NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
देविंदर सिंह और नावेद की गिरफ्तारी के बाद शोपियां से भागे आतंकवादी
नावेद की गिरफ्तारी के बाद आईजीपी कुमार का कहना है कि इसकी गिरफ्तारी के बाद जैसे ही यह खबर फैली, शोपियां में आतंकवादी अपने ठिकाने छोड़ भागने में कामयाब रहे। हमने मौके से बड़ी मात्रा में खाने के समान बरामद किए हैं।
अनीस ज़रगर
14 Jan 2020
Translated by महेश कुमार
terrorist

श्रीनगर: घटनाओं में आए एक नाटकीय मोड़ के तहत जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक डिप्टीएसपी रैंक के अधिकारी को पहली बार दक्षिण कश्मीर के कुलगाम से एक पुलिस में रहे सिपाही और बाद में बने आतंकवादी के साथ गिरफ्तार किया गया है। इसकी सूचना पुलिस ने रविवार को दी।

इस अधिकारी की पहचान उप पुलिस अधीक्षक देविंदर सिंह के रूप में की गई है जो वर्तमान में विभाग में सुरक्षा प्रभाग में तैनात था। सिंह को दो आतंकवादियों के साथ गिरफ्तार किया गया है, जिसमें एक की हिज्बुल मुजाहिदीन संगठन के चोटी के कमांडर सईद नवीद उर्फ नावेद बाबू के रूप में पहचान की गई है।नावेद एक ऐसा आतंकवादी है, जिसकी पुलिस को तलाश थी, जिसने दक्षिण कश्मीर के अशांत शोपियां जिले में आतंकवादी संगठन का नेतृत्व सँभाला हुआ था।

एक वक़्त जेएंडके पुलिस में कास्टेबल रहे नावेद उस क्षेत्र में कथित रूप से नागरिक हत्याओं में  शामिल रहा है जिसमें अक्टूबर महीने में पांच गैर-स्थानीय मजदूरों की हत्या भी शामिल है जिस घटना ने पूरे क्षेत्र को सदमें में डाल दिया था।

आईजीपी कश्मीर विजय कुमार के अनुसार गिरफ्तारी के बाद से नावेद और सिंह दोनों से फिलहाल पूछताछ की जा रही है और जांच अभी जारी है।2017 में आतंकवादी घटनाओं में शामिल होने वाले नावेद हिज्बुल के शीर्ष कमांडर रियाज नाइकू के बाद दूसरी कमान के रूप में उभरे हैं, जो अगस्त महीने में अनुच्छेद 370 के निरस्त्रीकरण के बाद दक्षिण कश्मीर में सेब व्यापारियों पर हमले या अपहरण को अंजाम देने में आगे थे। सेब की फसल को इस क्षेत्र में नावेद के निर्देश पर नहीं उठाया गया था।

आईजीपी कुमार ने कहा कि तीनों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर श्रीनगर और जम्मू के बीच गिरफ्तार किया गया जहां से वे राष्ट्रीय राजधानी के लिए रुखसत हो रहे थे।सिंह एक विवादास्पद आतंकवाद विरोधी अभियान में शामिल थे। 2001 के संसद पर हुए हमले के दोषी अफजल गुरु ने भी आरोप लगाया था कि सिंह ने उन्हे फंसाया है। बाद में गुरु को फरवरी 2013 में हमले में शामिल होने के दोषी के रूप में फांसी दे दी गई थी।आईजीपी कुमार का कहना है कि उनकी गिरफ्तारी के बाद जैसे ही यह खबर फैली शोपियां में आतंकवादी अपने ठिकाने छोड़ भागने में कामयाब रहे। हमने मौके से बड़ी मात्रा में खाने के समान बरामद किए हैं।

उसी समय पुलिस को पुलवामा के त्राल इलाके में आतंकवादियों के होने की खबर भी मिली थी, जिसके बाद सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। आईजीपी कुमार के अनुसार, जो तीन आतंकवादी थे – वे इसी इलाके के मोस्ट वांटेड थे, इनमें उमर फैयाज उर्फ हमद खान भी शामिल थे।खान अप्रैल 2016 में हिज्बुल में शामिल हुआ था और तभी से वह क्षेत्र में सैन्य अभियानों का मुख्य निशाना रहा था। उसके इशारे पर हिज़्ब ने 2018 में दक्षिण कश्मीर में पुलिस कर्मियों के परिवार के सदस्यों के कई अपहरण को अंजाम दिया था।

jammu kashmir police
devinder singh
naved
jammu kashmir constable
shopiya

Related Stories


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License