NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
शिक्षा
भारत
डीयू: शिक्षा के निजीकरण के ख़िलाफ़ छात्रों का प्रदर्शन
दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्र संगठनों ने हरियाणा और हैदरबाद में हो रहे छात्र आंदोलनों के समर्थन में और हरियाणा में छात्र गिरफ़्तारी के विरोध में प्रदर्शन किया। 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 Jul 2019
DU PROTEST

हरियाणा में छात्र और अन्य जन संगठन जब कॉलेजों में 2 से 3 गुना फ़ीस वृद्धि व शिक्षा के निजीकरण के ख़िलाफ़ हरियाणा में अलग अलग जगह पर प्रदर्शन कर रहे थे, उस दौरान सरकार द्वारा कई छात्रों को हिरासत में लिया गया और कई पर मुक़दमे हुए थे। 

छात्रों का आरोप है कि कई छात्र जिनको गिरफ़्तार गया उनकी अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। 

टाटा इंस्टीटूट ऑफ़ सोशल साइंसेज़(TISS) में भी छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं। भूख हड़ताल के चलते 2 छात्रों को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा है। 

हरियाणा और हैदराबाद में हो रहे छात्र आंदोलनों की इन सब मांगों के समर्थन में व छात्रों पर पुलिस के बर्बर दमन और बेबुनियाद मुक़दमों के खिलाफ़ आज दिल्ली विश्विधायालय के छात्रों ने सयुंक्त रूप से प्रदर्शन किया।   

d31a5688-689e-4906-9c2e-3b7fd81d27a9.jpg

इस प्रदर्शन में आइसा ,एसएफ़आई, दिशा, केवाईएस सहित कई अन्य संगठनों ने भाग लिया और छात्रों पर सरकारों के इन हमलों की निंदा की।

 

छात्र संगठनों के मुताबिक़- "14 जुलाई को सोनीपत में हरियाणा के मुख्यमंत्री को इसके संबंध में ज्ञापन देने के लिए 100-150 से भी ज़्यादा लोग इकट्ठा हुए, पर उनको सीएम से मिलने नहीं दिया गया और पुलिस ने बहुत बर्बर तरीक़े से उन पर लाठीचार्ज किया।

इसके बाद 14 छात्र नामज़द किये गए और 100-150 अन्य लोगों पर मुक़दमे दर्ज किए गए। 14 छात्रों को पुलिस हिरासत में रखा गया और उन पर 3rd डिग्री टॉर्चर किया गया। एक छात्र जिसकी उम्र 17 वर्ष है, उसको भी हिरासत में लिया गया है। अगले ही दिन रोहतक से 4 छात्रों को अलग-अलग स्थानों से उठाया गया जिनके बारे में अभी तक कोई सूचना नहीं है। इसके बाद भी 2 साथियों को ग़ैर-क़ानूनी रूप से गिरफ़्तार किया गया।"

 

छात्रों ने पुलिस की इस कार्यवाही को बहुत निंदनीय और शर्मनाक कहा है। उन्होंने कहा, "पुलिस और सत्ता द्वारा बुनियादी मांगों को लेकर लड़ रहे छात्रों के प्रति ऐसा बर्ताव बहुत निंदनीय है। तथाकथित लोकतंत्र में प्रदर्शन करने के कारण छात्रों पर मुक़दमा दर्ज करना और प्रताड़ित करना घोर शर्मनाक है। इसका विरोध करना आज ज़रूरी है नहीं तो यह हमारे बुनियादी जनवादी अधिकार को ख़त्म कर देगा।"

 

निजीकरण से शिक्षा को आम जन से दूर करने की साज़िश!

 

शिक्षा प्राप्त करना हर व्यक्ति का बुनियादी एवं मूलभूत अधिकार है। छात्रों का सवाल था- "क्यों लगातार शिक्षा को ख़रीदने-बेचने वाली वस्तु बनाना सरकार की नीतियों का केन्द्र बन गया है? जिससे बहुत बड़ा और वंचित वर्ग (मेहनतकश, दलित, आदिवासी और किसान) शिक्षा से  बाहर होता जा रहा है।"

आगे वो कहते हैं, "इससे स्पष्ट ज़ाहिर होता है कि इन तबकों से शिक्षण संस्थानों में पढ़ने के लिए आने वाले छात्रों को शिक्षा से बाहर करने का और पूंजीपति वर्ग को मुनाफ़ा पहुंचाने का सरकारों द्वारा रचा गया एक गहरा षडयंत्र है। 

सरकार देश की अधिकांश जनता को वैज्ञानिक एवं लोकतांत्रिक शिक्षा से वंचित करके उन्हें धर्म एवं जाति के नाम पर लड़ाना चाहती है ताकि पूंजीपतियों को शिक्षा का निजीकरण करके ज़्यादा से ज़्यादा मुनाफ़ा पहुंचाया जा सके।"

एसएफआई दिल्ली राज्य उपाध्यक्ष सुमित कटारिया का कहना है कि "एसएफआई दिल्ली विश्वविद्यालय फीस वृद्धि के विरोध में प्रदर्शन कर रहे  हरियाणा के संघर्षशील छात्रों को क्रांतिकारी सलाम पेश करता है। उनके संघर्ष के फलस्वरूप उच्च शिक्षा के लिए फीस में की गई मनमानी बढ़ोतरी को वापस ले लिया गया है। प्रशासन द्वारा छात्रों पर किए गए क्रूर हमलों की मैं निंदा करता हूँ। फीस वृद्धि की वजह से समाज के गरीब तबको को उच्च शिक्षा प्राप्ति में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। भारत की सामाजिक परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए लोकोपकारी नीतियां अधिकारियों द्वारा बनाई जानी चाहिए।"

प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने सरकार से मांग की -

 

1. सोनीपत और रोहतक में 100-150 लोगों पर दर्ज झूठे केस वापिस लिए जाएं। और 14 साथियों को प्रताड़ित करने के ज़िम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए।

2.  रोहतक में पुलिस द्वारा अगवा किए 4 छात्रों के बारे में जवाब दिया जाए और उनको वापिस छोड़ा जाए। 

3.  बढ़ाई गई फ़ीस तुरंत वापस ली जाए। शिक्षा का निजीकरण करना बंद किया जाए और प्राईवेट स्कूलों मे नियम 158ए लागू किया जाए।

Image removed.

privatization of education
Haryana
TISS Hyderabad
TISS छात्र आन्दोलन
Fee Hike

Related Stories

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

हिमाचल: प्राइवेट स्कूलों में फ़ीस वृद्धि के विरुद्ध अभिभावकों का ज़ोरदार प्रदर्शन, मिला आश्वासन 

हड़ताल के कारण हरियाणा में सार्वजनिक बस सेवा ठप, पंजाब में बैंक सेवाएं प्रभावित

हरियाणा: आंगनबाड़ी कर्मियों का विधानसभा मार्च, पुलिस ने किया बलप्रयोग, कई जगह पुलिस और कार्यकर्ता हुए आमने-सामने

हरियाणा : आंगनवाड़ी कर्मचारियों की हड़ताल 3 महीने से जारी, संगठनों ने सरकार से की बातचीत शुरू करने की मांग

केंद्र सरकार को अपना वायदा याद दिलाने के लिए देशभर में सड़कों पर उतरे किसान

हरियाणा: आंगनवाड़ी कर्मचारियों के आंदोलन के 50 दिन पूरे

हरियाणा की 20,000 हड़ताली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता करनाल में करेंगी रैली

हरियाणा: यूनियन का कहना है- नाकाफी है खट्टर की ‘सौगात’, जारी रहेगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल

MSP की कानूनी गारंटी ही यूपी के किसानों के लिए ठोस उपलब्धि हो सकती है


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License