NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली: मज़दूरों का सामूहिक जागरण
14 अगस्त को आज़ादी की पूर्व संध्या पर दिल्ली के मज़दूर शहर के अलग–अलग इलाकों में सामूहिक जागरण करेंगेI
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
14 Aug 2018
CITU
Image Courtesy : Express Kerala

श्रमिक  आन्दोलन मज़दूर वर्ग के लोगो के  एक सामूहिक संघठन के विकास के लिए कर्मचारीयों को एकत्रित करते हैं और सरकारों से मुख्यत अपने अधिकारों को सुरक्षित करने वाले विशिष्ट कानूनों का कार्यान्वयन करना और मालिको का आचरण मज़दूरों के प्रति सम्मानजनक हो ये सुनिचित करने के लिए चलाए जाने वाले अभियान का एक व्यापक शब्द श्रमिक आन्दोलन हैI

एक अनोखा और  नये तरीका का मज़दूर विरोध प्रदर्शन आज दिल्ली में सीटू के नेतृत्व में मज़दूर करने जा रहे हैI आज तक आपने दिल्ली में कई जागरण देखे होंगे, परन्तु मज़दूरों का सामूहिक  रात्रि जागरण पहली देखेंगेI

भारत में मज़दूर–किसान आन्दोलन अपने जन्म से ही शोषण और उत्पीड़न का प्रतिकार करना शुरू कर दिया थाI उसके लिए किसान मज़दूरों ने आन्दोलन के लिए और समय के साथ–साथ अपने आन्दोलन में नऐ तरीको से मज़दूरों किसान और समाज का ध्यान आकर्षण के लिए उपाय किएI इसका हालिया उदहारण महाराष्ट्र के किसानो का “लॉन्ग मार्च” और राजस्थान के किसानों का महापड़ाव हो जहाँ  सड़को पर  पर स्थानीय संगीत के साथ सैंकड़ो टैंपो पर डीजे लगाकर किसानों के समर्थन में रैली  निकाली गई थीI 

सीटू दिल्ली के अध्यक्ष वीरेंद्र गौड़ ने न्यूज़क्लिक को बताया कि “विरोध प्रदर्शन के रूप में 14 अगस्त को आज़ादी की पूर्व संध्या पर दिल्ली के मज़दूर दिल्ली के अलग–अलग इलाकों में सामूहिक जागरण करेंगेI इस दौरान वहाँ कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे, क्रांतिकारी गीत गाये जाएँगे और उसमें मज़दूर किसान नेता भाषण भी देंगे, सीटू के महासचिव तपन सेन भी इस कार्यकर्म में हिस्सा लेंगे और वो गाज़ियाबाद में जागरण में शामिल होंगे”I  

दुनिया के मज़दूर आन्दोलन की तरह ही भारत के भी मज़दूर आन्दोलन का गौरवशाली इतिहास हैI भारत का मज़दूर आन्दोलन को शुरू में ही दो शत्रु से लड़ना पड़ा था एकतरफ ब्रिटिश साम्राज्यवाद से तो दूसरी ओर देसी पूँजीपतियों और ज़मींदारों से, परन्तु भारत के मज़दूर वर्ग ने दोनों शोषणकारी शक्तियों से मुकाबला किया और पराजित कियाI मज़दूर वर्ग ने अपने संघर्ष के दम पर अंग्रेजों को भारत से भगाया और आज़ाद भारत में पूँजीपति वर्ग से लड़कर अपने जीने के मूलभत अधिकार प्राप्त कियेI

मज़दूरों ने जो अपने संघर्ष और बलिदान से अपने अधिकार प्राप्त किये हैं, उससे उदारीकरण के बाद से लगातार कमज़ोर किये जा रहे हैं, खासतौर पर मोदी सरकार के पिछले चार सालों में जिस तरह से लगातार श्रम कानूनों को कमज़ोर कर रही हैI मज़दूरों के अधिकारों को छीना जा रहा है, मज़दूरों को फिर से एक नई तरह की गुलामी की ओर धकेला जा रहा उसके खिलाफ पूरे देश में किसान और मज़दूर आन्दोलन तेज़ कर रहे हैंI

वीरेंद्र ने यह भी कहा कि “ये जागरण  दिल्ली में 5 सितंबर के मज़दूर-किसान रैली की तैयारी के  सन्दर्भ हैI आज भी भारत में मज़दूर गुलामी की हालत में जीने को मज़बूर हैं, मज़दूर-किसान की गुलामी के प्रतीकों के खिलाफ भी यह एक प्रकार का जन-जागरण है, चाहें वो फिर ठेकेदारी प्रथा हो, निजीकरण  या फिर मज़दूरों के अधिकारों के हनन का मामला हो, इन सबके खिलाफ है”I

  • इनके इस सामूहिक जन जागरण की मुख्य बिंदु यह है –
  • ठेकादारी प्रथा का अंत होI
  • आउटसोर्सिंग रोकी जाएI
  • मज़दूरों को न्यूनतम वेतन 20,000 रूपये किया जाए I 8 घन्टे की शिफ्ट और काम का पूरा दमI
  • निजीकरण का विरोधI 
  • खाली पड़े पदों को भरा जाए, भर्ती पर से पाबंदी हटाई जाएI
  • किसानों की आत्महत्या के विरोध में भी यह जागरण हैI

अंत में वीरेंद्र ने कहा कि “मज़दूर वर्ग ने जैसे अंग्रेज़ो से आज़ादी ली, वैसे ही उसे लड़कर पूँजीवाद, ठेकेदारी प्रथा और आउटसोर्सिंग से भी आज़ादी चाहिएI इसलिए इस कार्यक्रम को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर किया जा रहा हैI यह सामूहिक जागरण मज़दूरों को उनके हक़, अधिकारों और उनकी सामूहिक शक्ति के प्रति जागृत करेगा”I

CITU
mazdoor
mazdoor aandolan
mazdoor virodhi nitiyan

Related Stories

हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

मुंडका अग्निकांड: लापता लोगों के परिजन अनिश्चतता से व्याकुल, अपनों की तलाश में भटक रहे हैं दर-बदर

तमिलनाडु: छोटे बागानों के श्रमिकों को न्यूनतम मज़दूरी और कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है

LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम

रोहतक : मारुति सुज़ुकी के केंद्र में लगी आग, दो कर्मियों की मौत


बाकी खबरें

  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : अधूरी रही मुस्लिम पक्ष की जिरह, अगली सुनवाई 4 जुलाई को
    30 May 2022
    अदालत में मामले की सुनवाई करने के औचित्य संबंधी याचिका पर मुस्लिम पक्ष की जिरह आज भी जारी रही और उसके मुकम्मल होने से पहले ही अदालत का समय समाप्त हो गया, जिसके बाद अदालत ने कहा कि वह अब इस मामले को…
  • चमन लाल
    एक किताब जो फिदेल कास्त्रो की ज़ुबानी उनकी शानदार कहानी बयां करती है
    30 May 2022
    यद्यपि यह पुस्तक धर्म के मुद्दे पर केंद्रित है, पर वास्तव में यह कास्त्रो के जीवन और क्यूबा-क्रांति की कहानी बयां करती है।
  • भाषा
    श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल
    30 May 2022
    पेश की गईं याचिकाओं में विवादित परिसर में मौजूद कथित साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना को समाप्त करने के लिए अदालत द्वारा कमिश्नर नियुक्त किए जाने तथा जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बेंगलुरु में किसान नेता राकेश टिकैत पर काली स्याही फेंकी गयी
    30 May 2022
    टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थानीय पुलिस इसके लिये जिम्मेदार है और राज्य सरकार की मिलीभगत से यह हुआ है।’’
  • समृद्धि साकुनिया
    कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 
    30 May 2022
    पिछले सात वर्षों में कश्मीरी पंडितों के लिए प्रस्तावित आवास में से केवल 17% का ही निर्माण पूरा किया जा सका है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License