नैरोबी में डब्लूटीओ सम्मेलन में शिक्षा को एक मुनाफे की वस्तु बनाने की तैयारी हो चुकी है. और उसके परिणामस्वरुप अनेक देशों में शिक्षा के बजट में कटौती देखी जा सकती है. हाल ही में हिन्दुस्तान में भी नॉन यूजीसी फ़ेलोशिप में कटौती की गई और उसके विरोध में यूजीसी पर लगातार छात्र संगठन और समुदाय धरने पर बैठे हैं. न्यूज़क्लिक ने डूटा अध्यक्ष नंदिता नारायण और एसएफआई के राष्ट्रीय सह सचिव शतरूप से बात की. नंदिता ने शिक्षा के बाज़ारीकरण पर चर्चा की और शतरूप ने छात्र समुदाय पर इसके प्रभाव पर बात रखी.