NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली विश्वविद्यालय: क्या हिन्दू कॉलेज के निजीकरण की कोशिश हो रहीं है ?
देश सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक दिल्ली विश्वविद्यालय का हिन्दू कॉलेज को निजी हाथो में बेचना चाहते हैं | हिन्दू कॉलेज के ब्रांड का इस्तेमाल कर धन कमना चाहते हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
04 Jul 2018
DU

 दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज स्टाफ एसोसिएशन ने प्रिंसिपल अंजु श्रीवास्तव और भ्रष्टाचारी गवर्निंग बॉडी को बर्खास्त करने के लिए प्रस्ताव पारित किया  | 4 जुलाई 2018 को सुबह 9 बजे से 2 बजे तक सात दिवस के धरने पर हिन्दू कॉलेज शिक्षक बैठे थे ।

 3 जुलाई, 2018 को, हिंदू कॉलेज के प्रोफेसरों ने एक्टिंग प्रिंसिपल अंजू श्रीवास्तव और गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के खिलाफ "नो कॉन्फिडेंस मोशन" पारित किया। कॉलेज की प्रस्तावित बिक्री के खिलाफ गवर्निंग बॉडी द्वारा फीस बढ़ोतरी के विरोध करने के लिए दो शिक्षक प्रतिनिधियों को पहले कारण बताओं नोटिस के साथ धमकी दी गई थी।

परन्तु हिन्दू कॉलेज का ये विरोध प्रदर्शन अब कई अन्य राज़ भी खोल रहा है | एक आरटीआई के हवाले से ये खबर समाने आई है कि कॉलेज के गवर्निग बॉडी के चेयरमैन एसएनपी पुंज ने पीएमओ को एक पत्र लिखा,जिसमें वह सीधे –सीधे कॉलेज को “डीम्ड विश्वविद्यालय” बनाने की मांग कर रहे हैं | “डीम्ड- विश्वविद्यालय” का सामन्य भाषा में एक निजी संस्थान की तरह कार्य करते हैं |

इसका का मतलब यह है कि कोई भी विश्वविद्यालय जो अपने बुनियादी ढांचे का विकास करना चाहता है, उनको फीस बढ़ाकर अपनें राजस्व में ज़रूरी बढ़ोतरी करने की आवश्यकता होगी। इसके परिणाम होंगा कि कॉलेज या विश्वविद्यालय की गुणवत्ता में गिरावट आएगी या फिर वह महंगा हो जायेगा । इसका मतलब यह है कि अच्छी शिक्षा  तक केवल उन छात्रों की पहुंच होगी जो इसके लिए भुगतान कर सकते हैं।

इसे भी पढ़े मोदी सरकार की विश्वविद्यालयों की 'स्वायत्तता' की अवधारणा, उच्च शिक्षा के लिए बुरी खबर

जिसका उदहारण हिन्दू कॉलेज ने देखा भी है पिछले वर्ष देखा था जब नव निर्मित महिला छात्रावास का शुल्क लगभग पुरुष छात्रावास से दोगुने से भी अधिक कर दिया गया ,उसके पीछे भी यही तर्क दिया की इसका निर्माण कॉलेज ने अपने स्वंय के कोष से किया गया है | सबसे मज़े की बात ये थी कि हिन्दू कॉलेज के स्टाफ एसोसिएशन के सचिव ने बताया कि  “कॉलेज की गवर्निग बॉडी ने उसी वर्ष ugc द्वारा आये एक करोड़ के फंड को वापस कर दिया था | ये कहते हुए की उनके पास अपने स्रोतों  से पर्याप्त धन है ,लेकिन उन्होंने इस सबका भार छात्रों पर डाल दिया था | जिसको लेकर छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया था” |

हिन्दू कॉलेज का अपना एक इतिहास है | ये देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानो में से एक है इसकी शुरुआत 1899 में हुई थी  ये एक निजी ट्रस्ट द्वारा संचलित होता है जो कि सोसायटी एक्ट से बना है |इसके वर्तमान कैम्पस जो कि अभी दिल्ली के उत्त्तरी हिस्से में है ये 1953 में बना था | 1999 में इसने अपना शताब्दी समारोह मनाया था |

इस संस्थान ने देश को अलग क्षेत्रो में माहिर लोग दिए हैं जैसे कई बड़े नौकरशाह ,जज ,खिलाडी ,शिक्षाविद राजनितिक हस्तियाँ  के साथ ही कई कला के क्षेत्र से जुड़े लोग | यहाँ वर्तमान में 4000 छात्र –छात्राए  पढ़तें है |

हिन्दू कॉलेज स्टाफ एसोसिएशन के सचिव अतुल गुप्ता ने कहा कि  “ जो ये गौरवशाली इतिहास है ये इस संस्थान की पूंजी है यही इस संस्था को देश की सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक बनाता है | जिसे ये निजी हाथो में बेचना चाहते है | हिन्दू कॉलेज के ब्रांड का इस्तेमाल कर धन कमना चाहते है”|

ये आन्दोलन पिछले ढेड साल से चल रहे  दिल्ली विश्वविद्यालय स्व्तायता आन्दोलन से ही जुड़ा है |  विश्वविद्यालय के अधिकतर शिक्षक और छात्र स्वायत्तता के खिलाफ है | उनके अनुसार ये शिक्षा को बेचने का एक माध्यम है |

इसी मुद्दे पर कॉलेज के लगभग सभी शिक्षकों ने ,गैर शिक्षक कर्मचारी ने और लगभग 600 से छात्रों ने इस स्वायत्त के खिलाफ  एक पत्र पर हस्ताक्षर करके ugc ,mhrd सहित कई अन्य संस्थाओं को पत्र लिखा था| जिसके बाद 22 मई को जावडेकर ने हिन्दू कॉलेज और स्टीफन कॉलेज के दो -दो स्टेक होल्डर शिक्षक , गैर शिक्षक कर्मचारी और छात्रो के साथ ही एल्युमिनाया को चर्चा के लिए बुलाया था  और पूछा था कि  आप लोग इस स्वयत्तता का विरोध क्यों कर रहे ?

इसी चर्चा में भेजे गए डेलिगेट श्री अशोक मित्तल  को लेकर हिन्दू कॉलेज के स्टाफ एसोसिएशन ने आपत्ति दर्ज कराई | हिन्दू कॉलेज के स्टाफ एसोसिएशन के सचिव ने कहा कि “अशोक मित्तल का ट्रेक रिकॉर्ड खराब होने कारण,उन्हें  इसलिए जब वो प्रिंसिपल बनने जा रहे हैं तो  उन्हें रोक दिया गया था ,जब वो कोर्ट गए तो वहाँ भी हार का सामना करना पड़ा था   ” |

 
2013 में पुंज जो की गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन हैं,  ने अशोक मित्तल को प्रोजेक्ट मैनजेर बना दिया ,जो कि आरटीआई से पता चला कि  विश्वविद्यालय में इस तरह का कोई पद ही नही है | अभी उन्हें अपने प्रतिनिधि के रूप में कॉलेज में भेज दिया है |

हिन्दू कॉलेज के स्टाफ एसोसिएशन के सचिव ने आरोप लगया कि  “मित्तल को  संस्थान के पैसों से एक मोटी रकम दी जातीी है। जो की अपने आप में एक बहुत बड़ा वित्तीय घोटाला है” |

आगे उन्होंने कहा की “वो अभी कॉलेज में अनाधिकृत रूप से कॉलेज प्रिंसिपल और चेयरमैन के रूप में कार्य कर रहे हैं | कॉलेज की गवर्निंग बॉडी और एक्टिंग प्रिंसिपल अंजू श्रीवास्तव, कॉलेज समुदाय के हितों की रक्षा करने में स्पष्ट रूप से असफल रही  हैं ,जिससे शिक्षकों ने दिल्ली विश्वविद्यालय को उन्हें हटाने के लिए मांग की।  कॉलेज में अंजू श्रीवास्तवा एक रबड़ स्टैंप के रूप में कार्य कर रही है” |

 उनहोंने कहा कि “ गवर्निंग बॉडी ने "डीम्ड यूनिवर्सिटी" की स्थिति के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय पर आवेदन किया था, जिससे ट्रस्टी को स्वयं वित्तपोषण के आधार पर नए पाठ्यक्रम खोलने की अनुमति मिलेगी, हिंदू कॉलेज "ब्रांड नाम", आरक्षित "प्रबंधन कोटा" के तहत बेची जाने वाली सीटों और कॉलेजों के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचार्यों से परामर्श किए बिना पूरी गोपनीयता में शिक्षकों और छात्रों के विरोध में अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए अधिक "स्वायत्तता" की माँग कर रहे हैं “।

इसे भी पढ़े : निजीकरण, उच्च शिक्षा के व्यावसायिकरण के खिलाफ़, दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने सरकार कि नीतियों खिलाफ पांचदिवसीय हड़ताल शुरू की

इन्ही अनियमिताओं को उठाने के लिए हिन्दू कॉलेज के स्टाफ एसोसिएशन के सचिव और अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है | जिसके बाद वो 7 दिनों के विरोध प्रदर्शन पर हैं और उनका कहना कि अगर उनकी माँग नहीं मानी  गई तो  ये संघर्ष और तेज़ होगा | "हम  एक मुक्त समाज के लिए मुफ्त शिक्षा के लिए लड़ेंगें! और हम साथ में #SmashAutonomy करेंगे I"

 शिक्षकों का ये कहना है कि  ये सब शिक्षा के निजीकरण के लिए हो रहा है ,लेकिन सरकार को समझना चाहिए कि  शिक्षा कोई वस्तु नहीं है जिसका की क्रय –विक्रय किया जाए |

hindu college
Delhi University
privatization of education
#SmashAutonomy

Related Stories

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

दिल्ली: दलित प्रोफेसर मामले में SC आयोग का आदेश, DU रजिस्ट्रार व दौलत राम के प्राचार्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज

डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी

ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली

‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार

नई शिक्षा नीति से सधेगा काॅरपोरेट हित

कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट को लेकर छात्रों में असमंजस, शासन-प्रशासन से लगा रहे हैं गुहार

बिहारः प्राइवेट स्कूलों और प्राइवेट आईटीआई में शिक्षा महंगी, अभिभावकों को ख़र्च करने होंगे ज़्यादा पैसे

यूजीसी का फ़रमान, हमें मंज़ूर नहीं, बोले DU के छात्र, शिक्षक

नई शिक्षा नीति ‘वर्ण व्यवस्था की बहाली सुनिश्चित करती है' 


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License