NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
पर्यावरण
भारत
राजनीति
चक्रवाती बुरेवि की वजह से खूब बारिश,धान और गन्ने की फसलों को पहुंचा भारी नुकसान
कुड्डालोर जिले में पिछले 48 घण्टों से मूसलाधार बारिश जारी है और समुद्र का जल तटबंधों को तोड़ते हुए माईलादुथराई जिले की कुछ मछुआरा बस्तियों में प्रवेश कर चुका है।
नीलाम्बरन ए
05 Dec 2020
farmers
छवि साभार: न्यू इंडियन एक्सप्रेस 

चक्रवात बुरेवि - जो कि अब 4 दिसंबर की सुबह 8:30 बजे को गहरे दबाव का बनाये रख पाने में कमजोर पड़ चुका है। इसके अगले 24 घंटों में सुनिश्चित कम दबाव (डब्ल्यूएमएलपी) की स्थिति में जाने से और कमजोर पड़ने की उम्मीद है। 

3 दिसंबर से ही पंबन क्षेत्र में पिछले कई घंटों से चक्रवात स्थिर बना हुआ है। इसकी वजह से डेल्टा जिलों और पश्चिमी घाट के क्षेत्रों में लगातार बारिश का क्रम बना हुआ है। केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी के कराईकाल जिले में भी पिछले 24 घंटों से मूसलाधार बारिश हो रही है।

कुड्डालोर जिले में पिछले 48 घंटों से लगातार बारिश हो रही है और समुद्री पानी तटबंधों को तोड़ते हुए माईलादुथराई जिले की कुछ मछुआरा बस्तियों में प्रवेश कर चुका है। इस आपदा से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की चौदह टीमों को विभिन्न जिलों में तैनात किया गया है।

पोंगल के फसल उत्सव के करीब - अगले दो से तीन हफ़्तों में उपज के लिए तैयार ‘सांबा’ धान और गन्ने की फसल को तिरुवरुर जिले में भारी नुकसान पहुँचा है। 

चक्रवात निवार के दौरान जहाँ उत्तरी जिलों की फसल को नुकसान पहुँचा था, वहीँ चक्रवात बुरेवि ने डेल्टा क्षेत्रों के जिलों की फसल को क्षति पहुँचाने के साथ-साथ उत्तरी जिलों के कुछ बाढ़ग्रस्त हिस्सों को भी नुकसान पहुँचाया है। अभी तक तीन मौतों की खबर मिल सकी है: कांचीपुरम में दो लड़कियों की डूबने से मौत की खबर है, वहीँ चेन्नई में एक दिहाड़ी मजदूर की करंट लगने से मौत हो गई है। 

छवि साभार: आर. प्रकाश 

चेन्नई सहित राज्य के उत्तरी हिस्से के कई जिलों में भी बारिश हुई है, जिसके चलते शहर के कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। रामनाथपुरम एवं विझुपुरम सहित कई तटीय गाँवों में मछली पकड़ने वाली नौकाओं को भी नुकसान पहुँचने की खबर है। 

तमिलनाडु सरकार ने एहतियात के तौर पर कन्याकुमारी, तिरुनेलवेली, तेनकासी, रामनाथपुरम, विरुधुनगर एवं थूथूकुडी जैसे दक्षिणी जिलों के लिए 4 दिसंबर के दिन छुट्टी की घोषणा कर दी थी। अगले 24 घंटों में इन जिलों में मध्यम से लेकर भारी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही केरल के दक्षिणी जिलों में भी भारी बारिश होने की उम्मीद है। 

निचले इलाकों एवं मछुआरों के रिहायशी इलाकों में रहने वाले निवासियों को 2 दिसंबर के दिन ही वहाँ से स्थानांतरित कर राहत शिविरों में ले जाया गया था। दक्षिणी जिलों में तकरीबन 490 शिविरों में 1.92 लाख लोगों के रहने का बंदोबस्त किया गया था। हलांकि डेल्टा जिलों से जब इसकी तुलना करते हैं तो ये जिले उनसे कम प्रभावित हुए हैं।

कुड्डालोर जिले में जहाँ सार्वजनिक परिवहन को स्थगित कर दिया गया था, वहां से 35,000 से अधिक लोगों को राहत शिविरों में 4 दिसंबर को तड़के ही स्थानांतरित कर दिया गया था। 

चक्रवात बुरेवि के 3 दिसंबर की रात को ही जमीन से टकराने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन यह कई घंटों तक स्थिर बना रहा। इस दबाव के चलते डेल्टा क्षेत्रों में पड़ने वाले जिलों में भारी बारिश हुई है, जिसके चलते धान और गन्ने की फसलें प्रभावित हुई हैं। 

अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के प्रदेश अध्यक्ष वी. सुब्रमणि का इस बारे में कहना था कि: “निरंतर मूसलाधार बारिश के कारण तिरुवरुर जिले में 1.5 लाख एकड़ से अधिक धान की फसल पानी में डूब चुकी है। जैसा कि पूर्वानुमान है, यदि सांबा फसलें इसी प्रकार दो दिनों तक पानी में डूबी रहती हैं तो किसानों को भारी नुकसान होने जा रहा है। इस बार का फसल उत्सव किसानों के लिए दुःख के मौसम में तब्दील होकर रह जाने वाला साबित होने जा रहा है।”

कुड्डालोर और तंजावुर जिलों में गन्ने की फसल भी प्रभावित हुई है। वे किसान जो पोंगल महोत्सव के अवसर पर अपने गन्ने की फसल की कटाई कर उसे चीनी मिलों में ले जाने की तैयारी में लगे थे, उनके भाग्य में भी अब धान की खेती करने वाले लोगों के समान ही दुःख भोगना लिखा है। 

सुब्रमणि के अनुसार “गन्ने की फसल बीमा योजना के तहत नहीं आती है और इसलिए राज्य और केंद्र सरकार को चाहिए कि वे प्रभावित किसानों के लिए राहत दिए जाने की घोषणा करे। जहाँ तक धान की फसल का प्रश्न है तो उसके लिए सरकार जल्द से जल्द बीमा राशि के वितरण के काम को सुनिश्चित करे।” बारिश के पानी के अगले दो दिनों में तंजावुर और तिरुवरुर से बहकर नागापट्टिनम जिले में आ जाने से यहाँ की फसलों के भी क्षतिग्रस्त होने की संभावना है।

तिरुवरुर और तंजावुर की प्रमुख नदियाँ उफान पर हैं और बेहद तेजी से अपने तटबंधों को तोड़ती जा रही हैं, जबकि कुड्डालोर की वीरम झील पानी से लबालब भर चुकी है। तिरुची और पेराम्बलुर में भी नदियों की स्थिति कुछ इसी प्रकार की बनी हुई हैं। जबकि नदियों में आये भारी जलप्रवाह के पीछे की वजहों के लिए रेत खनन एवं नदियों के किनारों पर अतिक्रमण किये जाने को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। 

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Cyclone Burevi: Continuous Rainfall Damages Paddy and Sugarcane Crops in Delta Districts

Cyclone Burevi
Cyclone Nivar
Extreme Weather Event
Delta Districts
Crop Damages in Cyclone
Severe Cyclone
NDRF

Related Stories

जलवायु परिवर्तन से विश्व में विषम मौसम की घटनाओं में बढ़ोतरी, भारत अछूता नहीं

मुबंई: बारिश हर साल लोगों के लिए आफ़त लेकर आती है और प्रशासन हर बार नए दावे!

ग्लेशियर टूटने से तो आपदा आई, बांध के चलते मारे गए लोगों की मौत का ज़िम्मेदार कौन!

विकास के नाम पर हिमालय से खिलवाड़ का नतीजा है यह आपदा


बाकी खबरें

  • मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति
    03 Jun 2022
    क्यूबा में ‘गुट-निरपेक्षता’ का अर्थ कभी भी तटस्थता का नहीं रहा है और हमेशा से इसका आशय मानवता को विभाजित करने की कुचेष्टाओं के विरोध में खड़े होने को माना गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
    03 Jun 2022
    जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्यसमाज का काम और अधिकार क्षेत्र विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है।
  • सोनिया यादव
    भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल
    03 Jun 2022
    दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट भारत के संदर्भ में चिंताजनक है। इसमें देश में हाल के दिनों में त्रिपुरा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों के साथ हुई…
  • बी. सिवरामन
    भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति
    03 Jun 2022
    गेहूं और चीनी के निर्यात पर रोक ने अटकलों को जन्म दिया है कि चावल के निर्यात पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर: एक और लक्षित हत्या से बढ़ा पलायन, बदतर हुई स्थिति
    03 Jun 2022
    मई के बाद से कश्मीरी पंडितों को राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास के लिए  प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत घाटी में काम करने वाले कम से कम 165 कर्मचारी अपने परिवारों के साथ जा चुके हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License