NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव: इस बार क्या?
इस बार का डूसू चुनाव कई मायनों में पिछले चुनावो से अलग है लेकिन धनबल और बाहुबल का प्रदर्शन पिछले वर्षों की तरह इस बार भी जारी रहा।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
11 Sep 2018
DUSU 2018

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के चुनाव के लिए बुधवार, 12 सितंबर को वोट डाले जाएंगे। इस बार का डूसू चुनाव कई मायनों में पिछले चुनावो से अलग है लेकिन धनबल और बाहुबल का प्रदर्शन पिछले वर्षों की तरह इस बार भी जारी रहा।

इसबार चुनाव की शुरुआत वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार पर नामांकन करने के दौरान हमले के साथ हुई और सोमवार को प्रचार के  अंतिम दिन, शाम को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार शक्ति सिंह और उनके समर्थकों के द्वारा विश्वविद्यालय के ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज (संध्या ) में तांडव के साथ ही चुनाव प्रचार का अंत हुआ।

सोमवार को देर शाम ज़ाकिर हुसैन कॉलेज में ABVP  के उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार शक्ति सिंह अपने सैकड़ों समर्थको के साथ चुनाव प्रचार के लिए पहुँचे थे। जबकि विश्वविद्यालय चुनाव नियमों के मुताबिक उम्मीदवार के साथ चार ही प्रामाणिक छात्र जा सकते हैं। इसी कारण उन्हें कॉलेज गेट पर सुरक्षाकर्मियों ने रोका और उन्हें केवल चार छात्रों के साथ जाने को कहा, परन्तु वो तो कुछ और ही ठान के आए  थे। बताया जाता है कि वे अपने समर्थको के साथ लाठी डंडे लेकर  कॉलेज का गेट तोड़ते हुए अंदर घुस गए।

कॉलेज के छात्रों के मुताबिक “शक्ति सिंह के गुंडों ने कॉलेज के आम छात्रों के साथ भी बदसलूकी की और उनके साथ मारपीट भी की। उन्होंने एक छात्र पर ब्लेड से हमला भी किया।” शक्ति और उनके समर्थक जब ये सब कर रहे थे तब वो भूल गए की उनकी ये सब करतूत वहाँ लगे कैमरे में कैद हो रही थी। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने शक्ति सिंह और उनके समर्थको के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है।  

 

एसएफआई ने इस पूरी घटना की  निंदा की है और कॉलेज संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, हिंसा और बर्बरता में शामिल अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। एसएफआई ने इसी के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग कि वो एबीवीपी के उपाध्यक्ष उम्मीदवार शक्ति सिंह की उम्मीदवारी तुरंत रद्द करे।

ये कोई ऐसी पहली घटना नही है पिछले वर्षों में देखा गया है कि डीयू में किस प्रकार से छात्र संघ चुनावों में हिंसा होती है। पिछले वर्ष भी एबीवीपी पर आरोप लगा था की उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार राजा चौधरी का अपहरण किया था और उससे बीते वर्ष भी PGDAV कॉलेज में प्रचार के दौरान NSUI के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार पर CYSS और  ABVP पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगा था।   

इस बार तकरीबन एक लाख तीस हज़ार छात्र डूसू चुनाव में भाग लेंगे और अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए एक नए छात्रसंघ का चुनाव करेंगे। पिछले वर्ष चुनाव में लगभग 43% वोटिंग हुई थी परन्तु इसमें एक बड़ा हिस्सा नोटा को मिला था।

इस बार चुनाव के मुख्य पैनल

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से अध्यक्ष पद के लिए अंकित बसोया,  उपाध्यक्ष पद के लिए शक्ति सिंह,सचिव पद के लिए सुधीर डेढा, और सह-सचिव के लिए  ज्योति चौधरी चुनाव मैदान में हैं।

NSUI की तरफ से अध्यक्ष पद के लिए सन्नी छिल्लर, उपाध्यक्ष पद के लिए लीना, सचिव पद के लिए आकाश चौधरी और सह-सचिव के लिए सौरभ यादव उम्मीदवार होंगे। 

वहीं इस बार एक नया गठबंधन आया है, आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई CYSS और वामपंथी संगठन AISA का गठबंधन।  इस गठबंधन में अध्यक्ष पद के लिए AISA के अभिज्ञान और उपाध्यक्ष पद के लिए अंशिका और सचिव पद के लिए CYSS के चन्द्रमणि देव और सह-सचिव पद के लिए सन्नी तंवर चुनाव मैदान में हैं। 

लेफ्ट यूनिटी के तहत एक पैनल है जिसमे एसएफआई और एआईएसएफ  चुनाव लड़ रहे है और इन्हें AIDSO ने भी अपना समर्थन दिया है। इनकी ओर से अध्यक्ष पद के लिए एसएफआई के आकशदीप त्रिपाठी, उपाध्यक्ष पद के लिए निलंजिता विश्वास, सचिव पद के लिए एआईएसएफ  के सुभाष भट्ट और सह-सचिव पद के लिए एसएफआई के श्रीजीत मैदान में हैं |

दिल्ली विश्वविद्यालय के चुनावों के कुछ महत्वपूर्ण पहलू :-

उम्मीदवार के नाम मामूली गलती करना 

जब विश्वविद्यालय चुनाव के लिए तैयार होता है, तो पूरा परिसर उम्मीदवारों के नाम से पाट दिया जाता है - सीधे वोट मांग नहीं सकते हैं , इसलिए  ‘मे आई हेल्प यू', 'वेलकम फ्रेशर्स' के साथ-साथ उनके नाम और विभिन्न राजनतिक संगठनों के साथ उनकी उपस्थिति दर्ज कराई जाती है। परन्तु  मज़ेदार बात यह है कि, इन पोस्टर में लिंगदोह कमेटी दिशा-निर्देशों से बचने के लिए उम्मीदवारों के नाम में मामूली गलती की जाती है। लिंगदोह समिति के दिशा-निर्देश के मुताबिक विश्वविद्यालय चुनावों में प्रिंटेड प्रचार सामग्री का उपयोग प्रतिबंधित है।

छात्रों को खुलकर रिश्वत दी जाती है 

दिल्ली विश्विद्यालय के आसपास निजी पीजी और हॉस्टल रात में राजनीति का अड्डे बनते हैं। वहाँ छात्रों को शराब , चॉकलेट, मूवी टिकट दिए जाते हैं इस वादे के साथ की वो उस उम्मीदवार के पक्ष में वोट करें।

पिछले वर्ष एनजीटी ने हस्तक्षेप करते हुए बड़े-बड़े बैनर और होर्डिंग के साथ ही पर्चे की जो बाढ़ डूसू चुनावों में आती है उसपर कड़ी करवाई के आदेश दिये थे परन्तु इसका कोई भी असर इसबार नहीं दिखा। चुनाव से पूर्व ही CYSS और ABVP पर NGT दिशा-निर्देश तोड़ने पर मामला दर्ज हुआ था फिर भी इस चुनावों वो सब देखने को मिला जो वर्षो से होता आया है।

‘Chaudhary-Choudhary’ की राजनीति :- जाट उम्मीदवार ‘AU’ का उपयोग करेगा जबकि एक गुर्जर अपने चौधरी उपनामों में 'OU' लिखते हैं। हालांकि जाति या क्षेत्र के आधार पर वोट मांगना लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों व दिशा-निर्देशों के खिलाफ है, लेकिन डीयू में गुर्जर-जाट राजनीति डूसू में अबतक होती रही है। पिछले कुछ वर्षों में एबीवीपी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार गुर्जर रहे हैं, जबकि कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई ने जाट उम्मीदवार उतारे हैं। हर साल की तरह, इस साल भी, परिसर में ABVP और NSUI के अधिकांश नाम इन दो समुदायों से ही हैं।

दिल्ली ज़्यादातर जाट और गुर्जर समुदाय के गांवों से घिरा हुआ है। इसलिए, उनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। बाहरी लोग कॉलेज की अधिकांश राजनीति को नियंत्रित करते हैं और भीड़ के लिए लोग हरियाणा और राजधानी के ग्रामीण बेल्ट से बुलाए जाते हैं।

NOTA की भूमिका 

विशेष रूप से 2017 में नोटा का मतदान प्रतिशत कुछ ऐसा था जिसने सभी को चौंका दिया था।NOTA को अध्यक्ष पद पर 5162 वोट मिले, उपाध्यक्ष पद के लिए 7689, सचिव के लिए 7897 और सह सचिव के लिए 9 हज़ार से अधिक वोट मिले  (सह सचिव पद पर यह आंकड़ा उस चुनाव में ABVP और NSUI के बाद सर्वाधिक था।) 

सभी संगठन इन वोटों को टारगेट कर रहे हैं क्योंकि ये संख्या काफी है और ये चुनाव परिणाम में एक बड़ा अंतर डाल सकते हैं।

DUSU
डूसू 2018
students' politics
chhatr rajneeti
ABVP
NSUI
SFI
CYSS-AISA

Related Stories

कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’

अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

डीवाईएफ़आई ने भारत में धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए संयुक्त संघर्ष का आह्वान किया

लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!

दिल्ली: ''बुलडोज़र राजनीति'' के ख़िलाफ़ सड़क पर उतरे वाम दल और नागरिक समाज

लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी

एलएसआर के छात्रों द्वारा भाजपा प्रवक्ता का बहिष्कार लोकतंत्र की जीत है

बैठक में नहीं पहुंचे अधिकारी, छात्र बोले- जेएनयू प्रशासन का रवैया पक्षपात भरा है

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License