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भारत
राजनीति
दलित नेताओं के विरोध प्रदर्शन से हक्के-बक्के रह गये अमित शाह
अमित शाह से अनंत हेगड़े के संविधान-विरोधी और दलित-विरोधी वक्तव्य पर सवाल किये गयेI
योगेश एस.
31 Mar 2018
Amit Shah and Anant Kumar Hegde

बीजेपी को कर्णाटक में ऐसे सवालों का सामना कर पड़ रहा है जिससे असहमति से नफ़रत करने वाली इस पार्टी को सक्ते में डाल दिया हैI बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 30 मार्च को मैसूर में दलित नेताओं को संबोधित कर रहे थेI श्रोताओं में मौजूद दलित नेताओं के गुस्से के चलते अमित शाह को अपना भाषण रोकना पड़ाI उनसे सवाल किया गया कि दिसम्बर 2017 में अनंत कुमार हेगड़े के अनुचित भाषण पर उनकी पार्टी खामोश क्यों है और इसे नज़रंदाज़ क्यों किया गयाI इस अवरोध की वजह से बीजेपी के कार्यकर्त्ताओं और विरोध करने वालों के बीच झड़प हो गयीI बीजेपी के कार्यकर्त्ताओं ने प्रदर्शनकारियों को कार्यक्रम स्थल से बाहर करने की कोशिश की और प्रदर्शनकारियों ने कार्यक्रम स्थल के बाहर नारेबाज़ी की I

हेगड़े ने अपने भाषण में देश में धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठाये थेI उसने कहा कि अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो वह संविधान बदल देंगे I

हेगड़े का यह वक्तव्य धर्मनिरपेक्षता और देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने की बात करने वाले और मौजूदा केंद्र सरकार की सांप्रदायिक राजनीति पर सवाल उठाने वाले बुद्धिजीवियों और चिंतित नागरिकों का मखौल उड़ाने के लिए दियाI अनंत कुमार हेगड़े के इस भाषण से राज्य और देश में काफी बवाल मचायाI चूँकि यह वक्तव्य लोकतांत्रिक रूप से चुने गये संसद सदस्य और केंद्रीय मंत्री ने दिया इसलिए इसके मायने गंभीर हैंI इस संदर्भ में पार्टी के शीर्ष नेताओं सहित कई लोगों से लोगों ने सवाल किये गयेI इस कथन पर बीजेपी नेता पूरी तरह खामोश रहे और उन्होंने इससे किनारा कर लियाI इसी रवैया की वजह से हमें इतिहास में जाना पड़ता है और भारतीय संविधान तथा डॉ. अम्बेडकर के साथ बीजेपी-आरएसएस के संबंधों को परखना पड़ता हैI प्रसिद्ध लेखक देवानूरा महादेव ने मंत्री के वक्तव्य के विरोध में एक खुला ख़त लिखा:    

...फिर, मानो युद्धभूमि में युद्धनाद की तरह तुमने कहा, ‘हम संविधान बदल देंगें...इसीलिए हम यहाँ तक पहुँचे हैं!’ अगर संविधान लिखने का काम तुम्हारे जैसों या तुम्हारे बाज़ीगर पूर्वजों को सौंपा गया होता तो तुम एक नरक की रचना कर उसे स्वर्ग घोषित कर देतेI भारत माता इसीलिए बची रही है क्योंकि डॉ. अम्बेडकर ने संविधान रचाI इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि संविधान में प्रस्तावित संशोधन संविधान की प्रस्तावना में दिए गये आदर्शों पर आधारित होंI यह याद रखना आपके लिए अच्छा रहेगा खासतौर से संसद के सदस्य होने के नातेI  

30 मार्च को प्रदर्शन कर रहे दलित नेताओं ने कहा कि हेगड़े के शब्दों ने देश के जाति-विरोधी आन्दोलन के नेता और प्रतीक का अपमान किया हैI यह पूरी घटना अमित शाह के लिए काफी शर्मिंदा करने वाला थाI पहले तो शाह ने बीजेपी के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार येद्दुरप्पा को सबसे भ्रष्ट नेता कह डाला और फिर सांसद प्रह्लाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एससी/एसटी के लिए कुछ नहीं कियाI इसके बाद दलित नेताओं के विरोध प्रदर्शन से अमित शाह स्तब्ध ही रह गयेI वो अपना वही पुराना राग अलापने के आलावा कुछ नहीं कर पाए कि ‘बीजेपी का इन वक्तव्यों से कुछ लेना-देना नहीं’I प्रजावाणी में आई एक खबर के मुताबिक अमित शाह से प्रदर्शनकारियों ने यह पूछा कि हेगड़े के खिलाफ़ कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया और इसी से यह सारा घटनाक्रम शुरू हुआI

इससे पहले 20 जनवरी 2018 को हेगड़े बेल्लारी में एक रोज़गार मेले और कौशल प्रदर्शनी में बोलने गये तो वहाँ उन्हें भी विरोध का सामना करना पड़ाI विरोधियों से गुस्साए हेगड़े ने कहा कि कौशल विकास मंत्री के नाते यह उनकी ज़िम्मेदारी है कि वो नरेंद्र मोदी के विकास के सपने को सच कर दिखाएँ और उन्हें ‘गली के कुत्तों के भौंकने’ से कोई फ़र्क नहीं पड़ताI दलित कार्यकर्त्ताओं को ‘गली का कुत्ता’ कहकर हेगड़े ने एक और विवाद को जन्म दे दियाI

इसी पृष्ठभूमि में दलित नेताओं ने उस कार्यक्रम में विरोध प्रदर्शन किया जहाँ दरअसल अमित शाह दलित नेताओं से “बातचीत” करने वाले थेI अमित शाह, जिन्हें नापसंद है कि उनसे कोई सवाल पूछे, से सवाल किये गयाI राज्य में 12 मई को चुनाव होने वाले हैं और बीजेपी को मज़दूरों, किसानों, दस्तकारों, छात्रों, शिक्षकों और अन्य लोगों के ऐसे ही कई सवालों का सामना करना पड़ेगाI

Amit Shah
Anant Kumar Hegde
BJP
BJP-RSS

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