NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी: सर्वोच्च न्यायालय ने 3 महीने के लिए न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी को बहाल किया
दिल्ली उच्च न्यायलय के न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी खिलाफ दिए आदेश पर सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है ।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
31 Oct 2018
दिल्ली  में न्यूनतम मजदूरी

दिल्ली के लाखो लाखो मजदूरों के लिए आज का सुप्रीमकोर्ट का निर्णय एक सुखद एसहस लेकर आया आज उच्चतम न्यायलय ने न्यूनतम वेतन के मामले पर सुनवाई करते हुए एक अंतिरिम आदेश दिया जिसमे  दिल्ली उच्च न्यायलय के उस निर्णय पर रोक लगा दी जिसमे न्यायलय ने दिल्ली सरकार के 31 मई के उस नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया था जिसमे दिल्ली के मजदूरों के न्यूनतम वेतन में 37 % की वृद्धि की गई थी |हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय का आदेश केवल एक अस्थायी राहत है  क्योंकि ये बढ़ी दरे केवल तीन महीने के लिए है , जिसके दौरान दिल्ली सरकार को न्यूनतम मजदूरी बोर्ड का पुनर्गठन करना होगा और नई दरों को तय करने  के लिए अपनी पद्धति को संशोधित करना होगा।

इसे भी पढ़े;- न्यूनतम वेतन मामला : मज़दूरों को सुप्रीम कोर्ट से ‘इंसाफ’ की उम्मीद

दिल्ली में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी राज्य सरकार द्वारा तय की जाती है। एक न्यूनतम मजदूरी बोर्ड के माध्यम से जिसमें श्रमिकों, नियोक्ताओं और सरकार के प्रतिनिधि  शामिल  होते हैं। मई 2017 में, सरकार ने  इसी बोर्ड सिफारिश के बाद न्यूनतम मजदूरी में 37% की वृद्धि की घोषणा की थी। हालांकि, दिल्ली में विभिन्न उद्योग निकायों द्वारा इस आदेश की काफ़ी आलोचना की थी । ट्रेड यूनियनों ने वृद्धि का स्वागत किया था और इसे श्रमिकों के लिए एक बहुत ही आवश्यक राहत बतया  था।

इसे भी पढ़े:- सरकारों के लिए न्यूनतम मज़दूरी बस कागज़ी बातें हैं

बाद में, उद्योग निकाय इस मामले को अदालत में ले गए, उद्योग मालिको ने बहस करते हुए कहा कि वृद्धि बहुत अधिक और अन्यायपूर्ण है । उन्होंने तर्क दिया कि बढ़ी हुई दरों को तय करने में प्रक्रियाओ का पालन नही किया गया है।

इस मामले को उच्च न्यायालय ने कई महीनों तक सुनवाई की  और दिसंबर 2017 में निर्णय को सुरिक्षित रख लिया था । आखिरकार, अगस्त 2018 में, उच्च न्यायालय ने अपना निर्णय दिया की कि दिल्ली सरकार  मजदूरी में बढ़ोतरी करने का आदेश अस्थिर था क्योंकि उसमें उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया था। जिसके बाद दिल्ली सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गई थी । इसमें कई ट्रेड यूनियन भी शामिल हुए |

इसे भी पढ़े:- श्रमिक अधिकार और इनके प्रति सरकारों का बर्ताव

इस बीच, दिल्ली के ट्रेड यूनियनों ने सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश का स्वागत किया है। दिल्ली के सीआईटीयू अध्यक्ष वीरेंद्र गौर ने एक बयान में कहा कि उन्होंने आदेश का स्वागत करते। उन्होंने दिल्ली सरकार से आग्रह किया। यह सुनिश्चित करने के लिए कि संशोधन प्रक्रिया को न्यायालय द्वारा निर्धारित तीन महीने के समय सीमा में पूरा हो इसके लिए सरकार को  पूरी लगन व् मेहनत से इस पर कार्य करना चाहिए। सीआईटीयू ने मामले में लागू होने के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति का भी स्वागत किया।

सुप्रीम कोर्ट अंतरिम आदेश का विवरण इंतजार कर रहे हैं।

minimum wage
delhi minimum wage
Supreme Court
CITU
AAP
Arvind Kejriwal

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License