NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
डीयू सफ़ाई कर्मचारियों की हड़ताल जारी है
इन सफ़ाई कर्मचारियों को हटाए जाने के विरोध में विश्विद्यालय के कई छात्र संगठन और शिक्षक भी समर्थन में आए हैं। डीयू प्रशासन अब भी कर्मचारियों की मांगो को अनसुना किए हुए है। ऐसे में कर्मचारियों ने भी आंदोलन को और तीखा करने के लिए 6 मई को पूरे डीयू में जुलूस निकालने की घोषणा की है।
मुकुंद झा
04 May 2019
du

अनिल, जिनकी उम्र लगभग 50 साल है, जो दिल्ली विश्विद्यालय में पिछले 10-12 साल सफ़ाई कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं। न्यूज़क्लिक से बात करते हुए उन्होंने कहा, “हमें कोई नोटिस नहीं दिया गया था। हम जब एक सुबह अपने काम पर पहुँचे तब हमें पता चला कि हमें काम पर से हटा दिया गया है और नए कर्मचारियों को रख लिया गया है। हमारे पास 10-12 साल का अनुभव है और बहुत कुशलता से काम करते हैं लेकिन फिर भी वे हमें क्यों निकालना चाहते हैं?”

40 साल की सफ़ाई कर्मचारी आशा जो कई सालों से दिल्ली विश्वविद्यालय में सफ़ाई कर्मचारी के रूप में काम कर रही हैं, उन्होंने बताया कि उन लोगों को एक कर्मचारी के तौर पर जो भी सुविधाएँ मिलनी चाहिए वो नहीं दी जाती थी। न ईएसआई और न पीएफ़ मिलता था और जब उन्होंने इसके ख़िलाफ़ संघर्ष किया और अपने अधिकारों के लिए कोर्ट गए, तब से ही प्रशासन इन्हें हटाने का प्रयास कर रहा था। "आज उन्होंने हमें संविदा खत्म होने का बहाना करके हटा दिया है।" आशा ने कहा।

आगे वो कहती हैं, "यही नहीं डीयू में सफ़ाई कर्मचारियों की भारी कमी थी ऐसे में जो कर्मचारी काम कर रहे हैं उन्हें चार लोगों का काम करना पड़ता है। यदि कोई व्यक्ति छुट्टी लेता है, तो हमें ही उसका काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। इसके अलावा हमसे विभागों के कई अन्य काम भी कराये जाते थे जो कि हमारा काम नहीं था।”
सतीश वाल्मीकि जिनकी उम्र क़रीब 40 साल है, उन्होंने कहा, “हम विभिन्न रसायनों के साथ शौचालय साफ़ करते हैं। और इससे कई गंभीर बीमारियों का ख़तरा रहता है। इससे हम बच सकें इसके लिए हमें कोई मास्क या दस्ताने नहीं दिए जाते हैं। इसकी वजह से कई प्रकार की बीमारियाँ हो जाती हैं ख़ासतौर  पर चरम रोग अधिकतर कर्मचारियों को होता ही है।”

सतीश आगे बताते हैं कि उनके चार बच्चे हैं और उनका अपन मकान भी नहीं है और उनकी आय का एक ही स्रोत था वो थी ये नौकरी, अचानक नौकरी से निकाले जाने से अब उनके और उनके परिवार की रोज़ी रोटी का गंभीर संकट हो गया है। वो कहते हैं, "मोदी जी स्वच्छ भारत की बात तो करते हैं लेकिन आज उनके राज में सफ़ाई कर्मचारी कभी सीवर में तो कभी परिवार समेत भूखे मरने को मजबूर हैं।"

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल 2005 के बाद से, सुलभ इंटरनेशनल को डीयू प्रशासन द्वारा सफ़ाई का ठेका दिया गया था। सुलभ इंटरनेशनल, 'स्वैच्छिक' संगठन (एनजीओ) होने के बहाने बनाकर अनुबंधित सफ़ाई कर्मचारियों को उचित वेतन, अवकाश और पीएफ़ और ईएसआई की सुविधा देने से लगातार इनकार करता रहा। इस साल, डीयू  ने सुलभ इंटरनेशनल के साथ अपना क़रार तोड़कर,नेक्स्ट जेन मैनपावर सर्विसेज़ प्राइवेट लिमिटेड नामक एक नई कंपनी के साथ क़रार किया है। परिणामस्वरूप, पहली मई से 100 से अधिक संविदा सफ़ाई कर्मचारियों को हटा दिया गया। जिन कर्मचारियों को हटाया गया है उनको इसका नोटिस भी नहीं दिया गया है। 

इसे भी पढ़े ;-मई दिवस का तोहफा : डीयू के 100 से ज़्यादा सफाई कर्मचारी काम से बाहर

मांगें:

1 काम में तत्काल बहाली 

2 स्थायी कार्य के लिए स्थायी नौकरियाँ 

3  पिछले काम का पीएफ़ और ईएसआई जारी करना 

छात्र और शिक्षक भी कर्मचारियों के साथ 

इन सफ़ाई कर्मचारियों को हटाए जाने के विरोध में विश्विद्यालय के कई छात्र संगठन और शिक्षक भी समर्थन में आए हैं। सामाजिक विज्ञान विभाग के शिक्षक डॉ  सरोज गिरी ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि ये सिर्फ़ एक कर्मचारी की बात नहीं है न किसी एक संस्था की बात है। उन्होंने कहा, "ये सरकार की मज़दूर और कर्मचारी विरोधी नीतियों की ही देन है। सफ़ाई कर्मचारी से लेकर विश्वविद्यालय के शिक्षक तक अपने रोज़गार के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर हैं।"

59157556_2029155677206196_352582390838722560_n.jpg
दिया, जो विश्विद्यालय की छात्रा हैं उन्होंने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा, "डीयू प्रशासन का सैकड़ों कर्मचारियों को बिना नोटिस के हटाना बहुत ही ग़ैरक़ानूनी के साथ ही मानवता के ख़िलाफ़ भी है। प्रशासन के इस कृत्य के ख़िलाफ़ पूरा विश्वविद्यालय एकजुट है।" 
आज 4 मई को भी आर्ट्स फ़ैकल्टी पर कर्मचारियों का धरना जारी है। इससे पहले कल 3 मई को डीयू के सफ़ाई कर्मचारियों ने अपनी मांगो को लेकर एकदिवसीय भूख हड़ताल की थी। सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक चली हड़ताल में 17 कर्मचारियों के साथ-साथ 5 छात्रों ने भी भागीदारी की। कुल 22 लोग भूख हड़ताल पर बैठे। इससे पहले 1 मई को मज़दूर दिवस के दिन भी कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया था। छात्रों ने बढ़-चढ़कर आंदोलन को समर्थन दिया।डीयू प्रशासन अब भी कर्मचारियों की मांगो को अनसुना किए हुए है। ऐसे में कर्मचारियों ने भी आंदोलन को और तीखा करने के लिए 6 मई को पूरे डीयू में जुलूस निकालने की घोषणा की है। 

इसे भी पढ़े ;-गढ़वाल विवि का 180 सुरक्षा कर्मियों और सफाई कर्मियों को हटाने का आदेश, छात्रों ने किया विरोध

Delhi University
CONTRACT SAFAIKARAMCHARIS
workers protest
Contract Workers

Related Stories

सीवर कर्मचारियों के जीवन में सुधार के लिए ज़रूरी है ठेकेदारी प्रथा का ख़ात्मा

दिल्ली: सीटू के नेतृत्व वाली आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन ने आप सरकार पर बातचीत के लिए दबाव बनाया

अर्बन कंपनी से जुड़ी महिला कर्मचारियों ने किया अपना धरना ख़त्म, कर्मचारियों ने कहा- संघर्ष रहेगा जारी!

एक बड़े आंदोलन की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशा बहनें, लखनऊ में हुआ हजारों का जुटान

दिल्ली: ऐक्टू ने किया निर्माण मज़दूरों के सवालों पर प्रदर्शन

मज़दूर हड़ताल : "कृषि कानूनों की तरह ही लेबर कोड की भी होगी वापसी"

वेतन के बग़ैर मिल्टन साइकिल के कर्मचारी सड़क पर

पूंजीवाद के दौर में क्यों ज़रूरी है किसान-मज़दूरों का गठबंधन

दिल्ली :राजकुमारी अमृत कौर कॉलेज ऑफ नर्सिंग के कर्मचारियों की जीत; तीन महीने के संघर्ष के बाद काम पर वापस बुलाए गए सभी कर्मचारी

हिमाचल प्रदेश का मज़दूर आंदोलन शहादत की अनोखी मिसाल है


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा
    04 Jun 2022
    ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर एक ट्वीट के लिए मामला दर्ज किया गया है जिसमें उन्होंने तीन हिंदुत्व नेताओं को नफ़रत फैलाने वाले के रूप में बताया था।
  • india ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट
    03 Jun 2022
    India की बात के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा और भाषा सिंह बात कर रहे हैं मोहन भागवत के बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को मिली क्लीनचिट के बारे में।
  • GDP
    न्यूज़क्लिक टीम
    GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफ़ा-नुक़सान?
    03 Jun 2022
    हर साल GDP के आंकड़े आते हैं लेकिन GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफा-नुकसान हुआ, इसका पता नहीं चलता.
  • Aadhaar Fraud
    न्यूज़क्लिक टीम
    आधार की धोखाधड़ी से नागरिकों को कैसे बचाया जाए?
    03 Jun 2022
    भुगतान धोखाधड़ी में वृद्धि और हाल के सरकारी के पल पल बदलते बयान भारत में आधार प्रणाली के काम करने या न करने की खामियों को उजागर कर रहे हैं। न्यूज़क्लिक केके इस विशेष कार्यक्रम के दूसरे भाग में,…
  • कैथरिन डेविसन
    गर्म लहर से भारत में जच्चा-बच्चा की सेहत पर खतरा
    03 Jun 2022
    बढ़ते तापमान के चलते समय से पहले किसी बेबी का जन्म हो सकता है या वह मरा हुआ पैदा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान कड़ी गर्मी से होने वाले जोखिम के बारे में लोगों की जागरूकता…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License