स्वच्छ भारत अभियान के पांच साल गुज़र जाने के बाद भी, दिल्ली में कूड़े का संकट बहुत बड़ा है।दिल्ली के तीन कूड़े के ढेर- ग़ाज़ीपुर, ओखला और भलसवा; अब कूड़े के पहाड़ का रूप ले चुके हैं।
स्वच्छ भारत अभियान के पांच साल गुज़र जाने के बाद भी, दिल्ली में कूड़े का संकट बहुत बड़ा है।दिल्ली के तीन कूड़े के ढेर- ग़ाज़ीपुर, ओखला और भलसवा; अब कूड़े के पहाड़ का रूप ले चुके हैं। हालांकि उनकी क्षमता बढ़ी है, लेकिन अभी भी वहाँ बग़ैर अलग किये कूड़े को फेंका जाता है। NGT ने नगर निकायों को आदेश दिया है कि इन कूड़े के पहाड़ों का जल्द से जल्द समाधान किया जाए। प्रस्तावित समाधानों में से एक है Bio Mining की प्रक्रिया, जो इंदौर में सफल साबित हुई थी।लेकिन एक तकनीक, जो छोटे शहर में कारगर साबित हुई, वो दिल्ली जैसे बड़े शहर और कूड़े की कई गुना ज़्यादा मात्रा में सफल साबित होगी?क्या दिल्ली के कूड़े के संकट का हल निकालने के लिए, Bio Mining इकलौता ज़रिया है?
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