NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
देश में बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं के बीच, बीजेपी संसद ने कहा "मुसलमानों को भारत छोड़ देना चाहिए"
लोकसभा में दिए गए जवाब से पता चला कि 2017 में सांप्रदायिक दंगों में 111 लोगों की मौत हुई और 2,384 लोग घायल हुए I
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
08 Feb 2018
communal violence

भारतीय जनता पार्टी के सांसद विनय कटियार ने बुद्धवार को कहा कि मुसलमानों को भारत में नहीं रहना चाहिए क्योंकि “इस समुदाय ने जनसंख्या के आधार पर देश को बाँटा है I”

ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा “मुसलमनों को भारत में नहीं रहना चाहिए I उन्होंने देश को जनसंख्या के आधार पर बाटा था I तो फिर भारत में रहने की ज़रुरत ही क्या है ? उन्हें जगह दे दी गयी है I उन्हें या तो पाकिस्तान या बंगलादेश चले जाना चाहिए I”

कटियार का ये बयान तब आ रहा है जब लोक सभा में मंगलवार को एक जवाब से यह खुलासा हुआ कि देश में लगातार साम्प्रदायिकता बढ़ती जा रही है I ऐसा लगता है कि सत्ता में बैठे लोगों और मुख्यधारा की मीडिया द्वारा फैलाया जा रहा ज़हर, देश के सांप्रदायिक सौहार्द को ख़तम कर रहा है I

लोकसभा में दिए गए जवाब से पता चला कि 2017 में सांप्रदायिक दंगों में 111 लोगों की मौत हुई और 2,384 लोग घायल हुए I आँकडे बता रहे हैं कि जहाँ 2015 में 703 और 2016 में 751 सांप्रदायिक घटनाएँ हुई वहीँ पिछले साल बढ़कर 822 हो गयीं I ये साफ़ है कि गाय के नाम पर हो रही हिंसा और भीड़ द्वारा की जा रही हिंसा इस बढौतरी के लिए ज़िम्मेदार है I अगर इंडिया स्पेंड्स की रिपोर्ट को पढ़ा जाए तो पिछले साल गाय के नाम पर हिंसा के 26 मामले सामने आये थे , जो कि 2010 से सबसे ज़्यादा है I यही रिपोर्ट ये भी खुलासा करती है  कि इनमें से 97% घटनाएँ मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हुई हैं I

लोक सभा में दिए गए आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान में पिछले साल सांप्रदायिक घटनाओं का आंकड़ा बढ़कर 91 हो गया था जबकी 2016 में ये आंकड़ा 63 था और 2015 में 65 I हमे याद रखना होगा कि यही राज्य है जहाँ पिछले साल गाय के नाम पर और सांप्रदायिक हिंसा में पहलू खान, ज़फर खान, उमर खान, तालीम हुसैन और मोहम्मद अफराज़ुल की हत्याएं हुई I साथ ही राजस्थान देश का इकलौता राज्य है जहाँ गाय के लिए अलग से एक मंत्रालय है I

मानवाधिकार संगठन काफी समय से कह रहे हैं कि बीजेपी और आरएसएस राजस्थान को साम्प्रदायिकता की प्रयोगशाल बनाने का प्रयास कर रही है I अगर हम राज्य में साम्प्रदायिक हिंसा में मरने वालों के आंकड़ों पर नज़र डालें तो वह भी यही कहानी बयान कर रहे हैं ,  पिछले साल इन घटनाओं में 12 लोगों की मौत हुई जबकी 2016 और 2015 में ये आंकड़ा 5 था I

ये आँकड़े उत्तर प्रदेश के बारे में भी यही कहानी सुनते हैं, गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में देश की सबसे ज़्यादा सांप्रदायिक घटनाएँ हुई हैं I राज्य में साम्प्रदायिकता में लगतार बढ़ोतरी देखी है ,  यहाँ 2015 में 155 घटनाएँ हुई , 2016 में 162 और 2017 में 195 I केंद्रीय मंत्री हंसराज आहिर ने कहा कि 2017 में इन घटनाओं में 44 लोगों की मौत हुई और 542 घायल हुए I वैसे ये बात भी सत्य है कि उत्तर प्रदेश की जनसंख्या देश में सबसे ज़्यादा है पर इतनी तीव्रता से साम्प्रदायिकता का बढ़ना बहुत खतरनाक है I यहाँ हमें इस बात पर गौर करना होगा कि 2017 ही वो साल है जब भारी बहुमत के साथ योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने I

मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ पर 2007 में उनके संसदीय क्षेत्र गोरखपुर में हुए दंगों में हिस्सा लेने का आरोप था, इस मामले में उन्हें कुछ समय जेल में भी गुज़ारना पडा था I उन्होंने अपनी हिन्दुववादी छवि और मुसलमानों के पखिलाफ भड़काऊ भाषण देते रहे हैं, साथ ही ये हिन्दू युवा वाहिनी नामक एक संस्था चलातें हैं जो कि कई सांप्रदायिक दंगों में शामिल रहा है I

उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुए सांप्रदायिक दंगे जिनमें 2 लोग घायल हुए , 1 की मौत हुई , 2 मस्जिदें दर्बाद की गयी और कई दुकानें जला दी गयीं, इस भयानक स्तिथी पर मुहर लगता है जो आंकड़े दर्शा रहे हैं I यहाँ हमें याद रखना होगा कि योगी आदित्यनाथ की यही सरकार 2013 में हुए मुज़फ्फरनगर दंगों जिनमें 60 लोगों की मौत हुई थी ,के उन मामलों को बंद करने की कोशिश कर रही है ,जिनमें उनके नेता शामिल हैं I

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि जो मामले सामने आये भी हैं उन्हें कमज़ोर बनाने की कोशिश हो रही है या फिर जो पीड़ितों को ही गुनाहगार की तरह पेश किया जाता है , जैसे अखलाक़ और जुनैद दोनों ही के मामलों में देखा गया I सरकार पर आरोप है कि उसने बजरंग दल , विश्व हिन्दू परिषद् जैसे संघ परिवार से जुड़े सांप्रदायिक संगठनों को खुली छूट दे रक्खी है I

उत्तर प्रदेश के बाद सांप्रदायिक दंगों के मामलों में कर्नाटक का नाम आता है I कर्णाटक में 2015 में 105 सांप्रदायिक घटनाएँ हुई, 2016 में 101 और 2017 में 100 I तीन सालों में हुई  इन घटनाओं में 29 लोगों की मौत हुई है I

सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि बीजेपी और आरएसएस कर्नाटक में होने वाले चुनावों से पहले मतदाताओं को धर्म के आधार पर बाँटने का प्रयास कर रही है I

इनके आलावा बिहार और बंगाल में भी सांप्रदायिक दंगों में उभार देखने को मिला है I बंगला में 2015 में 27 दंगे हुए , 2016 में 32 और 2017 में 57 , इसी तरह बिहार में 2015 में 71 , 2016 में 65 और 2017 में 85 दंगे हुए I हमे यहाँ ये भी याद रखना होगा कि ये वो मामले हैं जो दर्ज़ हुए हैं , इनके आलावा भी कई ऐसे मामले भी हैं जिन्हें दर्ज़ नहीं किया जाता या जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया में नहीं दिखाए जाते I

साम्प्रदायिकता
बीजेपी
योगी आदित्यनाथ
विनय कटियार
आरएसएस

Related Stories

बदहाली: रेशमी साड़ियां बुनने वाले हाथ कर रहे हैं ईंट-पत्थरों की ढुलाई, तल रहे हैं पकौड़े, बेच रहे हैं सब्ज़ी

झारखंड चुनाव: 20 सीटों पर मतदान, सिसई में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में एक ग्रामीण की मौत, दो घायल

झारखंड की 'वीआईपी' सीट जमशेदपुर पूर्वी : रघुवर को सरयू की चुनौती, गौरव तीसरा कोण

बढ़ते हुए वैश्विक संप्रदायवाद का मुकाबला ज़रुरी

यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा भी बोगस निकला, आप फिर उल्लू बने

हमें ‘लिंचिस्तान’ बनने से सिर्फ जन-आन्दोलन ही बचा सकता है

यूपी-बिहार: 2019 की तैयारी, भाजपा और विपक्ष

असमः नागरिकता छीन जाने के डर लोग कर रहे आत्महत्या, एनआरसी की सूची 30 जुलाई तक होगी जारी

यूपीः मेरठ के मुस्लिमों ने योगी की पुलिस पर भेदभाव का लगाया आरोप, पलायन की धमकी दी

एमरजेंसी काल: लामबंदी की जगह हथियार डाल दिये आरएसएस ने


बाकी खबरें

  • BIRBHUMI
    रबीन्द्र नाथ सिन्हा
    टीएमसी नेताओं ने माना कि रामपुरहाट की घटना ने पार्टी को दाग़दार बना दिया है
    30 Mar 2022
    शायद पहली बार टीएमसी नेताओं ने निजी चर्चा में स्वीकार किया कि बोगटुई की घटना से पार्टी की छवि को झटका लगा है और नरसंहार पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री के लिए बेहद शर्मनाक साबित हो रहा है।
  • Bharat Bandh
    न्यूज़क्लिक टीम
    देशव्यापी हड़ताल: दिल्ली में भी देखने को मिला व्यापक असर
    29 Mar 2022
    केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के द्वारा आवाह्न पर किए गए दो दिवसीय आम हड़ताल के दूसरे दिन 29 मार्च को देश भर में जहां औद्दोगिक क्षेत्रों में मज़दूरों की हड़ताल हुई, वहीं दिल्ली के सरकारी कर्मचारी और…
  • IPTA
    रवि शंकर दुबे
    देशव्यापी हड़ताल को मिला कलाकारों का समर्थन, इप्टा ने दिखाया सरकारी 'मकड़जाल'
    29 Mar 2022
    किसानों और मज़दूरों के संगठनों ने पूरे देश में दो दिवसीय हड़ताल की। जिसका मुद्दा मंगलवार को राज्यसभा में गूंजा। वहीं हड़ताल के समर्थन में कई नाटक मंडलियों ने नुक्कड़ नाटक खेलकर जनता को जागरुक किया।
  • विजय विनीत
    सार्वजनिक संपदा को बचाने के लिए पूर्वांचल में दूसरे दिन भी सड़क पर उतरे श्रमिक और बैंक-बीमा कर्मचारी
    29 Mar 2022
    "मोदी सरकार एलआईसी का बंटाधार करने पर उतारू है। वह इस वित्तीय संस्था को पूंजीपतियों के हवाले करना चाहती है। कारपोरेट घरानों को मुनाफा पहुंचाने के लिए अब एलआईसी में आईपीओ लाया जा रहा है, ताकि आसानी से…
  • एम. के. भद्रकुमार
    अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई
    29 Mar 2022
    इज़रायली विदेश मंत्री याइर लापिड द्वारा दक्षिणी नेगेव के रेगिस्तान में आयोजित अरब राजनयिकों का शिखर सम्मेलन एक ऐतिहासिक परिघटना है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License