NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
CPI(M) पार्टी कांग्रेस ने किया दिल्ली में मज़दूर-किसान आन्दोलन करने का आवाहन
BJP/RSS को चुनावों में और वैचारिक तौर पर हराने के लिए हुई चर्चा सर्वसहमति के साथ समाप्त हुई I
सुबोध वर्मा
23 Apr 2018
cpim

मीडिया की सीमित जानकारी से उभरी अटकलों के विपरीत CPI(M) की 22वीं पार्टी कांग्रेस में संघ परिवार/बीजेपी से लड़ाई के मुख्य मुद्दे पर संगठित समझ बनी I इसके साथ ही दिल्ली में 5 सितम्बर को मज़दूरों और किसानों का एक बड़ा और एतिहासिक आन्दोलन करने का आवाहन भी किया गया, जिसके लिए महीनों तक लोगों को संगठित किया जायेगा I

मुख्यधारा की मीडिया के लिए इस कांग्रेस का मुख्य मुद्दा CPI(M) के तथाकथित दो धड़ों के बीच में लड़ाई ही रहा I पार्टी के द्वारा बार बार ये साफ़ करने पर कि सभी मुद्दों पर खुली चर्चा को जगह दी गयी है(खासकर पार्टी कांग्रेस के डेलिगेट सेशन में ), मुख्यधारा की मीडिया अपने पूर्वाग्रहों से नहीं उभर पायी I इसीलिए हर जगह सिर्फ धडों, बिखरावों और गुटों की ही खबरें सुर्खियाँ बनीं I

जैसा की देखा गया इस पार्टी की बैठक में बीजेपी से लड़ने के लिए गठबंधन बनाने के दोनों पक्षों को रखा गया I एक नज़रिया ये था कि क्योंकि BJP/RSS देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है इसीलिए CPI(M) को कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन बनाना चाहिए और दूसरा ये नज़रिया ये था कि क्योंकि कांग्रेस शासक वर्ग की पार्टी है इसीलिए ऐसा नहीं करना चाहिए I काफी वाद विवाद के बाद पार्टी ने ये निर्णय लिया कि पार्टी कांग्रेस के साथ कोई राजनीतिक गठबंधन नहीं करेगी I इसके साथ ही ये भी निर्णय लिया गया कि पार्टी साम्प्रदायिकता के खिलाफ लोगों को संगठित करने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष दलों जिनमें कांग्रेस भी शामिल है, के साथ संसद के बाहर एक गठजोड़ कर सकती है I पार्टी ने ये भी कहा कि वह वर्ग और जन संगठनों के संघर्षों के ज़रिये कांग्रेस और अन्य पूंजीपति पार्टियों को हाशिये पर करने की कोशिश करेगी I

इसके बाद प्रतिनिधियों ने उस राजनीतिक संकल्प पर मुहर लगाई जिसमें ये कहा गया था कि पार्टी को न सिर्फ सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ एक व्यापक संघर्ष करने की ज़रुरत है बल्कि RSS और उससे जुड़े सांप्रदायिक संगठनों को भी चुनौती देने की ज़रुरत है I एक मुख्य बिंदु जिसपर CPI(M) की समझदारी है वह है कि RSS की सांप्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष नवउदारवादी नीतियों के खिलाफ संघर्ष के साथ जुडा हुआ है, क्योंकि इन्ही नीतियों की वजह से साम्प्रदायिकता के लिए एक उपजाऊ ज़मीन तैयार होती है I ये ज़ाहिर है कि मुख्यधारा की मीडिया इसे समझने की कोशिश भी नहीं करती I

लेकिन मुख्यधारा की मीडिया ने जिस बात को सबसे ज़्यादा छुपाया वो था एक मुख्य राजनैतिक संकल्प जो जिसमें 5 सितम्बर 2018 को मज़दूर किसान संघर्ष रैली करने की बात की गयी थी और जिसे पार्टी कांग्रेस ने पास किया है I उसमें बताया गया कि कैसे पिछले समय में लगातार मोदी सरकार की योजनाबद्ध जनविरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और आन्दोलन हुए हैं I इसमें 5 सितम्बर को दिल्ली में होने वाली मज़दूर किसान संघर्ष रैली को पूरा समर्थन दिया गया I ये शक्ति प्रदर्शन न सिर्फ लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों को एक सूत्र में बांधेगा बल्कि विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनावों और 2019 के लोक सभा चुनावों पर भी असर डालेगा I

पार्टी कांग्रेस में ये चर्चाएं दर्शातीं हैं कि CPI(M) मोदी सरकार के खिलाफ लड़ाई में अपने सारे संसाधन लगा रही है I ये देश भर में मोदी सरकार और उसके ‘अच्छे दिन’ के जुमले के खिलाफ बढ़ रहे अविश्वास और रोष को ही परिलक्षित करता है I

पार्टी का आवाहन पार्टी कांग्रेस में ज़ाहिर की गयी इस सोच को दर्शाता है कि आज के समय में मोदी सरकार को हराने के लिए, नवउदारवादी नीतियों के खिलाफ़ एक व्यापक वामपंथी एकता की ज़रूरत है I

पार्टी कांग्रेस में मोदी सरकार द्वारा औद्योगिक क्षेतों में “निश्चित अवधि रोज़गार” की निंदा करते हुए भी एक राजनीतिक प्रस्ताव पर मुहर लगाई गयी I इस प्रस्ताव में कहा गया है कि श्रम कानूनों में ये बदलाव नवउदारवादी नीतियों का एक अभिन्न हिस्सा है, जिससे मज़दूर वर्ग को दास बनाया जा रहा है I बीजेपी सरकार ने पहले ही Apprenticeship Act में तो बदलाव कर दिए हैं और Factories Act, Contract Labor Act, और 44 श्रम कानूनों को 4 labor Codes में सम्मलित करना मज़दूरों को मिल रही थोड़ी बहुत सहूलियत को भी ख़तम करने की कोशिश ही है I

बीजेपी के त्रिपुरा में आतंकी हमले , फाइनेंस कमीशन के कष्टदायक नियम , जज लोया मामले पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय, दलितों पर अत्याचार और देश में बेरोज़गारी के भयानक हालातों पर भी पार्टी कांग्रेस के आखिरी दो दिनों में चर्चा हुई I पार्टी कांग्रेस नयी पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति बन जाने के बाद संगठनिक रिपोर्ट पर बात चीत करेंगे I CPI(M) के संविधान के हिसाब से पार्टी कांग्रेस निर्णय लेने वाला सबसे बड़ा संगठन है I

CPI(M)
CPIM party congress
22nd party congress
Hindutva
BJP Govt

Related Stories

डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली

केरल उप-चुनाव: एलडीएफ़ की नज़र 100वीं सीट पर, यूडीएफ़ के लिए चुनौती 

ज्ञानवापी कांड एडीएम जबलपुर की याद क्यों दिलाता है

मनोज मुंतशिर ने फिर उगला मुसलमानों के ख़िलाफ़ ज़हर, ट्विटर पर पोस्ट किया 'भाषण'

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?

बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’


बाकी खबरें

  • भाषा
    ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया
    27 May 2022
    माना जाता है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनिमियतता के मामले में की जाएगी। संघीय एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन ख़ान को दी क्लीनचिट
    27 May 2022
    मेनस्ट्रीम मीडिया ने आर्यन और शाहरुख़ ख़ान को 'विलेन' बनाते हुए मीडिया ट्रायल किए थे। आर्यन को पूर्णतः दोषी दिखाने में मीडिया ने कोई क़सर नहीं छोड़ी थी।
  • जितेन्द्र कुमार
    कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
    27 May 2022
    कांग्रेस नेतृत्व ख़ासकर राहुल गांधी और उनके सिपहसलारों को यह क़तई नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई कई मजबूरियों के बावजूद सबसे मज़बूती से वामपंथी दलों के बाद क्षेत्रीय दलों…
  • भाषा
    वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार
    27 May 2022
    यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अपील के साथ अलग से दी गई जमानत अर्जी खारिज करते हुए पारित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    “रेत समाधि/ Tomb of sand एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं”
    27 May 2022
    ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास है। इस पर गीतांजलि श्री ने कहा कि हिंदी भाषा के किसी उपन्यास को पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिलाने का जरिया बनकर उन्हें बहुत…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License