NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
शिक्षा
भारत
डीयू की मनमानी के खिलाफ गणित के छात्र एकजुट, नामांकन वापस लिया
“डीयू प्रशासन हमारे आंदोलन को बलपूर्वक इसलिए खत्म करना चाहता है क्योंकि वो जानता है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो उनकी वर्षों से चल रही धांधली खुल जाएगी। क्योंकि डीयू हर वर्ष पुनर्मूल्याँकन के नाम पर डीयू 10 से 12 करोड़ की राशि इकट्ठा करता है|”
मुकुंद झा
16 Mar 2019
du

दिल्ली विश्वविद्यालय के गणित विभाग के छात्रों ने, जो पिछले एक महीने से प्रदर्शन कर रहे थे, उन्होंने शुक्रवार को सामूहिक रूप से नामांकन वापस ले लिया यानी ये चेतावनी दी कि अगर उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे अंतिम तौर पर डीयू से पढ़ाई छोड़ देंगे।

छात्रों ने अपनी मांग को लेकर डीयू के आर्ट्स फैक्लटी गेट नंबर-4 पर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने कहा वे आने वाले समय में और व्यापक स्तर पर अपना संघर्ष ले जाएंगे। यहाँ उनकी लडाई रुकेगी नहीं, बल्कि इस धांधली के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।

छात्रों का कहना है कि प्रशासन ने उनकी लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का कैंपस में जिस तरह से मज़ाक उड़ाया है और मानवीय मूल्यों का दमन किया है, वह यह दर्शाता है कि डीयू कैंपस में छात्रों के लिए कितना कम स्थान है।

डीयू में एमएससी सेकेंड ईयर की छात्रा नेहा ने गेट का एग्जाम पास किया, जो बेहद कठिन एग्जाम है लेकिन वो एमएससी के एग्जाम में फेल हो गई है।ऐसी डीयू में गणित विभाग की कई ऐसी छात्राएं हैं जिन्होंने देश की कई प्रतिष्ठित परीक्षाओं को पास किया है लेकिन वो डीयू के गणित विभाग की परीक्षा में फेल हो गई हैं। फेल ही नहीं हुईं बल्कि 70  में 10 नंबर ही मिले। जिसको लेकर छात्रों को संदेह है कि ये सब जानबूझकर किया गया है।

सवाल यहां यह है कि देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है दिल्ली विश्वविद्यालय, जिसमें किसी भी आम छात्र का एडिमशन होना एक बड़ी बात है...यहां एडमिशन होना कोई जंग जीतने से कम नहीं है। मैथ्स यानी गणित विभाग की बात करें तो हर वर्ष इस विभाग में 300 छात्रों का नामांकन होता है लेकिन इसके लिए तकरीबन 5000 से अधिक छात्र प्रवेश परीक्षा देते हैं। इस संस्थान में अधिकतर मेधावी छात्र या फिर अपने शहर, गाँवों और कस्बों के सबसे उत्कृष्ट छात्र ही पहुंच पाते है। आख़िर वो अपना नामंकन यानी रजिस्ट्रेशन वापस लेने को क्यों मज़बूर हैं?

इन छात्रों का कहना है कि डीयू प्रशासन बार-बार बच्चों को फेल करता है और उनसे पुनर्मूल्यांकन के नाम पर मोटी फीस वसूल करता है। प्रदर्शन कर रहे छात्र प्रबल ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए बताया कि प्रशासन हमारे आंदोलन को बलपूर्वक इसलिए खत्म करना चाहता है क्योंकि वो जानता है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो उनकी वर्षों से चल रही धांधली खुल जाएगी। उन्होंने कहा कि हर वर्ष पुनर्मूल्याँकन के नाम पर डीयू 10 से 12 करोड़ की राशि इकट्ठा करता है |

आगे वे बताते है कि 2008 में पुनर्मूल्याँकन की फीस 50 रुपये थी, वो भी अगर कॉपी जाँच के बाद अगर आपका दवा सही होता था तो आपके पैसे वापस मिल जाते थे लेकिन अब इसे विश्वविद्यालय प्रशसन ने धंधा बना लिया है, अब एक पेपर के हज़ार रुपये लिए जाते हैं और वो भी वापस नहीं होते।

वे कहते हैं कि यह कोई पहली बार नहीं हुआ जब छात्रों ने डीयू पर पेपर चेक करने में धंधली का आरोप लगाया हो। इससे पहले 2014 में राजनीतिक शास्त्र के छात्रों ने, 2012 में इतिहास विभाग के छात्रों ने भी यह आरोप लगाया था कि उन्हें जानबूझकर फेल किया गया है। उस समय छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद जब उनकी उत्तर पुस्तिका की जाँच हुई तो अधिकतर छात्र जिन्हें फेल किया गया था वो बाद में पास हुए थे।

इसे भी पढ़े;- सेमेस्टर परीक्षा में फेल करने के खिलाफ डीयू में आंदोलन तेज़

स्वाति जो इस विभाग की छात्रा हैं, उन्होंने बताया कि यहां एडमिशन लेने वाले बच्चे अच्छी यूनिवर्सिटी कॉलेज के टॉपर होते हैं और यहां भी प्रवेश परीक्षा पास करके ही दाखिला लेते हैं। उन पर ये आरोप लगाकार मामले को नहीं टाला जा सकता कि बच्चे पढ़ते ही नहीं हैं, इसलिए फेल होते हैं। कई बच्चों को 70 में से 3 नंबर मिलते हैं और वो जब इवैलुएशन के लिए जाते हैं तो 3 को 30 में बदलकर उन्हें पास कर दिया जाता है। जब हम छात्र फेल हैं तो इवैलुएशन के बाद कैसे पास हो जाते हैं। उसे पासिंग मार्क्स ही क्यों दिया जाता है| इसके आलावा छात्रों ने कहा की कई छात्रों को परीक्षा देने के बावजूद रिजल्ट में उन्हें चारों पेपर में अनुपस्थित दिखाया गया है।

प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि प्रशासन और विभाग के संकाय सिर्फ बच्चों को फेल ही नहीं करते बल्कि उन्हें मानसिक रूप से परेशान भी कर देते हैं जिस वजह से गणित विभाग के 300 बच्चे जो प्रथम वर्ष में दाखिला लेते हैं उनमें से 190 से अधिक छात्र दूसरे वर्ष तक पहुंचने तक अपना नामांकन वापस ले लेते हैं।

इससे पहले 14 मार्च की रात में डीयू गणित विभाग के आंदोलनरत विद्यार्थियों को जो अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे थे उन्हें डीयू प्रशासन ने पुलिस की मदद से उठा दिया। पुलिस इन छात्रों को लेकर मॉरिसनगर थाने गई, जहां से बाद में इन्हें छोड़ दिया गया।

छात्रों ने आरोप लगाया है कि धरने से उठाने के दौरान पुलिस वालों ने छात्र-छात्राओं कै साथ हाथापाई और बदतमीजी की। 6 दिनों  से भूख हड़ताल पर बैठ छात्र रविंद्र के साथ भी बदसुलूकी की गई और जबरन उनका अनशन तुड़वा दिया गया।

छात्रों की मांग है कि उनकी उत्तर पुस्तिका को मुफ्त और पारदर्शी तौर पर रिचेक करने के लिए 15 दिन के अंदर एक स्वतंत्र जांच कमेटी का गठन किया जाए और इस कमेटी में छात्रों को भी शामिल किया जाए। हर एक छात्र को उसकी उत्तर पुस्तिका दिखाई जाए। चाहे वो इंटरनल परीक्षा हो, हाउस परीक्षा हो या सेमेस्टर परीक्षा हो। जिन छात्रों के बैकलॉग यानी किसी एक पेपर में फेल है, उनकी पुनर्परीक्षा हर सेमेस्टर परीक्षा के दो महीने के अंदर करवाई जाए।

 

 

Delhi University
Department of Mathematics
SFI
AISF
Student Protests
DU VC

Related Stories

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र

जेएनयू हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने कहा- कोई भी हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या खाना चाहिए

दिल्ली में गूंजा छात्रों का नारा— हिजाब हो या न हो, शिक्षा हमारा अधिकार है!

SFI ने किया चक्का जाम, अब होगी "सड़क पर कक्षा": एसएफआई

रेलवे भर्ती मामला: बर्बर पुलिसया हमलों के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलनकारी छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस ने कोचिंग संचालकों पर कसा शिकंजा

रेलवे भर्ती मामला: बिहार से लेकर यूपी तक छात्र युवाओं का गुस्सा फूटा, पुलिस ने दिखाई बर्बरता

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोध छात्र, अचानक सिलेबस बदले जाने से नाराज़

कोलकाता: बाबरी मस्जिद विध्वंस की 29वीं बरसी पर वाम का प्रदर्शन

पश्चिम बंगाल: वामपंथी पार्टियों ने मनाया नवंबर क्रांति दिवस

दिल्ली: महंगाई के ख़िलाफ़ मज़दूरों, महिलाओं, छात्र-नौजवानों व कलाकारों ने एक साथ खोला मोर्चा


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License