NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली में बीते वर्ष की तुलना में छ: प्रतिशत बढ़े अपराध
दिल्ली में हर 5 घंटे में एक महिला का बलात्कार और हर तीसरे घंटे में एक महिला का उत्पीड़न होता है.
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
10 Jan 2019
delhi POLICE
सांकेतिक तश्वीर

देश की  राजधानी दिल्ली में हर 5 वें घंटे में एक महिला का बलात्कार और हर तीसरे घंटे में एक महिला का उत्पीड़न होता है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने बुधवार को इसकी जानकारी प्रेस कांफ्रेस के दौरान दी. जिसमे उन्होंने दिल्ली में अपराध को लेकर एक रिपोर्ट जारी की इसके आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष बलात्कार के 2,043 मामले दर्ज हुए. जबकि बीते साल उत्पीड़न के 3,175 मामले सामने आए.

ये रिपोर्ट हमारे सरकारों द्वारा महिला सुरक्षा को लेकर किये जा रहे दावों की  पोल खोलता है कि कैसे देश की राजधनी दिल्ली में महिलाओ पर अत्याचार हो रहे है? आप ये सोचिए दिल्ली में यह हाल है तो अन्य राज्यों का क्या होगा ?

दिल्ली पुलिस के इस रिपोर्ट में महिला सुरक्षा के अलावा कई अन्य तरह अपराधो के आंकडें भी जरी किये गए जिससे पता चलता है राष्ट्रीय राजधानी में अपराध पिछले सालो के तुलना में छ: प्रतिशत बढ़ गया है,रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में अपराध के कुल 2,36,476 मामले दर्ज किए गए जबकि 2017 में 2,23,077  मामले दर्ज हुए थे.

कुल मिलाकर एक लाख पर 1283 मामले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रावधानों के तहत दर्ज किए गए जबकि 2017 में प्रति लाख जनसंख्या पर 1243 था।

दिल्ली पुलिस के विश्लेषण के हिसाब से  बलात्कार के 43 प्रतिशत मामलों में आरोपी दोस्त या पारिवारिक दोस्त होते है. 16.25 प्रतिशत मामलों में पड़ोसी, 2.89 प्रतिशत मामलों में साथ कम करने वाले  और 22.86 प्रतिशत मामलों में अन्य जानकार ही आरोपी निकलते है. पुलिस ने कहा कि महज 2.5 प्रतिशत मामलों में ही आरोपी पीड़ित के अपरिचित थे.

 दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि हत्या के मामलों में 3.25 प्रतिशत की वृद्धि और नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक पदार्थ अधिनियम, 1985 में 36 प्रतिशत की वृद्धि को अगर छोड़ दे तो सभी प्रमुख अपराधों की संख्या में कमी आई है.

 अपराध की संख्या में वृद्धि के कारणों का हवाला देते हुए पटनायक ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, लापता बच्चों के लिए एफआईआर का पंजीकरण अनिवार्य है. इसमें आगे जोड़ते हुए वो कहते है कि,"इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने मोबाइल और वेब एप्लिकेशन भी लॉन्च किए, जिसके माध्यम से जनता आसानी से पुलिस स्टेशनों का दौरा किए बिना मोटर वाहनों और अन्य ऐसी संपत्तियों की चोरी के लिए ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कर सकती है।" इसलिए भी अपराधिक संख्या में वृद्धि दिख रही है|

लेकिन इस रिपोर्ट ने दिल्ली पुलिस के खुद के भी कम करने के तरीके पर भी कई गंभीर सवाल खड़े किये है जिससे पुलिस कमिश्नर ने भी माना हैं और इसके सुधारने के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया से एक सर्वे करने का निर्णय किया है जिसमें 32 नागरिक शामिल होंगे पुलिस के बारे में फीडबैक लिया जाएगा जिससे पुलिस जनसमान्य में अपनी छवि सुधार सकेगा.

दिल्ली पुलिस सदैव आपके साथ ,और शन्ति ,सेवा ,और न्याय के मूल्य को मानने का दावा करती है परन्तु इस रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष भी इन सभी मूल्यों का पालन करने में दिल्ली पुलिस बुरी तरह से विफल रही है. पिछले वर्ष 2018  में भी न तो पुलिस के गैर-जिम्मेदरान रैवाये  न ही उनके भ्रष्टचार में और न ही उनके जन समान्य से दुर्व्यवहार में कोई कमी आई है.

बीते वर्ष भी गैर-जिम्मेदरान रवैए के कारण दो हजार से अधिक पुलिसकर्मियों पर अनुशासनात्मक  करवाई हुई  तो 23 पुलिसकर्मी को बर्खास्त किया गया. एक पुलिसकर्मी के वेतन में कमी की गई तो एक पुलिसकर्मी की पदअवनति यानी  डिमोशन किया गया. भ्रष्टाचार के ममाले में  272 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई,इसके साथ ही , पुलिसकर्मियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के 107 मामले सही पाए गए.

दिल्ली पुलिस ने महिला सुरक्षा को लेकर दिल्ली सरकार से कई अनुरोध किए हैं, जिनमें झुग्गी झोपड़ियों और महिलाओं के खिलाफ अपराध की ज्यादा घटनाओं वाले इलाकों में जागरुकता और शिक्षा कार्यक्रम चलाने, अंधेरे वाली जगहों पर लाइटें लगाने और विद्यालय में आत्मरक्षा का पाठ्यक्रम शुरू करने जैसे अनुरोध शामिल हैं।

पुलिस ने महिला के खिलाफ अपराधो में कमी के लिए दिल्ली सरकार से मांग कि वो झुग्गी झोपड़ियों और महिलाओं के खिलाफ अपराध की ज्यादा घटनाओं वाले इलाकों में जागरुकता और शिक्षा कार्यक्रम चलाएँ, अंधेरे वाली जगहों पर लाइटें लगाये और स्कूलों  में लड़कीयों  के लिए सेल्फ डिफेंस शुरू करने कि अपील कि |

 

Delhi
delhi police
rape case
crimes against women
CRIME in delhi

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

धनशोधन क़ानून के तहत ईडी ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ़्तार किया

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?

बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मुंडका अग्निकांड के लिए क्या भाजपा और आप दोनों ज़िम्मेदार नहीं?


बाकी खबरें

  • maliyana
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल
    23 May 2022
    ग्राउंड रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह न्यूज़क्लिक की टीम के साथ पहुंची उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के मलियाना इलाके में, जहां 35 साल पहले 72 से अधिक मुसलमानों को पीएसी और दंगाइयों ने मार डाला…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    बनारस : गंगा में नाव पलटने से छह लोग डूबे, दो लापता, दो लोगों को बचाया गया
    23 May 2022
    अचानक नाव में छेद हो गया और उसमें पानी भरने लगा। इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते नाव अनियंत्रित होकर गंगा में पलट गई। नाविक ने किसी सैलानी को लाइफ जैकेट नहीं पहनाया था।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी अपडेटः जिला जज ने सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा अपना फैसला, हिन्दू पक्ष देखना चाहता है वीडियो फुटेज
    23 May 2022
    सोमवार को अपराह्न दो बजे जनपद न्यायाधीश अजय विश्वेसा की कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली। हिंदू और मुस्लिम पक्ष की चार याचिकाओं पर जिला जज ने दलीलें सुनी और फैसला सुरक्षित रख लिया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    क्यों अराजकता की ओर बढ़ता नज़र आ रहा है कश्मीर?
    23 May 2022
    2019 के बाद से जो प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं, उनसे ना तो कश्मीरियों को फ़ायदा हो रहा है ना ही पंडित समुदाय को, इससे सिर्फ़ बीजेपी को लाभ मिल रहा है। बल्कि अब तो पंडित समुदाय भी बेहद कठोर ढंग से…
  • राज वाल्मीकि
    सीवर कर्मचारियों के जीवन में सुधार के लिए ज़रूरी है ठेकेदारी प्रथा का ख़ात्मा
    23 May 2022
    सीवर, संघर्ष और आजीविक सीवर कर्मचारियों के मुद्दे पर कन्वेन्शन के इस नाम से एक कार्यक्रम 21 मई 2022 को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया मे हुआ।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License