NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
डीटीसी कर्मचारीयों का सम्मेलन, कहा जल्द ही सरकार के खिलाफ करेंगे विरोध प्रदर्शन
डीटीसी में ठेकाकरण को ख़तम किये जाने और डीटीसी की बसों को बढ़ाये जाने की माँग की I
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
30 Apr 2018
AICCTU

29 अप्रैल को दिल्ली में डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर (जो कि AICCTU से जुड़ा हुआ है) का दिल्ली के ग़ालिब ऑडीटोरियम में मज़दूर सम्मलेन हुआ I सम्मलेन में यूनियन से जुड़े लोगों के आलावा महिला और छात्र संगठन के लोग भी मौजूद थे I इसमें डीटीसी (delhi transport center) के कर्मचारीयों के मुद्दों पर बात की गयी और उनकी माँगों को रखा गया I डीटीसी के कर्मचारी, जिसमें मुख्य तौर पर ड्राईवर और कंडक्टर हैं, की तीन मुख्य माँगे हैं I पहली माँग है कि दिल्ली के प्रदूषण को खत्म करने के लिए डीटीसी बसों को बढ़ाया जाए, दूसरी माँग है कि डीटीसी कर्मचारियों में ठेका मज़दूरी को खत्म किया जाए और तीसरी कि दिल्ली की सडकों पर डीटीसी की कम से कम 11,000 बसों को लाया जाए I

इन माँगों के आलावा यूनियन नेताओं ने कहा कि ठेके पर रखे गए बस ड्राईवरों को स्थायी ड्राईवरों से आधा वेतन मिलता है, जबकी इनमें से कुछ ड्राईवर 15 साल से काम कर रहे हैंI डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर के सचिव अर्धेन्दु रॉय ने बताया कि दिल्ली में डीटीसी के करीब 12,000 ड्राईवर हैं, जिनको सालों काम करने के बावजूद स्थायी नहीं किया जा रहा I उन्होंने ये भी कहा कि धीरे-धीरे स्थायी कर्मचारियों की संख्या कम होती जा रही है I

स्थायी न किये जाने की वजह से ड्राईवरों को कोई भी सुविधा नहीं प्राप्त होती,  न ही न्यूनतम वेतन प्राप्त होता है और उन्हें ज़्यादातर 8 घंटे से ज़्यादा काम कराया जाता है I यही वजह है कि यूनियन माँग कर रहा है कि समान काम का समान दाम दिया जाए I

डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर के सचिव अर्धेन्दु रॉय ने कहा कि, “लगभग 3,000 डीटीसी बसें और लगभग 1,700 क्लस्टर बसें (निजी बसें) रोज़ दिल्ली की सड़कों उतरती हैंI इममें 39,00,000 लोग रोज़ सफ़र करते हैं I जबकी मेट्रो में 30,00,000 लोग रोज़ सफ़र करते हैं और मेट्रो के किराए बढ़ने से ये लोग भी कम हो रहे हैं I लेकिन दिल्ली सरकार लगातार डीटीसी बसों को कम कर रही है और उसमें लगातार निजीकरण लाने की कोशिश कर रही है I इससे सफ़र की कीमत बढ़ जाएगी, प्रदूषण की समस्या का कोई समाधान नहीं हो सकेगा और हज़ारों कर्मचारी नौकरी खो देंगेI”

मज़दूर नेताओं का कहना है कि दिल्ली में 58% वायु प्रदूषण वाहनों से ही होता है यही वजह है कि अगर वाहनों को कम करना है तो डीटीसी की बसों को बढ़ाना होगा I मेट्रो यह कार्य नहीं कर सकती क्योंकि मेट्रो की कीमतें बहुत ज़्यादा है और आम नागरिक उसमें सफ़र नहीं कर सकते I

उनका आरोप है कि दिल्ली की सरकार भी बाकि सरकारों की ही तरह आम जनता को सुविधा पहुँचाने के बजाये अपने काम से पीछे हट रही है और निजीकरण की तरफ़ आगे बढ़ रही है I उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने कर्मचारियों को स्थायी करने का वादा किया था पर अब तक उसे पूरा नहीं किया है I

उन्होंने बताया कि इसके खिलाफ डीटीसी कर्मचारी 1 मई को मज़दूर दिवस की रैली में शामिल होंगे और 18 मई को दिल्ली सरकार के खिलाफ डीटीसी कर्मचारी विरोध प्रदर्शन करेंगे I

डीटीसी
DTC बसें
AICCTU
डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन

विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 

जेएनयू: अर्जित वेतन के लिए कर्मचारियों की हड़ताल जारी, आंदोलन का साथ देने पर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष की एंट्री बैन!

दिल्ली : नौकरी से निकाले गए कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, सरकार से कहा अपने बरसाये फूल वापस ले और उनकी नौकरी वापस दे

दिल्ली: लेडी हार्डिंग अस्पताल के बाहर स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी, छंटनी के ख़िलाफ़ निकाला कैंडल मार्च

दिल्ली: कोविड वॉरियर्स कर्मचारियों को लेडी हार्डिंग अस्पताल ने निकाला, विरोध किया तो पुलिस ने किया गिरफ़्तार

सार्वजनिक संपदा को बचाने के लिए पूर्वांचल में दूसरे दिन भी सड़क पर उतरे श्रमिक और बैंक-बीमा कर्मचारी

झारखंड: केंद्र सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों और निजीकरण के ख़िलाफ़ मज़दूर-कर्मचारी सड़कों पर उतरे!


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी प्रकरणः 14 मई की सुबह आठ बजे से शुरू होगा मस्जिद का सर्वे, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष
    13 May 2022
    वाराणसी के कलेक्टर कौशल राज शर्मा के मुताबिक शनिवार की सुबह 8 से 12 बजे के बीच ज्ञानवापी के सर्वे का काम शुरू किया जाएगा। पुलिस कमिश्‍नर ए.सतीश गणेश ने दोनों पक्षों से शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल…
  • एम. के. भद्रकुमार
    रूसी तेल की चिकनाहट पर लड़खड़ाता यूरोपीय संघ 
    13 May 2022
    तेल निर्यात करने वाले अंतराष्ट्रीय संगठन ओपेक ने यूरोपीय संघ को इस बात की चेतावनी दी है कि प्रतिबंधों के कारण संभावित रूप से हाथ से निकल चुके 7 मिलियन बैरल प्रति दिन (बीपीडी) से ज़्यादा रूसी तेल और…
  • डी राजा
    समीक्षा की कोई गुंजाइश नहीं, राजद्रोह क़ानून को विधान से हटाया जाना चाहिए
    13 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मोदी सरकार प्रक्रिया में देरी न करे। पढ़िए सीपीआई महासचिव डी राजा के विचार
  • बी. सिवरामन
    राष्ट्रीय युवा नीति या युवाओं से धोखा: मसौदे में एक भी जगह बेरोज़गारी का ज़िक्र नहीं
    13 May 2022
    एशियाई विकास बैंक की एक रिपोर्ट कहती है कि भारत में 15-24 आयु वर्ग के युवाओं में बेरोज़गार होने की संभावना वृद्ध वयस्कों की अपेक्षा लगभग पांच गुना अधिक है। ऐसे समय में राष्ट्रीय युवा नीति 2021 आई है…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: दुनियाभर के कई देशों में अब भी क़हर बरपा रहा कोरोना 
    13 May 2022
    देश में आज लगातार तीसरे दिन भी कोरोना के 2,800 से ज़्यादा यानी 2,841 नए मामले सामने आए हैं | जबकि इस बीच देश भर में कोरोना से पीड़ित 3,295 मरीज़ों को ठीक किया गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License