NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दक्षिणपंथियों के हाथ में देश सबसे बुरे दौर में है- रावसाहेब कासबे
"साथियो आज अपने देश की स्थिति ऐसी हो गई है जैसी मैंने अपने 74 साल के जीवन में कभी नहीं देखी I" उन्होंने कहा कि आज देश जातियुद्ध की आग में जल रहा है I इस युद्ध में बलि चढ़ेंगी महिलाएं, ऐसा हमारे देश का इतिहास रहा है I

सबरंग इंडिया
24 Jan 2018
Raosaheb kasbe

मुंबई. मुंबई कलेक्टिव द्वारा आयोजित एक टॉक में विख्यात विद्वान रावसाहेब कसबे ने धर्म और जाति के नाम पर हो रही हिंसा और नए दुश्मनों के उदय की चर्चा की I उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में देश की स्थिति बहुत ज्यादा बदतर हो गई है I उन्होंने अवैज्ञानिक अवधारणाओं के बारे में भी बात की, जैसे प्राचीन वेदों के अध्ययन की, जो कुछ राइट-विंग संगठनों द्वारा उनके अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए प्रचारित किए जा रहे हैं I उन्होंने कहा कि अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने की जरूरत है I 

"साथियो आज अपने देश की स्थिति ऐसी हो गई है जैसी मैंने अपने 74 साल के जीवन में कभी नहीं देखी I" उन्होंने कहा कि आज देश जातियुद्ध की आग में जल रहा है I इस युद्ध में बलि चढ़ेंगी महिलाएं, ऐसा हमारे देश का इतिहास रहा है I

 

उन्होंने भारत के इतिहास को प्रदर्शित किए जाने पर उन्होंने कहा कि यहां हुण आए, कुषाण आए, मंगोल आए...... और सब जीतने में कामयाब रहे I  इसका कारण था कि भारत हमेशा से जातियों में बंटा हुआ था और उसने कभी संगठित रूप से लड़ाई नहीं लड़ी Iइसलिए हमारा इतिहास पराभव का इतिहास है I

उन्होंने कहा कि या तो हमें यह भी कहना पड़ेगा कि हमारा इतिहास है ही नहीं, क्योंकि जो बातें बताई जाती हैं वे तथ्यरहित हैं या परीकथाएं हैं , या बच्चों को सुलाते वक्त सुनाने वाली हसीन कहानियां हैं I भारत कभी संगठित नहीं रहा I भारत को राष्ट्र बनाने की शुरूआत महात्मा गांधी ने आजादी की लड़ाई के समय से की और कहा कि भारत एक राष्ट्र है I

गांधी अफ्रीका से तीन सपने साथ लाए थे Iपहला अस्पृश्यता, दूसरा हिंदू मुस्लिमों को साथ लाना, तीसरा था ग्रामोद्योग को बढ़ावा देना I 1915 से 20 तक वे इसी के लिए खड़े रहे I उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद के उदय के साथ आरएसएस का उदय हुआ. संघ का कहना था कि भारत में पॉलिटिकल राष्ट्रवाद नहीं आयेगा बल्कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद आएगा......

Raosaheb kasbe
BJP-RSS
Dalits
Maharastra
right wing politics
Fascism

Related Stories

विचारों की लड़ाई: पीतल से बना अंबेडकर सिक्का बनाम लोहे से बना स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

बच्चों को कौन बता रहा है दलित और सवर्ण में अंतर?

मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?

कभी सिख गुरुओं के लिए औज़ार बनाने वाला सिकलीगर समाज आज अपराधियों का जीवन जीने को मजबूर है

#Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान

सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे आदिवासी, गरमाई राजनीति, दाहोद में गरजे राहुल

बागपत: भड़ल गांव में दलितों की चमड़ा इकाइयों पर चला बुलडोज़र, मुआवज़ा और कार्रवाई की मांग

लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!

कविता का प्रतिरोध: ...ग़ौर से देखिये हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License