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देहरादून आश्रय बलात्कार मामले में नौ दोषी करार
सरकारी वकील संजीव सिसोदिया के अनुसार बलात्कार के बाद महिला का गर्भपात कराया गया और मामले को रफा दफा करने के लिए उसके भ्रूण को नारी निकतेन में ही दफना दिया गया। इस मामले में सोमवार को सज़ा सुनाई जाएगी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
31 Aug 2019
shelter home
फाइल फोटो, साभार : livehindustan.com

उत्तराखंड की एक अदालत ने राजधानी देहरादून में स्थित एक आश्रय गृह में रहने वाली मूक बधिर महिला के साथ चार साल पहले बलात्कार करने और बाद में उसका गर्भपात कराने के मामले में नौ लोगों को दोषी करार दिया है। 

लोक अभियोजक संजीव सिसोदिया के अनुसार बलात्कार के बाद महिला का गर्भपात कराया गया और मामले को रफा दफा करने के लिए उसके भ्रूण को नारी निकतेन में ही दफना दिया गया।

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश धरम सिंह ने नौ लोगों को इस मामले में शुक्रवार को दोषी करार दिया है। दोषी करार दिये गए लोगों में आश्रय गृह का अधीक्षक भी शामिल है। इस मामले का खुलासा नवंबर 2015 में हुआ था। 

सिसोदिया ने बताया कि अदालत मामले में सोमवार को सजा सुनाएगी।

आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों में ऐसे ही कई मामले बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में सामने आएं हैं। बिहार का मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम यानी आश्रय गृह कांड तो सबको याद होगा। जिसके तार राज्य सरकार से जुड़े प्रभावशाली लोगों तक जुड़े और एक मंत्री को इस्तीफा तक देना पड़ा। इस पूरे मामले की जांच सीबीआई कर रही है। 

इसे भी पढ़ें: मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम मामला : सुप्रीम कोर्ट ने जांच पूरी करने के लिये सीबीआई को दिए तीन महीने

इसी तरह उत्तर प्रदेश के देवरिया का मामला सामने आया। इसी तरह मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आश्रय गृह की मूक-बधिर छात्राओं ने दुष्कर्म और छेड़छाड़ की शिकायत की थी। 

इसी तरह ओडिशा के कालाहांडी जिले में एक आश्रयगृह के अधीक्षक द्वारा एचआईवी संक्रमित नाबालिग लड़कियों के कथित यौन शोषण की खबरों की अधिकारी जांच कर रहे हैं।

इसे भी पढ़ें :ओडिशा : आश्रयगृह में एचआईवी संक्रमित लड़कियों के यौन शोषण की जांच शुरू


इसे भी पढ़ें : 2018 : आश्रय गृह के शोषण गृह बनने का साल

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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