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टीपीएलएफ़ के पिछले महीने की बढ़त को रोकते हुए उत्तरी इथियोपिया का गृह युद्ध संघीय सरकार के पक्ष में बदला
पश्चिमी और पूर्वी मोर्चे पर अपनी जीत के बाद संघीय सरकार और अम्हारन मिलिशिया के संयुक्त बलों ने डेसी और कोम्बोल्चा जैसे रणनीतिक तौर पर अहम शहरों पर फिर से कब्ज़ा कर लिया है।
पवन कुलकर्णी
08 Dec 2021
Ethiopia
इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद। (फ़ोटो: अबी अहमद अली/ट्विटर)

क्षेत्रीय राज्यों अम्हारा और अफ़ार के कई रणनीतिक शहरों को अमेरिका समर्थित टाइग्रे पीपल्स लिबरेशन फ़्रंट (TPLF) के कब्ज़े के बाद उत्तरी इथियोपिया में गृहयुद्ध ने संघीय सरकार के पक्ष में एक निर्णायक मोड़ ले लिया है।

संघीय सेना और अम्हारन मिलिशिया के संयुक्त बलों ने सोमवार, 6 दिसंबर को युद्ध के केंद्रीय मोर्चे पर टीपीएलएफ़ के अल्पकालिक बढ़त को पलटते हुए अम्हारा के वोलो क्षेत्र में रणनीतिक रूप से अहम दो शहरों-डेसी और कोम्बोल्चा पर फिर से कब्ज़ा कर लिया।

इथियोपिया के पूर्व राजनयिक और इस समय इथियोपिया के सोमाली क्षेत्रीय राज्य के प्रधान मंत्री के सलाहकार मोहम्मद हसन ने पीपुल्स डिस्पैच को बताया,"डेसी अम्हारा के सबसे बड़े शहरों में से एक है, और कोम्बोल्चा इस क्षेत्र का एक अहम औद्योगिक शहर है। यहां से टीपीएलएफ़ को उम्मीद थी कि वह दक्षिण में राजधानी अदीस अबाबा तक 350 किलोमीटर से ज़्यादा की दूरी तय करेगा। लेकिन, साफ़ है कि ऐसा होने वाला नहीं था। उन्होंने कहा, "टीपीएलएफ़ ने अपने टिग्री बेस से 400 किलोमीटर दूर एक ऐसे क्षेत्र तक पहुंच गया है, जहां की आबादी उसके खिलाफ़ है।"

हालांकि, डेसी और कंबोलचा को लेकर बाक़ी जानकारियां अभी तक तो सामने नहीं आये हैं, लेकिन डेब्रे सिना और शेवा रोबिट से नागरिकों की हत्या, महिलाओं के बलात्कार, आपूर्ति की लूट और चिकित्सा सुविधाओं, होटलों, बैंकों और सुपरमार्केट को तबाह करने की सूचना मिली है। ये क़स्बे,यानी अमहारा के उत्तरी शेवा क्षेत्र के दक्षिण में डेसी और अदीस अबाबा के बीच आधे रास्ते में पड़ने वाले क़स्बे पिछले हफ़्ते इस क्षेत्र के आठ अन्य शहरों के साथ मुक्त करा लिये गये थे।

इसके साथ ही टीपीएलएफ़ को पश्चिमी मोर्चे पर भी हार का सामना करना पड़ा, जहां से उसे उस सूडान की सीमा से जुड़ जाने की उम्मीद थी, जिस पर टीपीएलएफ़ का समर्थन करने का आरोप है। गशेना और आसपास के छोटे शहरों को 1 दिसंबर को फिर से वापस ले लिया गया था। बाद में उसी दिन लालिबेला, जहां यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल प्राचीन रॉक-हेवन चर्च हैं, उसे भी टीपीएलएफ़ के हाथों  से ले लिया गया, जिसने अगस्त में इस शहर को अपने कब्ज़े में ले लिया था। पश्चिमी मोर्चे पर ये शहर डेसी और कोम्बोल्चा के उत्तर-पश्चिम में हैं।

तब तक टीपीएलएफ़ हमलावरों की नाकामी अफ़ार राज्य के पूर्वी मोर्चे पर पहले ही साफ़ दिख चुकी थी, जहां उसे मिल ज़िले पर कब्जा करने की उम्मीद थी। इथियोपिया की राजधानी को पड़ोसी देश जिबूती के बंदरगाह से जोड़ने वाला एक अहम राजमार्ग इसी ज़िले से होकर गुज़रता है। 28 नवंबर को संयुक्त बलों ने टीपीएलएफ़ के हाथों से चिफरा शहर पर कब्जा कर लिया था। चिफरा की दूरी मिल से 50 किलोमीटर से भी कम था। यह चिफरा ही था,जहां से टीपीएलएफ ने इस ज़िले पर हमला करने का इरादा किया था।

तीन युद्ध प्रभावित राज्यों,यानी अमहारा, अफ़ार और टिग्री के संगम पर स्थित चिफ़रा, डेसी और कोम्बोलचा के उत्तर-पूर्व में 150 किमी से भी कम दूरी पर स्थित एक रणनीतिक शहर है। इस तरह, दक्षिण, उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम से तेज़ी से आगे बढ़ते हुए अदीस अबाबा के राजमार्ग पर इन दो अहम शहरों पर टीपीएलएफ़ की घेराबंदी आख़िरकार सोमवार को उनके मुक्त कराये जाने के साथ ख़त्म हो गयी।

अदीस अबाबा में टिग्रियों ने टीपीएलएफ़ का विरोध

रविवार को अदीस अबाबा में रहने वाले हजारों टिग्रियों ने उस संघीय सरकार के समर्थन में एक रैली निकाली, जिसके ख़िलाफ़ टीपीएलएफ़ ने एक साल पहले युद्ध शुरू किया था। "टिग्रियों और टीपीएलएफ़ एक जैसे नहीं हैं" का नारा लगाते हुए इन प्रदर्शनकारियों ने इथियोपियन सरकार से टीपीएलएफ़ से टिग्री को मुक्त कराने के लिए आगे बढ़ने का आह्वान किया।

इथियोपिया में 27 साल के अमेरिका समर्थित तानाशाही शासन के बाद लोकतंत्र समर्थक टीपीएलएफ़ को विरोधों के चलते 2018 में टिग्री तक सीमित एक क्षेत्रीय राज्य शक्ति के तौर पर हाशिए पर डाल दिया गया था, उसने उत्तरी नवंबर, 2020 में टिग्री की राजधानी मेकेले में सेना के अड्डे पर हमला करके उत्तरी इथियोपिया को गृहयुद्ध में डुबो दिया था।

इस सैनिक अड्डे में 6,000 से ज़्यादा सैन्य कर्मियों की हुई उस हत्या ने प्रधान मंत्री अबी अहमद को राज्य सरकार से टीपीएलएफ़ को हटाने के लिए संघीय सैनिकों को टिग्री में आदेश देने के लिए प्रेरित किया था। जिस युद्ध के बारे में उम्मीद की गयी थी कि वह छोटे समय तक चलेगा,जब युद्ध बाद में भी रहा,तब संघीय सरकार ने जून, 2021 के आख़िर में एकतरफ़ा युद्धविराम की घोषणा कर दी और अकाल को टालने के लिए सैनिकों को इसलिए वापस बुला लिया गया,ताकि खेती के मौसम में किसी तरह की कोई बाधा न हो।

हालांकि, टीपीएलएफ़ ने पड़ोसी क्षेत्रीय राज्यों-अम्हारा और अफ़ार पर हमला करके युद्ध को तेज़ कर दिया। युद्ध शुरू होने के 13 महीनों में ही हज़ारों की तादाद में लोग मारे गये हैं और अनुमान है कि 30 लाख लोग अपने घरों से विस्थापित हो गये हैं।

यहां तक कि भूख ने तीन राज्यों के तक़रीबन 10 मिलियन लोगों को आपातकालीन सहायता पर निर्भरता की के हवाले कर दिया है, लेकिन जुलाई से संयुक्त राष्ट्र की ओर से टिग्री में भेजे गये सैकड़ों खाद्य-सहायता ट्रक वापस लौट पाने में नाकाम रहे हैं। टीपीएलएफ़ कथित तौर पर इन ट्रकों का इस्तेमाल अमहारा और अफार पर हमलों के लिए अपने लड़ाकों को जुटाने में कर रहा है।

अमेरिका हमलावर बना हुआ है

इसके बावजूद, अमेरिका इथियोपिया सरकार पर टीपीएलएफ़ के नियंत्रण वाले क्षेत्रों को जानबूझकर सहायता अवरुद्ध करने का आरोप लगाता रहा है। हालांकि, इस आरोप को संयुक्त राष्ट्र और इथियोपियाई मानवाधिकार आयोग (EHRC) की ओर से संयुक्त जांच की रिपोर्ट से यह भ्रण दूर कर दिया गया है, लेकिन,अमेरिकी सरकार इस आरोप के आधार पर इथियोपिया पर प्रतिबंध अब भी जारी रखे हुई है।

अमेरिका इस फ़िराक में भी है कि इथियोपिया सरकार पर नरसंहार का आरोप लगाये जायें, हालांकि जांच में इसका कोई सबूत नहीं मिला है। अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी लंबे समय से इथियोपियाई सरकार को एक और युद्धविराम घोषित करने के लिए मजबूर करने की मांग कर रहे हैं, जिसका मतलब न सिर्फ़ टिग्री, बल्कि अम्हारा के विशाल हिस्से और अफ़ार के कुछ इलाक़ों को टीपीएलएफ़ के नियंत्रण के हवाले करना होगा।

रविवार को अदीस अबाबा में टिग्रियों की तरफ़ से निकाली गयी रैली में एक और लोकप्रिय नारा लगाया गया था- "इथियोपिया की एकता और संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं"।इसमें टीपीएलएफ़ का समर्थन करने को लेकर पश्चिमी शक्तियों, ख़ास तौर पर अमेरिका की निंदा की गयी।

अमेरिकी हस्तक्षेप का विरोध करने में अहम भूमिका निभाता #NoMore अभियान

टीपीएलएफ़ को मिल रहे पश्चिमी समर्थन का प्रतिरोध इथियोपियाई प्रवासी की अगुवाई में #NoMore आंदोलन का विस्तार विश्व स्तर पर हो रहा है। इरिट्रिया और सोमालिया के प्रवासी- जिनके इथियोपिया के साथ सम्बन्ध टीपीएलएफ़ के शासनकाल के ख़ात्म के बाद अबी अहमद के शासनकाल में शांतिपूर्ण और सहकारी तरीक़े से विकसित हुए हैं,वे भी इस आंदोलन का एक हिस्सा हैं।

#NoMore बैनर के तहत हो रहे विरोध के बाद 21 नवंबर को दुनिया भर के 27 शहरों में प्रदर्शनों की एक श्रृंखला आयोजित की गयी, जिसमें इरिट्रिया, दक्षिण अफ़्रीका, जिबूती, बुर्किना फ़ासो, नाइजर, सूडान और वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के बाहर हुआ प्रदर्शन भी शामिल हैं। युगांडा, केन्या, तंजानिया, रवांडा, बुरुंडी, दक्षिण सूडान और डीआरसी में भी इस तरह के प्रदर्शनों की योजना बनायी जा रही है।

न्यू अफ़्रीका इंस्टीट्यूट के निदेशक साइमन टेसफ़ामरियम ने पीपल्स डिस्पैच को बताया, "इथियोपियन और इरिट्रिया के विरोध के रूप में जो कुछ शुरू हुआ था, वह एक ऐसा अखिल अफ़्रीकी आंदोलन बन गया, जो विश्व स्तर पर फैल गया है।"

तेस्फ़ामरियम इस #NoMore अभियान के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। इस आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले कई अन्य लोगों के साथ उनका ट्विटर अकाउंट नवंबर के अंत में सस्पेंड कर दिया गया था, जब टीपीएलएफ़ की बढ़त को लेकर यह उलटफेर शुरू हुआ था। इसके बावजूद यह आंदोलन लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

पश्चिम में अमेरिका के अलावा स्विट्जरलैंड, जर्मनी और स्पेन में भी इस तरह के प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। 5 दिसंबर को, बेरूत, लेबनान में एक मार्च आयोजित किया गया था, इसके बाद 6 दिसंबर को टोक्यो, जापान में भी प्रदर्शन किया गया था।

टेस्फ़ामरियम ने कहा कि इन लामबंदी ने "पेंटागन को एक संदेश भेजने और अबी अहमद को अग्रिम पंक्ति में जाने और आगे बढ़ने के लिए एक प्रकार का राजनयिक और राजनीतिक सुरक्षा मुहैया कराने में अहम भूमिका निभायी है। और अबी ने सामने जाने से ठीक पहले #NoMore ट्वीट किया। यह बहुत अहम है।"

उनका कहना था कि अमेरिकी सरकार अमेरिका की नीति के ख़िलाफ़ इथियोपियाई-अमेरिकियों के बीच ग़ुस्से को लेकर बढ़ती बेचैनी के संकेत दे रही है। उन्होंने हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका के लिए अमेरिका के विशेष दूत, राजदूत जेफ़री फ़ेल्टमैन की ओर इशारा किया, जो 23 नवंबर को अपने राज्य विभाग की ब्रीफ़िंग में "इथियोपियाई अमेरिकियों" को संबोधित करने के रास्ते से हट गये थे।

फ़ेल्टमैन ने इस महीने की शुरुआत में इथियोपियन सैटेलाइट टेलीविज़न (ESAT) पर एक बार फिर प्रवासी भारतीयों से अपील करने की कोशिश की। टेस्फ़ामरियम ने कहा कि यह "उस निश्चित स्तर की असुरक्षा को दर्शाता है, जिसे अमेरिकी विदेश विभाग ने इथियोपिया के प्रति अपनी नीति को लेकर महसूस करना शुरू कर दिया है।"

साभार: पीपल्स डिसपैच

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

https://peoplesdispatch.org/2021/12/07/civil-war-in-northern-ethiopia-turns-in-favor-of-federal-government-reversing-last-months-advances-by-tplf/

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