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स्वास्थ्य
भारत
कोविड-19: बढ़ते मामलों के साथ बेंगलुरु का संघर्ष जारी
बेंगलुरु में कोविड मामलों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है, हालांकि शहर महामारी को थामने के लिए संघर्ष कर रहा है, सरकार के सामने चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढाँचे को सशक्त बनाने का दबाव काम कर रहा है।
सुभाष राय, पीयूष शर्मा
21 Jul 2020
Translated by महेश कुमार
Bengaluru's Vidhana Soudha

हालांकि बेंगलुरु शहर में मामलों की बढ़ती संख्या से राहत का कोई संकेत नहीं मिल रहा है, लेकिन येदियुरप्पा सरकार नौकरशाहों को हटाने और बलि का बकरा ढूंढने में व्यस्त है।

शहर में मामलों के बढ़ते दबाव के जवाब में, राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि बेंगलुरू शहरी और बेंगलुरु ग्रामीण में 14 जुलाई की रात 8 बजे से 22 जुलाई की सुबह 5 बजे तक एक सप्ताह का लॉकडाउन होना चाहिए, जिसे चिकित्सा शिक्षा मंत्री के॰ सुधाकर के शब्दों में कहा जाए तो यह, "वायरस के संक्रमण के चक्र को तोड़ने के लिए जरूरी है।" विशेषज्ञ ने सिर्फ एक सप्ताह का लॉकडाउन असरदार होगा, पर संदेह व्यक्त किया है। मेयर गौतम कुमार ने 14 दिनों के लॉकडाउन की सिफ़ारिश की थी। बीबीएमपी के पूर्व कमिश्नर बीएच अनिल कुमार ने भी कहा था कि, “वायरस के चक्र को तोड़ने के लिए 14 दिनों का लॉकडाउन होना आवश्यक है। इससे प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी। हमने सरकार से लॉकडाउन को बढ़ाने का अनुरोध किया है लेकिन मुख्यमंत्री ही इस पर फैंसला लेंगे। 'विवादास्पद आयुक्त को जल्दी से स्थानांतरित कर दिया गया, शायद यह एक संकेत है कि सरकार लॉकडाउन को बढ़ाना नहीं चाहती है। नए आयुक्त एन मंजुनाथ प्रसाद ने लॉकडाउन के विस्तार पर सभी अटकलों को तुरंत खारिज कर दिया है।

जब तक कि अनलॉकडाउन 1.0 की शुरूवात नहीं हुई थी तब तक कर्नाटक की मामलों पर नियंत्रण रखने के लिए खूब सराहना की जा रही थी। बेंगुलुरु शहरी जिले में वास्तविक संकट रोगियों की जांच, उनके संपर्क तलाशने, उन पर नज़र रखना, और इलाज़ को लेकर रहा है। द हिंदू ने बताया कि "1 से 22 जून तक, लगभग 62.76 प्रतिशत मामलों में ट्रांसमिशन का स्रोत (बेंगलुरु शहरी जिला, जिसमें बीबीएमपी शामिल है) तय नहीं हुआ या उसका पता नहीं चला। स्वास्थ्य बुलेटिन में यह दर्ज किया गया की कि इस समय के दौरान कुल पाए गए मामलों 1,050 में से 659 मामलों में संकर्मण का स्रोत पता नहीं चला है या पता नहीं लगाया गया।”

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दक्षिण बेंगलुरु शहर में सबसे अधिक मामलों की पुष्टि के रूप में उभरा है, और जिन इलाकों को “बेंगलुरु शहर का केंद्र माना जाता है वे जो बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं उनमें सम्पांगीराम नगर, शांतिनगर (पूर्व क्षेत्र) और गांधी नगर, सभी इलाके जिन्हें "शहर" माना जाता है शामिल हैं।

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26 जून से टेस्ट और नए मामलों का अनुपात बढ़ रहा है।

इसके अलावा, शहर का सबअर्बन क्षेत्र, जो आईटी कॉरिडोर का हिस्सा है वह पुराने शहर जितना प्रभावित नहीं लग रहा है। हालांकि शहर के इस हिस्से में प्रवासियों की संख्या ज़्यादा है।

दसरहल्ली ज़ोन, जहाँ पीन्या औद्योगिक क्षेत्र है, वह अभी तक बचा हुआ है।

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बेंगलुरु में प्रति सप्ताह कुल मामलों के साप्ताहिक जांच पर एक नज़र।

सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में बिस्तरों को वास्तविक समय में बिस्तर उपलब्ध कराने के वादे के साथ सरकार शहर में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मज़बूत बनाने के लिए संघर्ष कर रही है। 19 जुलाई तक, प्रसाद अभी भी सरकारी आदेश लागू न करने पर निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्यवाही करने की धमकी दे रहे थे। उन्होंने कहा: “सरकार ने प्रत्येक अस्पताल की क्षमता की गणना का ली है और सही आंकड़े उनके पास हैं। मैं कल (सोमवार) सभी निजी अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी करूंगा। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने भी बेंगलुरु के निजी मेडिकल कॉलेजों से कहा है कि वे सरकार को अपने बेड का 50 प्रतिशत समर्पण कर दें।

कम जांच और ख़राब स्वास्थ्य ढांचा, महामारी के ख़िलाफ़ बेंगलुरु की लड़ाई को कठिन एवं कमज़ोर बना रहा है। 

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Covid-19: Bengaluru Struggling to Cope with Rising Case

Coronavirus
COVID-19
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Corona cases
Bengaluru's Vidhana Soudha

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