NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली: जल बोर्ड की सरकारी विभागों पर इतनी कृपा क्यों?
जहाँ एक तरफ दिल्ली जल बोर्ड का कुल वार्षिक बजट 5137 करोड़ है वहीं इसका सिर्फ चार सरकारी विभागों पर 3943 करोड़ बकाया है |
मुकुंद झा
21 May 2018
delhi jal board

दिल्ली जल बोर्ड के कुल बजट का लगभग 77% केवल चार सरकारी महकमों पर बकाया है,मिडिया रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली जल बोर्ड ने एक आरटीआई के जबाब में बतया है कि उत्तरी नगर निगम पर  अब तक कुल 1283 करोड़ रूपए का पानी ले चुकी है, जिसमें से 231 करोड़ रुपये साल 2017 से 2018 के हैं | इनमें से उत्तरी नगर निगम ने फिलहाल 20 करोड़ रुपये ही चुकता किये हैं| यानी 1263 करोड़ अभी भी जल बोर्ड पर बकाया हैं|

इसी प्रकार दिल्ली पुलिस पर भी जल बोर्ड की भारी रकम बकाया है | दिल्ली पुलिस ने 334 करोड़ रूपये का पानी प्रयोग किया है | इसमें से 72 करोड़ तो साल 2017 से 2018का ही है | इसमें से केवल 12 करोड़ ही अदा किया गया है | जबकी अभी भी 322 करोड़ जैसी भारी रकम बाकि है |

इस रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में भी 434 करोड़ का बकाया बिल है जिसमें से उन्होंने केवल 2करोड़ ही अदा कियें हैं | अभी भी 432 करोड़ का बकाया है |

भारतीय रेलवे बकाया न चुकाने में इन सबसे आगे है | वह जल बोर्ड का 1933 करोड़ का पानी प्रयोग कर चुके हैं | जबकी 333 करोड़ रूपये इसी साल का है ,सबसे गंभीर बात है कि इस पूरी  देनदारी में से रेलवे ने केवल 7करोड़ ही अदा किये हैं | अभी भी 1926 करोड़ के रूप में भारी रकम बकाया है जो कि अकेले ही दिल्ली जल बोर्ड के वार्षिक बजट का 37% है |

क्र

    विभाग

   मुलधनराशी

 अदा रकम

कुल बकाया राशी

1

उत्तरी नगर निगम

  1283

   20

     1263

2

दिल्ली पुलिस

  334

   12

     322

3

स्वास्थ्य विभाग

  434

    2

     432

4

भारतीय रेलवे

  1933

    7

     1926

5

कुल

   3984

   39

     3943

(नोट: धनराशि करोड़ रुपये)

इन चारों विभागों में से दिल्ली पुलिस और भारतीय रेलव केंद्र सरकार के अंतर्गत आते है | ये समझना बड़ा ही मुश्किल है कि केंद्र सरकार किसी राज्य सरकार के जल बोर्ड के बकया राशी का भुगतान क्यों नहीं कर रही है?जबकी उत्तरी नगर निगम जिस पर भी एक बड़ी धन राशी बकया है | दिलचस्प है कि ये तीनों ही विभाग भाजपा शासित हैं |

इस पूरे बकाया को देखें तो एक गंभीर चिंता का विषय है जहाँ दिल्ली जल बोर्ड का बजट का कुल वार्षिक बजट 5137 करोड़ है वहीं इसका सिर्फ चार सरकारी विभागों पर 3943 करोड़ बकाया है | जो कि इनके बजट का लगभग 77%है | इसमें अभी कई अन्य विभागों के अन्य बकाया राशी नहीं जुड़ी है और निश्चित ही अगर उनका बकाया इसमें जुड़े तो इस बकाया राशी में और भरी वृद्धि होगी|

दिल्ली जल बोर्ड के लिए  ये कोई  नई बात नहीं  है पिछले साल भी इस पर कई रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि सरकारी सात विभागों में 3200 करोड़ बकाया| जिसे वो नहीं  चुका रहे हैं | तब भी जल बोर्ड के अधिकारियों ने कहा था की अगर वो बकाया भुगतान नही करेगें तो उनके कनेक्शन काट दिए जायेगें परन्तु इस प्रकार की कोई भी करवाई नहीं की गई | जिस कारण ये बकया धनराशी बढती जा रही है |

इस रिपोर्ट के आने के बाद भी दिल्ली जल बोर्ड के वाईस चेयर दिनेश मोहनिया ने फिर से पुरानी बात दोहरायी कि हमने कई नोटिस जारी किया है |

हम जानते हैं कि दिल्ली किस तरह के जल संकट से जूझ रही है, अभी बहुत बड़ी आबादी को  जल बोर्ड पीने का स्वच्छ जल तक सप्लाई करने में असफल रहा है | इस पर सवाल के जवाबों में सरकारों का एक ही जबाब होता है कि उनके पास संसाधन का आभाव है | ऐसे में जल बोर्ड द्वरा इन सरकारी विभगों पर इतनी कृपा क्यों?

बता दें दिल्ली में एनजीटी के आदेश के बाद लगभग 700 से अधिक बोरवेल बंद किए गए हैं जिसकी वजह से राज्य पानी की किल्लत से जूझ रहा है | दिल्ली जल बोर्ड के एक आंकड़े के मुताबिक 5,000 से अधिक अवैध बोरवेल दिल्ली में हैं जिन पर सरकार एक्शन लेने जा रही है| ये बोरवेल अधिकतर उन कालोनियों में हैं जहाँ सरकार पानी नही पहुँचा पाई है | सरकारे अगर इस तरह सरकारी विभगो में ऐसे ही खैरता बाँटे तो लगता है कि दिल्ली का जल संकट खत्म नहीं होने वाला है |

delhi jal board
BJP
police department
health department
Bills
Delhi

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License