NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
देश बचाने के लिए “संविधान बचाओ-धर्मनिरपेक्षता बचाओ” मार्च
बाबरी मस्जिद की शहादत और बाबा साहब अंबेडकर के स्मृति दिवस के मौके पर वामपंथी दलों के संयुक्त आह्वान पर आज देशभर में "संविधान बचाओ-धर्मनिरपेक्षता बचाओ" मार्च निकाला गया। जिसमें नागरिक समाज ने भी हिस्सा लिया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
06 Dec 2018
“संविधान बचाओ-धर्मनिरपेक्षता बचाओ” मार्च

बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी और बाबा साहब अंबेडकर के स्मृति दिवस के मौके पर आज 6 दिसंबर को देशभर में कई कार्यक्रम हुए। वामपंथी दलों के संयुक्त आह्वान पर आज देशभर में "संविधान बचाओ-धर्मनिरपेक्षता बचाओ" मार्च निकाला गया। दिल्ली में यह मार्च मंडी हाउस से संसद मार्ग तक निकाला गया, जिसमें सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई (एमएल), आरएसपी, फॉरवर्ड ब्लॉक के साथ नागरिक समाज ने भी हिस्सा लिया। 

दिल्ली में सुबह 11 बजे बड़ी संख्या में लोग मंडी हाउस पर इकट्ठा हुए और करीब 12 बजे वहां से जंतर-मंतर, संसद मार्ग की तरफ कूच किया। संसद मार्ग पर पहुंचकर ये मार्च सभा में बदल गया जिसे तमाम नेताओं ने संबोधित किया। 

47446246_343444099803541_4164388620775456768_n.jpg

सभा में सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, पूर्व महासचिव प्रकाश करात, पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात, सीपीआई नेता डी राजा, सीपीआई-एमएल महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य सभी नेताओं ने आज के हालात का जिक्र करते हुए देशवासियों को फासीवादी ताकतों से सावधान रहने का आह्वान किया। सभी नेताओं ने कहा कि आज ये फासीवादी ताकतें देश के संविधान को मिटाना चाहती हैं। जिससे पूरे लोकतंत्र को ही खतरा हो गया है। मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल हो गई है, और अब हार से बचने के लिए एक बार फिर देश को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने की साज़िश की जा रही है।

सीताराम येचुरी ने बुलंदशहर का जिक्र करते हुए कहा कि बुलंदशहर  इसी साजिश का एक उदाहरण है। जहां गौ हत्या के बहाने एक बड़ा दंगा कराने की कोशिश की गई और एक पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि जब ये अपने एक पुलिस इंस्पेक्टर को नहीं बचा सके तो ये देश को क्या संभालेंगे। उन्होंने कहा कि आज वक्त देश-संविधान और धर्मनिरपेक्षता को बचाने का संकल्प लेने का है। 

वृंदा करात ने कहा कि आज संविधान को बचाने की ज़रूरत है। ये सांप्रदायिक ताकतें आज सामाजिक सोहार्द और भाईचारे के खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। इनके जब जुमले खत्म हो जाते हैं तो इसी तरह धर्म की राजनीति शुरू कर देते हैं। 

47578154_2237327346538283_4553048268749144064_n.jpg

माले नेता दीपंकर भट्टाचार्या ने भी बुलंदशहर की घटना का जिक्र करते हुए इसे बड़ी साजिश का संकेत बताया। उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में गुंडा राज कायम किया जा रहा है। कहीं भी किसी की भी हत्या कर दी जा रही है। ये केवल दलितों या मुसलमानों का मामला नहीं है बल्कि ये पूरे लोकतंत्र पर हमला। 

दिल्ली के अलावा भी कई अन्य राज्यों से इस तरह के मार्च निकाले गए। बिहार की राजधानी पटना में भी वाम दलों के संयुक्त आह्वान पर “संविधान बचाओ-धर्मनिरपेक्षता बचाओ” मार्च का आयोजन किया गया। इसमें पटना शहर के बुद्धिजीवियों ने भी भागीदारी की। कार्यक्रम की शुरुआत हाईकोर्ट परिसर स्थित डॉ. अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण के साथ हुई। इसके बाद बड़ी तादाद में लोगों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर गांधी मैदान तक मार्च किया। गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के समक्ष एक संकल्प सभा आयोजित की गई। सभा में फासीवादी ताकतों को परास्त करने तथा देश-संविधान और धर्मनिरपेक्षता के लिए संघर्ष को तेज करने का संकल्प लिया गया।

48171362_747658808926619_8308245244881666048_n_0.jpg

संकल्प सभा को सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य राजाराम सिंह, सीपीआईएम की केंद्रीय कमेटी के सदस्य अरूण मिश्रा, फारवर्ड ब्लॉक के अमेरिका महतो, आरएसपी के वीरेन्द्र ठाकुर, ऐपवा की बिहार राज्य सचिव शशि यादव, ऐडवा की रामपरी देवी तथा बिहार महिला समाज की निवेदिता झा ने संबोधित किया। संकल्प सभा का संचालन भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, सीपीआई के रामनरेश पांडेय तथा सीपीआईएम के गणेश शंकर सिंह ने संयुक्त रूप से किया। 
इस अवसर पर सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार, माले के वरिष्ठ नेता केडी यादव, राजाराम, शिवसागर शर्मा व अभ्युदय, प्रसिद्ध समाजशास्त्री एम एन कर्ण, पटना विश्वविद्यालय इतिहास विभाग की पूर्व अध्यक्ष भारती एस कुमार, प्रो. संतोष कुमार, साक्षरता आंदोलन की उर्मिला, इसकस के अशोक कुमार, सीपीआई के रवीन्द्र नाथ राय व विश्वजीत कुमार, अनीश अंकुर, इपटा के बिहार महासचिव तनवीर अख्तर, कोरस की समता राय, शिक्षा आंदोलन के मो. गालिब, बिहार महिला समाज की सुशीला सहाय सहित कई लोग शामिल थे।

वाम नेताओं ने संकल्प सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिन ताकतों ने बाबरी मस्जिद को गिराया था आज वे पूरे देश को लिंचिस्तान बना देना चाहते हैं। भाजपा-संघ परिवार न केवल देश में नफरत का माहौल पैदा कर रहा है बल्कि आजादी के आंदोलन के गर्भ से निकले संविधान की भी खुलेआम धज्जियां उड़ा रहा है। आज पूरे देश में इन ताकतों के सांप्रदायिक मंसूबे को नाकाम करने के लिए हम सब संघर्ष तेज करने का संकल्प लेते हैं।

47470977_323456811578145_6750787432158855168_n.jpg

सांप्रदायिक दंगे, घृणा, अपराध, फर्जी एनकाउंटर, दलितों पर अत्याचार, महिलाओं पर हमले भाजपा सरकार की चारित्रिक विशिष्टताएं बन चुके हैं। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कराने के लिए आज यूपी में एक बार फिर से नफरत का माहौल खड़ा किया जा राह है. अब मॉब लिंचिंग में आम लोगों की बिसात क्या, पुलिस अधिकारियों की भी हत्या कर दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि 2019 का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है भाजपा व संघ हत्यारी भीड़ के माध्यम से मंदिर और गाय के नाम पर मुस्लिम विरोधी घृणा और उन्माद भड़काने के जहरीले अभियान द्वारा मूल सवालों से जनता का ध्यान भटकाने और उनकी एकता को तोड़ने की कोशिश में है। ऐसे सांप्रदायिक मंसूबे तो फेल होंगे ही, अगले चुनावों में भाजपा को सत्ता से भी बाहर होना है। राममंदिर बनाने हेतु सर्वोच्च न्यायालय को नजरअंदाज कर केंद्र सरकार से कानूनी अध्यादेश लाने की मांग कर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करवाने की कोशिश हो रही है। संघ ब्रिगेड को आस्था के नाम पर संविधान और धर्मनिरपेक्षता की धज्जी उड़ाने की कभी इजाजत नहीं दी जाएगी।
पटना के अलावा भी बिहार के तमाम जिला मुख्यालयों पर इस तरह के कार्यक्रम आयाजित किए गए।
 

babri masjid
Babri Demolition
Constitution of India
Dr. Ambedkar
BR Ambedkar
CPI(M)
CPI
CPI(ML)
RSP
AIFB
संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ मार्च

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

विचारों की लड़ाई: पीतल से बना अंबेडकर सिक्का बनाम लोहे से बना स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी

केरल उप-चुनाव: एलडीएफ़ की नज़र 100वीं सीट पर, यूडीएफ़ के लिए चुनौती 

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद

ज्ञानवापी मस्जिद: कड़ी सुरक्षा के बीच चार तहखानों की वीडियोग्राफी, 50 फीसदी सर्वे पूरा


बाकी खबरें

  • kavita
    न्यूज़क्लिक टीम
    सारे सुख़न हमारे : भूख, ग़रीबी, बेरोज़गारी की शायरी
    21 May 2022
    देश में डीज़ल-पेट्रोल महंगा, गैस महंगी, आटा महंगा… लेकिन सड़कें अगर सरगर्म हैं तो धार्मिक जुलूस से। मुद्दा है, बहस है तो अज़ान का, लाउडस्पीकर का, हनुमान चालीसा का और अब शिवलिंग का। न्यूज़क्लिक के ख़ास…
  • ambedkar
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार 'पंचतीर्थ' के बहाने अंबेडकर की विचारधारा पर हमला कर रही है
    21 May 2022
    वरिष्ठ पत्रकार भाषा इस इंटरव्यू में चर्चा कर रही हैं मोदी सरकार 'पंचतीर्थ' के बहाने अंबेडकर की विचारधारा पर हमला कर रही है। सवाल उठा रहे हैं अंबेडकर जिन्होंने देश में जातीवाद को ख़तम किया क्या उनके…
  • नताली मार्केज़
    क्यों USA द्वारा क्यूबा पर लगाए हुए प्रतिबंधों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं अमेरिकी नौजवान
    21 May 2022
    एक युवा ब्राजीलियाई-अमेरिकी आयोजक गेब्रिएला सिल्वा, क्यूबा में यूथ ब्रिगेड में हिस्सा लेने के अपने अनुभव को बता रही हैं।
  • रवि शंकर दुबे
    ‘’तेरा नाम मोहम्मद है’’?... फिर पीट-पीटकर मार डाला!
    21 May 2022
    मध्यप्रदेश के नीमच में एक बुजुर्ग की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई, क्योंकि उसने जवाब नहीं दिया कि वो हिंदू है या मुसलमान।
  • सौरव कुमार
    छत्तीसगढ़: अधूरी, अक्षम रणनीति सिकल सेल रोग के निदान को कठिन बना रही है
    21 May 2022
    इसके अलावा रायपुर में सिकल सेल इंस्टीट्यूट भ्रष्ट गतिविधियों से ठप पड़ा है। वहां हाल के महीनों में कथित तौर पर करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License