NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
कोविड-19: बढ़ते मामलों के साथ बेंगलुरु का संघर्ष जारी
बेंगलुरु में कोविड मामलों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है, हालांकि शहर महामारी को थामने के लिए संघर्ष कर रहा है, सरकार के सामने चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढाँचे को सशक्त बनाने का दबाव काम कर रहा है।
सुभाष राय, पीयूष शर्मा
21 Jul 2020
Translated by महेश कुमार
Bengaluru's Vidhana Soudha

हालांकि बेंगलुरु शहर में मामलों की बढ़ती संख्या से राहत का कोई संकेत नहीं मिल रहा है, लेकिन येदियुरप्पा सरकार नौकरशाहों को हटाने और बलि का बकरा ढूंढने में व्यस्त है।

शहर में मामलों के बढ़ते दबाव के जवाब में, राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि बेंगलुरू शहरी और बेंगलुरु ग्रामीण में 14 जुलाई की रात 8 बजे से 22 जुलाई की सुबह 5 बजे तक एक सप्ताह का लॉकडाउन होना चाहिए, जिसे चिकित्सा शिक्षा मंत्री के॰ सुधाकर के शब्दों में कहा जाए तो यह, "वायरस के संक्रमण के चक्र को तोड़ने के लिए जरूरी है।" विशेषज्ञ ने सिर्फ एक सप्ताह का लॉकडाउन असरदार होगा, पर संदेह व्यक्त किया है। मेयर गौतम कुमार ने 14 दिनों के लॉकडाउन की सिफ़ारिश की थी। बीबीएमपी के पूर्व कमिश्नर बीएच अनिल कुमार ने भी कहा था कि, “वायरस के चक्र को तोड़ने के लिए 14 दिनों का लॉकडाउन होना आवश्यक है। इससे प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी। हमने सरकार से लॉकडाउन को बढ़ाने का अनुरोध किया है लेकिन मुख्यमंत्री ही इस पर फैंसला लेंगे। 'विवादास्पद आयुक्त को जल्दी से स्थानांतरित कर दिया गया, शायद यह एक संकेत है कि सरकार लॉकडाउन को बढ़ाना नहीं चाहती है। नए आयुक्त एन मंजुनाथ प्रसाद ने लॉकडाउन के विस्तार पर सभी अटकलों को तुरंत खारिज कर दिया है।

जब तक कि अनलॉकडाउन 1.0 की शुरूवात नहीं हुई थी तब तक कर्नाटक की मामलों पर नियंत्रण रखने के लिए खूब सराहना की जा रही थी। बेंगुलुरु शहरी जिले में वास्तविक संकट रोगियों की जांच, उनके संपर्क तलाशने, उन पर नज़र रखना, और इलाज़ को लेकर रहा है। द हिंदू ने बताया कि "1 से 22 जून तक, लगभग 62.76 प्रतिशत मामलों में ट्रांसमिशन का स्रोत (बेंगलुरु शहरी जिला, जिसमें बीबीएमपी शामिल है) तय नहीं हुआ या उसका पता नहीं चला। स्वास्थ्य बुलेटिन में यह दर्ज किया गया की कि इस समय के दौरान कुल पाए गए मामलों 1,050 में से 659 मामलों में संकर्मण का स्रोत पता नहीं चला है या पता नहीं लगाया गया।”

graph 1_12.png

दक्षिण बेंगलुरु शहर में सबसे अधिक मामलों की पुष्टि के रूप में उभरा है, और जिन इलाकों को “बेंगलुरु शहर का केंद्र माना जाता है वे जो बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं उनमें सम्पांगीराम नगर, शांतिनगर (पूर्व क्षेत्र) और गांधी नगर, सभी इलाके जिन्हें "शहर" माना जाता है शामिल हैं।

graph 2_11.png

26 जून से टेस्ट और नए मामलों का अनुपात बढ़ रहा है।

इसके अलावा, शहर का सबअर्बन क्षेत्र, जो आईटी कॉरिडोर का हिस्सा है वह पुराने शहर जितना प्रभावित नहीं लग रहा है। हालांकि शहर के इस हिस्से में प्रवासियों की संख्या ज़्यादा है।

दसरहल्ली ज़ोन, जहाँ पीन्या औद्योगिक क्षेत्र है, वह अभी तक बचा हुआ है।

graph 3_1.png

बेंगलुरु में प्रति सप्ताह कुल मामलों के साप्ताहिक जांच पर एक नज़र।

सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में बिस्तरों को वास्तविक समय में बिस्तर उपलब्ध कराने के वादे के साथ सरकार शहर में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मज़बूत बनाने के लिए संघर्ष कर रही है। 19 जुलाई तक, प्रसाद अभी भी सरकारी आदेश लागू न करने पर निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्यवाही करने की धमकी दे रहे थे। उन्होंने कहा: “सरकार ने प्रत्येक अस्पताल की क्षमता की गणना का ली है और सही आंकड़े उनके पास हैं। मैं कल (सोमवार) सभी निजी अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी करूंगा। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने भी बेंगलुरु के निजी मेडिकल कॉलेजों से कहा है कि वे सरकार को अपने बेड का 50 प्रतिशत समर्पण कर दें।

कम जांच और ख़राब स्वास्थ्य ढांचा, महामारी के ख़िलाफ़ बेंगलुरु की लड़ाई को कठिन एवं कमज़ोर बना रहा है। 

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Covid-19: Bengaluru Struggling to Cope with Rising Case

Coronavirus
COVID-19
Bengaluru
Corona cases
Bengaluru's Vidhana Soudha

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License