NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
शिक्षा
भारत
राजनीति
डीयू: प्रगतिशील पाठ्यक्रम से एबीवीपी को आपत्ति 
नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ़्रंट (NDTF) ने गुजरात दंगों पर आधारित अंग्रेज़ी सिलेबस में शुरू की गई कहानी 'मणिबेन उर्फ़ बीबीजान' को हटाने की मांग की है, जिसमें बजरंग दल और आरएसएस के पात्रों को "ख़राब रोशनी" और "हत्यारों" के रूप में दिखाया गया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
17 Jul 2019
डीयू: प्रगतिशील पाठ्यक्रम से एबीवीपी को आपत्ति 

दिल्ली विश्वविद्यालय में एकेडमिक काउंसिल (एसी) की बैठक सोमवार को शुरू तो हुई लेकिन मंगलवार को दूसरे दिन अचानक संघ से जुड़े छात्र परिषद ने मीटिंग को रोकने की कोशिश की। हंगामे के कारण बैठक दो बार स्थगित भी करनी पड़ गई थी। 

ये बैठक यूजी और पीजी के नए पाठ्यक्रमों को पास करने के लिए रखी गई थी। इसमें अंग्रेज़ी, इतिहास, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र आदि विषयों के पाठ्यक्रम में बदलावों पर चर्चा की जा रही थी। ये इस काउन्सिल का अधिकार भी है कि वो समय-समय पर पाठ्यक्रम की समीक्षा करे लेकिन मंगलवार को संघ से जुड़े शिक्षक और छात्रों के उग्र प्रदर्शन के बाद इस प्रस्ताव को रोक दिया गया जबकि पहले एसी सदस्यों ने इसे सर्वसम्मिति से पास कर दिया था।  

 

परिषद के इस तरह के प्रदर्शन को अन्य शिक्षकों ने उनकी आज़ादी पर हमला बतया। 

काउंसिल के एक सदस्य ने कहा कि डीयू की एसी में बहस करने के लिए वैधानिक शक्तियां हैं। पाठ्यक्रम को तय करना और स्वीकृति देना उनका अधिकार है और बाहरी बैठक में बाहरी लोगों (एबीवीपी) का ग़ैर-क़ानूनी रूप से इसमें हस्तक्षेप करना चौंकाने वाला है!

क्या है पूरा मामला?

एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को कुलपति कार्यालय पर हंगामा किया। प्रदर्शनकारी कुलपति कार्यालय में धरने पर बैठ गए। वहीं, एकेडमिक काउंसिल (एसी) के ख़िलाफ़ वाइस रीगल लॉज स्थित वीसी ऑफ़िस में प्रदर्शन भी किया। उन्होंने डीयू के कुछ विभागों के सिलेबस में हिंदू धर्म संबंधी और राष्ट्रवादी संगठनों से संबंधित ग़लत तथ्यों को शामिल करने का आरोप लगाया और आपत्तिजनक अंशों को कोर्स से हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने एसी हॉल को भी घेर लिया था। इससे एसी सदस्यों में डर बैठ गया। 

इसको लेकर दिल्ली विश्विद्यालय शिक्षक संघ की पूर्व अध्यक्ष ने एक फ़ेसबुक पोस्ट लिखकर पूरी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, "हमें अभी पता चला है कि एबीवीपी के सदस्य वीसी कार्यालय में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने वीसी लॉज को घेर लिया है और नारे लगा रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि एसी सदस्य सैकत घोष को उनके हवाले कर दिया जाए।

यह उल्लेख करना ज़रूरी है कि एसी बैठक आज संशोधित यूजी पाठ्यक्रम पर विचार-विमर्श करने वाली थी। जबकि अन्य सभी पाठ्यक्रमों को चर्चा के बिना अनुमोदित किया गया था। अंग्रेज़ी और इतिहास पाठ्यक्रम को भाजपा/आरएसएस के शिक्षक समूह NDTF से संबद्ध सदस्यों द्वारा रोक दिया गया था। जब सैकत घोष ने अंग्रेज़ी पाठ्यक्रम के बचाव में एसी मीटिंग में बात की, उसके तुरंत बाद एबीवीपी ने काउंसिल हॉल में प्रवेश करने की कोशिश की। काउंसिल हॉल अब विश्वविद्यालय और एबीवीपी घुसपैठियों के सुरक्षाकर्मियों के बीच एक युद्ध का मैदान बन गया है।"

उन्होंने कहा, "हम मीडिया में दोस्तों से अपील करते हैं कि शिक्षकों के ख़िलाफ़ विश्वविद्यालय में हो रही इस बर्बरता में हस्तक्षेप करें और इसे बेनक़ाब करें।"

 

 

नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ़्रंट (NDTF) ने गुजरात दंगों पर आधारित अंग्रेज़ी सिलेबस में शुरू की गई कहानी 'मणिबेन उर्फ़ बीबीजान' को हटाने की मांग की है, जिसमें बजरंग दल और आरएसएस के पात्रों को "ख़राब रोशनी" और "हत्यारों" के रूप में दिखाया गया है।

 

NDTF के सदस्य और एसी सदस्य रसल सिंह ने भी मुज़फ़्फ़रनगर के दंगों और लिंचिंग को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने दावा किया कि नए पाठ्यक्रम में कुछ भारतीय देवताओं को एलजीबीटी समुदाय का हिस्सा बताया गया है।

 

दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक परिषद के इस तरह के व्यवहार को लेकर विश्वविद्यालय के छात्रों ने आर्ट्स फ़ैकल्टी के बाहर प्रदर्शन किया। और कहा कि इस तरह के हमले विश्वविद्यालय के स्वतंत्र चिंतन पर हमला हैं। 

DUTA
Hindu Nationalism
ABVP
Delhi University

Related Stories

लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र

जेएनयू हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने कहा- कोई भी हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या खाना चाहिए

JNU में खाने की नहीं सांस्कृतिक विविधता बचाने और जीने की आज़ादी की लड़ाई

SFI ने किया चक्का जाम, अब होगी "सड़क पर कक्षा": एसएफआई

डीयू के छात्रों का केरल के अंडरग्रेजुएट के ख़िलाफ़ प्रोफ़ेसर की टिप्पणी पर विरोध

डीयू: एनईपी लागू करने के ख़िलाफ़ शिक्षक, छात्रों का विरोध

प्रत्यक्ष कक्षाओं की बहाली को लेकर छात्र संगठनों का रोष प्रदर्शन, जेएनयू, डीयू और जामिया करेंगे  बैठक में जल्द निर्णय

डूटा ने ‘पैटर्न ऑफ असिस्टेंस’ दस्तावेज़ के ख़िलाफ़ कुलपति कार्यालय पर किया प्रदर्शन

दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने वेतन नहीं मिलने के विरोध में की हड़ताल


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?
    25 May 2022
    मृत सिंगर के परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्होंने शुरुआत में जब पुलिस से मदद मांगी थी तो पुलिस ने उन्हें नज़रअंदाज़ किया, उनके साथ दुर्व्यवहार किया। परिवार का ये भी कहना है कि देश की राजधानी में उनकी…
  • sibal
    रवि शंकर दुबे
    ‘साइकिल’ पर सवार होकर राज्यसभा जाएंगे कपिल सिब्बल
    25 May 2022
    वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कांग्रेस छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है और अब सपा के समर्थन से राज्यसभा के लिए नामांकन भी दाखिल कर दिया है।
  • varanasi
    विजय विनीत
    बनारस : गंगा में डूबती ज़िंदगियों का गुनहगार कौन, सिस्टम की नाकामी या डबल इंजन की सरकार?
    25 May 2022
    पिछले दो महीनों में गंगा में डूबने वाले 55 से अधिक लोगों के शव निकाले गए। सिर्फ़ एनडीआरएफ़ की टीम ने 60 दिनों में 35 शवों को गंगा से निकाला है।
  • Coal
    असद रिज़वी
    कोल संकट: राज्यों के बिजली घरों पर ‘कोयला आयात’ का दबाव डालती केंद्र सरकार
    25 May 2022
    विद्युत अभियंताओं का कहना है कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 11 के अनुसार भारत सरकार राज्यों को निर्देश नहीं दे सकती है।
  • kapil sibal
    भाषा
    कपिल सिब्बल ने छोड़ी कांग्रेस, सपा के समर्थन से दाखिल किया राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन
    25 May 2022
    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे कपिल सिब्बल ने बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। सिब्बल ने यह भी बताया कि वह पिछले 16 मई…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License