NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली में जानलेवा स्मॉगः किसे दोषी ठहराया जाना चाहिए?
शहर में होने वाले स्मॉग की समस्या के लिए किसानों को स्पष्ट रूप से दोष देने के बजाय हमें इस समस्या के समाधान के लिए आवश्यक तकनीक अपनाना चाहिए।
पी.जी आंबेडकर
11 Nov 2017
Translated by ओबैद
Delhi smog

इस साल उत्तर भारत में विशेष रूप से दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग की स्थिति काफी भयावह देखी गई। इसके चलते दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने एक दूसरे पर आरोप लगाया और हवा की गुणवत्ता में गिरावट को लेकर एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया। दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग के लिए खेतों में धान की खूंट जलाने का किसानों पर आरोप लगाया जा रहा है, लेकिन शहरों में वाहनों और निर्माण गतिविधियों के चलते हुए इस प्रदूषण की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।

स्मॉग हवा में धूलकणों के चलते होता है। इसे पीएम (पार्टिक्यूलेट मैटर) द्वारा संबोधित किया जाता है। इस पार्टिक्यूलेट मैटर को पीएम-10 तथा पीएम- 2.5 के रूप वर्गीकृत किया जाता है जिसका व्यास क्रमशः 10 माइक्रोमीटर तथा 2.5 माइक्रोमीटर से कम होता है। पीएम-10 प्राथमिक रूप से सड़कों के धूल तथा निर्माण गतिविधियों के कारण होता है। वहीं छोटे आकार के पीएम-2.5 वाहन उत्सर्जन, औद्योगिक दहन प्रक्रियाओं तथा जैविक पदार्थों को जलाने से हवा में मिल जाता है। सर्दी के शुरू होने के समय उत्तरी भारत में स्मॉग के लिए प्राथमिक रूप से किसानों पर आरोप लगाया जाता है कि वे धान की खूंटी को जलाते हैं जिसके चलते स्मॉग से घिर जाता है। शीतकालीन फसल की बुआई करने के लिए पंजाब और हरियाणा के किसान अक्टूबर महीने में अतिरिक्त खर्च के बोझ से बचने के लिए धान की खूंटी जलाते हैं।

लेकिन अगर हम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से उपलब्ध आंकड़ों को देखते हैं तो पता चलता है कि उत्तर भारत के सभी प्रमुख शहरों में प्रदूषण के स्तर काफी ज्यादा हैं।

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए दिल्ली साइंस फोरम के डी रघुनंदन ने कहा कि शहर में होने वाले प्रदूषण के चार मुख्य कारण हैं जैसे- वाहन, सड़क के धूल, निर्माण के धूल तथा बायोमास का दहन।

उन्होंने कहा कि हालांकि मौसम बदल रहा है इसलिए, "हमें इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए वाहनों और धूल प्रदूषण से निपटने की जरूरत है।"

किसानों को दोषी ठहराए जाने के मामले में उन्होंने कहा कि यह उचित नहीं है कि धान की खूंटी के निपटारे के वैकल्पिक साधनों का उन पर बोझ डाला जाए क्योंकि उनकी इनपुट लागत पहले से ही ज्यादा है और यह उचित नहीं है कि उनको धान के अपशिष्ट के उचित निपटारे के लिए अतिरिक्त खर्च करने को कहा जाए।

ज्ञात हो कि दिल्ली की सड़कों पर लगभग 9 मिलियन वाहन चलते हैं। रघुनंदन ने आगे कहा कि " क्यों नहीं कोई भी वाहन मालिकों से यह पूछ रहा है कि शहर में किन चीजों से प्रदूषण ज्यादा होता है?"

धान की खूंटी जलाने की समस्या पर रघुननंदन ने कहा कि "सरकार को इस मामले में आगे आना चाहिए और कच्चे माल के रूप में बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों तक इसे पहुंचाने में होने वाले परिवहन खर्च का बोझ उठाना चाहिए। वर्तमान में ये कंपनियां बिजली उत्पादन की कीमत प्रति यूनिट के दर से लेती है तो उसके लिए यह आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं है कि वे खेत के अपशिष्ट की तलाश करे।"

हालांकि हमारे शहरों को प्रभावित करने वाले स्मॉग के दीर्घकालिक समाधान के लिए उन्होंने कहा कि सरकार को सार्वजनिक परिवहन बढ़ाना तथा प्रोत्साहित करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि "प्रलोभन दे कर सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करना होगा तथा जिन लोगों के पास एक कार से ज्यादा है उन पर भारी कर लगाया जाए। सिंगापुर में निजी वाहनों को हतोत्साहित करने के लिए उन पर अब 160% की शुल्क लगाए जा रहे हैं जबकि पहले ये शुल्क दूसरी कार पर लगाए जाते थे।"

इसलिए शहर में होने वाले स्मॉग की समस्या के लिए किसानों को स्पष्ट रूप से दोष देने के बजाय हमें समस्या का समाधान करने के लिए आवश्यक तकनीक अपनाना चाहिए। दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए एक कार्य योजना थी। क्या ऐसे हेल्थ इमर्जेंसी के समय में इन निवारक उपायों को अपनाया गया I

Delhi
Delhi smog
pollution
environment degradation

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

धनशोधन क़ानून के तहत ईडी ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ़्तार किया

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

मुंडका अग्निकांड के लिए क्या भाजपा और आप दोनों ज़िम्मेदार नहीं?

मध्यप्रदेशः सागर की एग्रो प्रोडक्ट कंपनी से कई गांव प्रभावित, बीमारी और ज़मीन बंजर होने की शिकायत

मुंडका अग्निकांड: लापता लोगों के परिजन अनिश्चतता से व्याकुल, अपनों की तलाश में भटक रहे हैं दर-बदर

मुंडका अग्निकांड : 27 लोगों की मौत, लेकिन सवाल यही इसका ज़िम्मेदार कौन?

दिल्ली : फ़िलिस्तीनी पत्रकार शिरीन की हत्या के ख़िलाफ़ ऑल इंडिया पीस एंड सॉलिडेरिटी ऑर्गेनाइज़ेशन का प्रदर्शन

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • corona
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के मामलों में क़रीब 25 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई
    04 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,205 नए मामले सामने आए हैं। जबकि कल 3 मई को कुल 2,568 मामले सामने आए थे।
  • mp
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    सिवनी : 2 आदिवासियों के हत्या में 9 गिरफ़्तार, विपक्ष ने कहा—राजनीतिक दबाव में मुख्य आरोपी अभी तक हैं बाहर
    04 May 2022
    माकपा और कांग्रेस ने इस घटना पर शोक और रोष जाहिर किया है। माकपा ने कहा है कि बजरंग दल के इस आतंक और हत्यारी मुहिम के खिलाफ आदिवासी समुदाय एकजुट होकर विरोध कर रहा है, मगर इसके बाद भी पुलिस मुख्य…
  • hasdev arnay
    सत्यम श्रीवास्तव
    कोर्पोरेट्स द्वारा अपहृत लोकतन्त्र में उम्मीद की किरण बनीं हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं
    04 May 2022
    हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं, लोहिया के शब्दों में ‘निराशा के अंतिम कर्तव्य’ निभा रही हैं। इन्हें ज़रूरत है देशव्यापी समर्थन की और उन तमाम नागरिकों के साथ की जिनका भरोसा अभी भी संविधान और उसमें लिखी…
  • CPI(M) expresses concern over Jodhpur incident, demands strict action from Gehlot government
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    जोधपुर की घटना पर माकपा ने जताई चिंता, गहलोत सरकार से सख़्त कार्रवाई की मांग
    04 May 2022
    माकपा के राज्य सचिव अमराराम ने इसे भाजपा-आरएसएस द्वारा साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं अनायास नहीं होती बल्कि इनके पीछे धार्मिक कट्टरपंथी क्षुद्र शरारती तत्वों की…
  • एम. के. भद्रकुमार
    यूक्रेन की स्थिति पर भारत, जर्मनी ने बनाया तालमेल
    04 May 2022
    भारत का विवेक उतना ही स्पष्ट है जितना कि रूस की निंदा करने के प्रति जर्मनी का उत्साह।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License