NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अंतरराष्ट्रीय
लैटिन अमेरिका
कोलंबिया की अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति अल्वारो को हिरासत में लेने का आदेश दिया
पूरे कोलंबिया में सोशल मूवमेंट और मानवाधिकार संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जा़हिर की है।
पीपल्स डिस्पैच
05 Aug 2020
columbia

पूर्व राष्ट्रपति अल्वारो उरीबे वेलेज़फोर के गवाह में हेरफेर और धोखाधड़ी के मामले में कोलम्बियाई सुप्रीम कोर्ट की जांच के सिलसिले में 4 अगस्त को अदालत ने उन्हें शेष न्यायिक प्रक्रिया के लिए हाउस अरेस्ट में रहने का आदेश दिया।

अगस्त 2002 से अगस्त 2010 तक अल्वारो उरीबे वेलेज़ कोलंबिया के राष्ट्रपति थे। भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, मानवाधिकारों के उल्लंघन, नशीले पदार्थों की तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य गंभीर अपराधों से जुड़े 270 से अधिक क़ानूनी मामलों में फंसे होने के बावजूद उरीबे ने किसी भी कानूनी दंड के प्रति बड़े पैमाने पर पूर्ण प्रतिरक्षा का लाभ उठाया है।

उनके शासन में विरोधी समूहों के क्रूर दमन को देखा गया जिसमें फर्जी मुठभेड़ शामिल है जिसे "फॉल्स पॉजिटिव्स" के रूप में जाना जाता है, जहां सैनिक अमेरिकी सहायता को सही ठहराने की स्थिति के रूप में वामपंथी एक्टिविस्ट की हत्या को बढ़ावा देने के लिए नागरिकों को पकड़ते और मार देते थे।

साल 2018 में कोलंबिया के सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में वामपंथी सीनेटर इवान सेपेडा द्वारा शुरू की गई एक जांच में पूर्व राष्ट्रपति के कथित अवैध हस्तक्षेप के संबंध में गवाह में हेरफेर और प्रक्रियात्मक धोखाधड़ी के लिए पूर्व राष्ट्रपति के मामले में एक जांच शुरु की थी। सेपेडा ने आरोप लगाया था कि उरीबे के देश में अर्धसैनिक ढांचे से संबंध थे। उन्होंने विशेष रूप से उरीबे और उनके भाई सैंटियागो पर आरोप लगाया कि वे एंटिओक्विया में सक्रिय एक अर्धसैनिक समूह यूनाइटेड सेल्फ-डिफेंस फोर्सेज ऑफ कोलंबिया (एयूसी) के दक्षिणपंथी मेट्रो ब्लॉक के गठन में भाग लिया है।

प्रतिक्रिया में उरीबे ने सेपेडा पर पूर्व अर्धसैनिक बलों को उनके ख़िलाफ़ गवाही देने के लिए रिश्वत देने का आरोप लगाया था लेकिन इंस्पेक्टर जनरल एलेजांद्रो ऑर्डोनेज ने उनकी जांच की और उन्हें कोई सबूत नहीं मिला। साल 2018 में सेपेडा के ख़िलाफ़ मामला बंद कर दिया गया था और अदालत ने घोषणा की कि वे उरीबे की जांच करेंगे।

उरीबे ने ट्विटर पर एक पोस्ट में अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मेरी स्वतंत्रता के नाश होने से मेरी पत्नी, मेरे परिवार और कोलंबियाई लोगों में दुख गहरा हो गया है, जो अभी भी मानते हैं कि मैंने मातृभूमि के लिए कुछ अच्छा किया है।" उरीबे की डिफेंस टीम ने प्रिवेंटिव डिटेंशन ऑर्डर को अपील करने का संकल्प लिया है।

 

columbia president
columbia supreme court
columbia alvaro uribo

Related Stories


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License