NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
शिक्षा
भारत
राजनीति
डीयू : एसओएल में सेमेस्टर सिस्टम से नाराज छात्रों का आंदोलन तेज़
छात्र सेमेस्टर सिस्टम और नए सिलेबस से अनजान हैं। उनका कहना है कि वे सेमेस्टर सिस्टम के खिलाफ नहीं हैं, उनका विरोध इस बात से है कि प्रशासन बिना किसी तैयारी के अचानक इस फैसले को स्टूडेंट्स पर थोप रहा है।
सोनिया यादव
20 Aug 2019
DU protest

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में छात्र और प्रशासन एक बार फिर आमने-सामने हैं। डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) और नॉन कॉलिजिएट विमंस एजुकेशन बोर्ड (NCWEB) में सेमेस्टर मोड के इसी साल लागू होने के फैसले के खिलाफ छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

छात्रों के अनुसार प्रशासन का ये नया फैसला लाखों छात्रों के भविष्य को प्रभावित करेगा। छात्रों का कहना है कि जब अब तक सालाना मोड में दाखिले किए गए हैं, तो कैसे अब इसे सेमेस्टर मोड किया जा सकता है। अब तक सभी को पुराना स्टडी मटीरियल ही मिला है, नया कब छपेगा और कब मिलेगा, कब सेमेस्टर शुरू हो पाएगा? आखिर इतनी जल्दी क्या है प्रशासन को नए सिस्टम की?

छात्र सेमेस्टर मोड और नए सिलेबस से अनजान हैं। उनका कहना है कि वे सेमेस्टर सिस्टम के खिलाफ नहीं हैं, प्रशासन की ओर से यह फैसला बिना किसी तैयारी के अचानक स्टूडेंट्स पर थोपा जा रहा है, जिससे आने वाले समय में लाखों छात्रों का भविष्य खतरे में आ जाएगा। छात्र संघ, क्रांतिकारी युवा संगठन जो एसओएल छात्रों के मुद्दे उठाता रहता है, उसकी अगुवाई में आज, मंगलवार को छात्र भूख हड़ताल पर हैं।

hunger.jpg

इस संबंध में क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) के राज्य समिति सदस्य हरीश गौतम ने न्यूज़क्लिक को बताया, 'नए सत्र के लिए लगभग 1.5 लाख छात्र दाखिला ले चुके हैं और इन छात्रों को दाखिला से पूर्व नए सिस्टम लागू करने के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। नए सत्र के छात्रों को लगातार पुराना स्टडी मेटेरियल भी बांटा जा रहा है| ऐसे में बिना व्यापक चर्चा और पूर्व जानकारी के नया सिस्टम लागू करना छात्रों के साथ भारी अन्याय है, जिसके खिलाफ केवाईएस जनआंदोलन के लिए तैयार है’|

हरीश का कहना है कि जहां रेगुलर छात्रों के पास रेगुलर कक्षाएं, बेहतर लाइब्ररी, आल रूट बस पास जैसी तमाम सुविधाएं हैं तो वहीं एसओएल छात्रों को अनियमित और अव्यवस्थित कक्षाओं, लाइब्ररी की कमी, स्टडी मेटेरियल में गड़बड़ियाँ और लेट रिज़ल्ट संबंधी तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सीबीसीएस लागू करने से पूर्व छात्रों के लिए जरूरी मूलभूत सुविधायेँ सुनिश्चित नहीं करने से आगामी सत्र में भारी अव्यवस्था होगी जिसका खामियाजा अंत में छात्रों को ही भुगतना पड़ेगा।

hunger2.jpg

बीकॉम की छात्रा किरण ने न्यू़ज़क्लिक को बताया कि हम सेमेस्टर सिस्टम के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम प्रशासन के रवैये से नाराज़ हैं। सैमेस्टर सिस्टम का फैसला बिना किसी तैयारी के अचानक स्टूडेंट्स पर थोपा दिया गया है। अगर बदलाव ही करना था तो प्रशासन ने इसकी रणनीति पहले क्यों नहीं बनाई? क्यों ऐसे अचानक जल्दबाज़ी में इसे लागू किया जा रहा है।

एसओएल के बीए प्रोग्राम में दाखिला लेने वाली भारती कहती हैं कि अभी भी हमें पुराना स्टडी मेटेरियल ही बांटा जा रहा है। नए सिस्टम लागू करने के संबंध में ठीक से कोई जानकारी नहीं दी जा रही। ऐसे में हम दिसंबर में होने वाली परीक्षाओं की तैयारी कैसे करेंगे?

इस पूरे मामले पर एसओएल अधिकारियों का कहना है कि ई कंटेंट तैयार है और सितंबर के पहले हफ्ते से सेमेस्टर और क्लासें भी शुरू हो जाएंगी। जल्द ही स्टूडेंट्स को नया स्टडी मैटीरियल भी दे दिया जाएगा।

एसओएल के छात्र विश्वास का कहना है कि प्रशासन दावा कर रहा है कि नई पाठ्यक्रम सामग्री सितंबर के शुरुआती सप्ताह में मिल जाएगी, फिर हमें अभी भी पुराना स्टडी मेटेरियल क्यों दिया जा रहा है। प्रोग्रामिंग के छात्रों का रिजल्ट अक्सर देर से आता है ऐसे में नया सिस्टम कैसे सफल होगा?

book_2.jpg

बता दें कि 2019-2020 के सत्र के लिए अब तक एसओएल में 1.5 लाख से ज्यादा छात्रों ने 5 यूजी कोर्स में एडमिशन लिया है। छात्रों को दाखिले के समय बताया गया था कि कोर्स तीन साल का है और हर साल एक बार एग्जाम होगा।

गौरतलब है कि सेमेस्टर सिस्टम का फैसला 20 जुलाई को हुई ईसी मीटिंग में लिया गया था, जिसे 17 अगस्त को एग्जिक्यूटिव काउंसिल में फाइनल कर दिया गया। मगर चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) पर आधारित स्टडी मटीरियल अभी तक तैयार नहीं हुआ है। इस बार सिलेबस भी नया आना है। ऐसे में एग्जामिनेशन सिस्टम का क्या होगा और कैसे इतनी जल्दी यह सारा काम किया जाएगा, इस पर प्रशासन के जवाब से छात्र संतुष्ट नहीं नज़र आ रहे हैं। ये देखना होगा की प्रशासन और छात्रों के बीच कैसे तालमेल बैठता है और दिल्ली विश्वविद्यालय कैसे तमाम सुविधाओं और व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करता है।

Delhi University
School of open learning
NCWEB
students protest
Against the semester system

Related Stories

बीएचयू: लाइब्रेरी के लिए छात्राओं का संघर्ष तेज़, ‘कर्फ्यू टाइमिंग’ हटाने की मांग

बीएचयू: 21 घंटे खुलेगी साइबर लाइब्रेरी, छात्र आंदोलन की बड़ी लेकिन अधूरी जीत

SFI ने किया चक्का जाम, अब होगी "सड़क पर कक्षा": एसएफआई

डीयू के छात्रों का केरल के अंडरग्रेजुएट के ख़िलाफ़ प्रोफ़ेसर की टिप्पणी पर विरोध

डीयू: एनईपी लागू करने के ख़िलाफ़ शिक्षक, छात्रों का विरोध

प्रत्यक्ष कक्षाओं की बहाली को लेकर छात्र संगठनों का रोष प्रदर्शन, जेएनयू, डीयू और जामिया करेंगे  बैठक में जल्द निर्णय

डूटा ने ‘पैटर्न ऑफ असिस्टेंस’ दस्तावेज़ के ख़िलाफ़ कुलपति कार्यालय पर किया प्रदर्शन

दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने वेतन नहीं मिलने के विरोध में की हड़ताल

डीयू खोलने की मांग को लेकर छात्रों की 48 घंटे की भूख हड़ताल, पुलिस ने हिरासत में लिया

सुपवा: फीस को लेकर छात्रों का विरोध, कहा- प्रोजेक्ट्स-प्रैक्टिकल्स के बिना नहीं होती सिनेमा की पढ़ाई


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान
    24 May 2022
    वामदलों ने आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और बेरज़गारी के विरोध में 25 मई यानी कल से 31 मई तक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है।
  • सबरंग इंडिया
    UN में भारत: देश में 30 करोड़ लोग आजीविका के लिए जंगलों पर निर्भर, सरकार उनके अधिकारों की रक्षा को प्रतिबद्ध
    24 May 2022
    संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत ने दावा किया है कि देश में 10 करोड़ से ज्यादा आदिवासी और दूसरे समुदायों के मिलाकर कुल क़रीब 30 करोड़ लोग किसी ना किसी तरह से भोजन, जीविका और आय के लिए जंगलों पर आश्रित…
  • प्रबीर पुरकायस्थ
    कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक
    24 May 2022
    भारत की साख के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन के 194 सदस्य देशों में अकेला ऐसा देश है, जिसने इस विश्व संगठन की रिपोर्ट को ठुकराया है।
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी मस्जिद की परछाई देश की राजनीति पर लगातार रहेगी?
    23 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ज्ञानवापी मस्जिद और उससे जुड़े मुगल साम्राज्य के छठे सम्राट औरंगज़ेब के इतिहास पर चर्चा कर रहे हैं|
  • सोनिया यादव
    तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?
    23 May 2022
    पुलिस पर एनकाउंटर के बहाने अक्सर मानवाधिकार-आरटीआई कार्यकर्ताओं को मारने के आरोप लगते रहे हैं। एनकाउंटर के विरोध करने वालों का तर्क है कि जो भी सत्ता या प्रशासन की विचारधारा से मेल नहीं खाता, उन्हें…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License