NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
शिक्षा
भारत
राजनीति
डीयू : बढ़ते विरोध के बाद सावरकर की प्रतिमा हटाई गई
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेतृत्व वाले दिल्ली विश्वविद्यालय संघ (डूसू) ने वी.डी. सावरकर, भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमाएं परिसर से हटा दी हैं। छात्र संगठन ने शनिवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
24 Aug 2019
Delhi university

वाम, एनएसयूआई समेत तमाम छात्र संगठन जो इस मूर्ति के लगने का विरोध कर रहे थे ,उन्होंने इसे अपने संघर्षो की जीत बताया है। इस संघर्ष में शामिल संगठनों ने इसके लिए संघर्ष में शमिल छात्रों को बधाई दी। 

साथ ही इसे आंशिक जीत कहा। छात्र संगठन पछास ने कहा की फ़ासीवादी मोदी सरकार द्वारा छात्रों, मज़दूरों, किसानों, दलितों, मुस्लिमों और महिलाओं पर नित नए हमले किये जा रहे हैं। रोज़गार, शिक्षा को छीना जा रहा है और समाज में साम्प्रदायिक ज़हर घोला जा रहा है। जब तक ये फ़ासीवादी सरकार और इसे पालने वाली पूंजीवादी व्यवस्था मौजूद है हमें हर क़दम पर लड़ना होगा।

आपको बता दें कि शुक्रवार को ही पछास के दो कार्यकर्ताओं को मूर्ति के लगे जाने के ख़िलाफ़ अभियान चलाने के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया था, लेकिन छात्र संगठनों के विरोध के बाद उन्हें रिहा कर दिया।

इससे पहले एनएसयूआई के नेताओ ने मूर्ति का विरोध जाताते हुए, सावरकर की मूर्ति पर स्याही लगा दी थी।  लगातार इस मूर्ति के लगाए जाने के ख़िलाफ़ आंदोलन और प्रदर्शन हो रहे थे। बढ़ते विरोध को ही इस मूर्ति को हटाए जाने का मुख्य कारण माना जा रहा है।

एबीवीपी ने हालांकि दावा किया कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने उन्हें आश्वासन दिया है कि डूसू चुनाव के बाद प्रक्रिया का पालन करते हुए ये प्रतिमाएं पुन: स्थापित की जाएंगी।


डूसू अध्यक्ष शक्ति सिंह ने विश्वविद्यालय प्राधिकारियों से अनुमति लिए बिना ये तीनों प्रतिमाएं 20 अगस्त को लगवाई थीं।

इसे भी पढ़ें : डीयू त्रिमूर्ति विवाद : सावरकर का भगत सिंह और नेताजी से क्या लेना-देना?

शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात इन्हें हटाया गया।

आरएसएस संबद्ध संगठन ने एक बयान में कहा, ‘‘ एबीवीपी नेतृत्व वाले डूसू ने वीर सावरकर, भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस की आवक्ष प्रतिमाएं डीयू प्रशासन से अनुमति मिलने तक के लिए हटा दी हैं। परिसर ने इन प्रतिमाओं को सुरक्षित स्थान पर रखा है।’’ उसने दावा किया कि एबीवीपी ने डूसू पदाधिकारियों से प्रक्रिया का पालन करते हुए उन्हें स्थापित करने को कहा था।

विश्वविद्यालय की ओर से इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।

(भाषा से इनपुट के साथ)

NSUI
Delhi University
savarkar statue
RSS
BJP
ABVP
Congress
students'Protest
Bhagat Singh
Subhash chandra bose
Modi government

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ़ श्रमिकों का संघर्ष जारी, 15 महीने से कर रहे प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर
    30 Apr 2022
    मुज़फ़्फ़रपुर में सरकारी केंद्रों पर गेहूं ख़रीद शुरू हुए दस दिन होने को हैं लेकिन अब तक सिर्फ़ चार किसानों से ही उपज की ख़रीद हुई है। ऐसे में बिचौलिये किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठा रहे है।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु: ग्राम सभाओं को अब साल में 6 बार करनी होंगी बैठकें, कार्यकर्ताओं ने की जागरूकता की मांग 
    30 Apr 2022
    प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 अप्रैल 2022 को विधानसभा में घोषणा की कि ग्रामसभाओं की बैठक गणतंत्र दिवस, श्रम दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के अलावा, विश्व जल दिवस और स्थानीय शासन…
  • समीना खान
    लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम
    30 Apr 2022
    बेरोज़गारी से लोगों की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हुई है। ऐसे में ज़्यादातर लोग चाहते हैं कि ईद के मौक़े से कम से कम वे अपने बच्चों को कम कीमत का ही सही नया कपड़ा दिला सकें और खाने पीने की चीज़ ख़रीद…
  • अजय कुमार
    पाम ऑयल पर प्रतिबंध की वजह से महंगाई का बवंडर आने वाला है
    30 Apr 2022
    पाम ऑयल की क़ीमतें आसमान छू रही हैं। मार्च 2021 में ब्रांडेड पाम ऑयल की क़ीमत 14 हजार इंडोनेशियन रुपये प्रति लीटर पाम ऑयल से क़ीमतें बढ़कर मार्च 2022 में 22 हजार रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं।
  • रौनक छाबड़ा
    LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम
    30 Apr 2022
    कर्मचारियों के संगठन ने एलआईसी के मूल्य को कम करने पर भी चिंता ज़ाहिर की। उनके मुताबिक़ यह एलआईसी के पॉलिसी धारकों और देश के नागरिकों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License