जुलाई और अक्टूबर में दो नए मॉड्यूल भी पहुंचाए जाएंगे। इन मॉड्यूल को दक्षिण चीन में वेंचांग से लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट के जरिए लॉन्च करने की योजना बनाई गई है। इन नए मॉ़ड्यूल में तियान्हे कोर मॉड्यूल के फॉरवर्ड पोर्ट लगाए जाएंगे। 

तियांगॉन्ग को कम से कम दस साल तक अंतरिक्ष में रहने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह अवधि ज़्यादा भी हो सकती है। इसका 6 मॉड्यूल तक विस्तार किया जा सकता है और यह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्रियों को अपनी सेवाएं उपलब्ध करवा सकता है। दिलचस्प है कि चीन अपने स्टेशन को यात्रियों की यात्रा और व्यावसायिक मिशन के लिए खोलने की योजना बना रहा है।

लेकिन तियांगॉन्ग, शेंझू-15 मिशन के पूरा होने के बाद ही क्रियान्वयन की स्थिति में आएगा। शेंझू-15 को इस साल दिसंबर में लॉन्च किए जाने की योजना है। इससे स्पेस स्टेशन में तीन सदस्यों को 6 महीने तक रुकने की व्यवस्था बन पाएगी।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए अंग्रेजी लिंक पर क्लिक करें।

China Planning to Send Three Astronauts to its Space Station

 

Tiangong
ISS
Chinese Space Station
Long March Rockets
Shenzhou
Tianhe
Tianzhou

Related Stories

चीन के स्पेस स्टेशन से एस्ट्रोनॉट पहली बार अंतरिक्ष में पैदल चले

कोरोना संकट के बीच आईएसएस के लिए रवाना होंगे 3 अंतरिक्ष यात्री


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,207 नए मामले, 29 मरीज़ों की मौत 
    09 May 2022
    राज्यों में कोरोना जगह-जगह पर विस्पोट की तरह सामने आ रहा है | कोरोना ज़्यादातर शैक्षणिक संस्थानों में बच्चो को अपनी चपेट में ले रहा है |
  • Wheat
    सुबोध वर्मा
    क्या मोदी सरकार गेहूं संकट से निपट सकती है?
    09 May 2022
    मोदी युग में पहली बार गेहूं के उत्पादन में गिरावट आई है और ख़रीद घट गई है, जिससे गेहूं का स्टॉक कम हो गया है और खाद्यान्न आधारित योजनाओं पर इसका असर पड़ रहा है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: एक निशान, अलग-अलग विधान, फिर भी नया इंडिया महान!
    09 May 2022
    क्या मोदी जी के राज में बग्गाओं की आज़ादी ही आज़ादी है, मेवाणियों की आज़ादी अपराध है? क्या देश में बग्गाओं के लिए अलग का़ानून है और मेवाणियों के लिए अलग क़ानून?
  • एम. के. भद्रकुमार
    सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति
    09 May 2022
    सीआईए प्रमुख का फ़ोन कॉल प्रिंस मोहम्मद के साथ मैत्रीपूर्ण बातचीत के लिए तो नहीं ही होगी, क्योंकि सऊदी चीन के बीआरआई का अहम साथी है।
  • सौरभ शर्मा
    'नथिंग विल बी फॉरगॉटन' : जामिया छात्रों के संघर्ष की बात करती किताब
    09 May 2022
    वह जिनमें निराशा भर गई है, उनके लिए इस नई किताब ने उम्मीद जगाने का काम किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License