NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दूसरे चरण की 94 सीटों का विश्लेषण: एनडीए का रास्ता होगा मुश्किल
पिछले विधानसभा चुनाव के अनुमान, नए गठबंधन और राज्यों में स्विंग ये दर्शाते हैं कि बीजेपी के नेत्रत्व वाली एनडीए को यूपीए से भारी हार का सामना करना पड़ सकता है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
19 Apr 2019
दूसरे चरण की 94 सीटों का विश्लेषण: एनडीए का रास्ता होगा मुश्किल

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 18 अप्रैल को 97 में से 95 सीटों पर हुए मतदान के बाद ये दिख रहा है बीजेपी के नेत्रत्व वाली एनडीए को 2014 लोकभा चुनावों की तुलना में बड़ा घाटा हो सकता है। दो सीटों- वेल्लोर और त्रिपुरा पूर्व पर हिंसा और नकद ज़ब्ती होने की वजह से चुनाव स्थगित कर दिये गए। 

2014 के बाद हुए विधानसभा चुनावों, कांग्रेस के नेत्रत्व वाली यूपीए के द्वारा किए गए राजकीय पार्टियों के साथ महत्वपूर्ण नए गठबंधन के आधार पर न्यूज़क्लिक का विश्लेषण ये दर्शाता है कि 94(पुडुचेरी को छोड़ कर) सीटों में से यूपीए ज़्यादा से ज़्यादा 59 सीटों पर जीत हासिल करेगी। पुडुचेरी की इकलौती सीट का विश्लेषण नहीं हो पाया है, इसलिए 95 में 94 सीटों का विश्लेषण दर्शाया गया है। 

2014 में यूपीए ने 18 सीटें जीती थीं। एनडीए को इस बार, पिछली बार की 33 के मुक़ाबले 21 सीटें मिलने का अनुमान है।

Lok sabha 2014 11.jpg

India Election 22.jpg

second phase elections 2019 33.jpg

तमिलनाडु की 38(कुल 39 में से) सीटों के अनुमान सबसे बड़ा बदलाव पैदा कर रहे हैं। पिछली बार, जयललिता के नेत्रत्व वाली एआईडीएमके ने 37 सीटें जीती थीं, जबकि पीएमके ने 1 सीट जीती थी और 1 सीट बीजेपी को मिली थी। इस बार, अनुमान दर्शाते हैं कि डीएमके के नेत्रत्व वाला गठबंधन(जिसमें कांग्रेस और लेफ़्ट पार्टियाँ शामिल हैं) 28 सीटों पर जीत हासिल करेगा, और एआईडीएमके 10 सीटों पर सिमट कर रह जाएगा। ये सत्ताधारी सरकार एआईडीएमके के साथ सख़्त नाराज़गी, पार्टी में तनाव और जयललिता के मौत के बाद पार्टी में आए बिखराव के आधार पर है। 

न्यूज़क्लिक की एनालिसिस टीम द्वारा बनाए गए डाटा टूल्स के आधार पर, हर राज्य के स्विंग का, गठबंधन का विस्त्रत अध्ययन, ज़मीनी स्तर की रिपोर्टों के राजनीतिक ट्रेंड, विभिन्न पार्टियों के प्रदर्शन और 2014 के बाद हुए विधानसभा चुनावों को देखते हुए गणना की गई है। उदाहरण के लिए, तमिलनाडु में 2016 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों का मानचित्रण और नए गठबंधन के आधार पर वोट जोड़ कर, एआईडीएमके से डीएमके के नेत्रत्व वाले गठबंधन में 7 प्रतिशत का स्विंग देखा गया है। 

बाक़ी राज्यों में वोट-स्विंग इस प्रकार हैं: असम(5%); बिहार(8%); छत्तीसगढ़(2%); कर्नाटक(2%); महाराष्ट्र(5%), मणिपुर(5%); ओडिशा(5%); तमिलनाडु(7%); उत्तर प्रदेश(3%) और पश्चिम बंगाल(5%) 

इन सभी अनुमानों में एक समान फ़ैक्टर देखने को मिला है। वो है मोदी सरकार के ख़िलाफ़ स्पष्ट नाराज़गी, जिसकी बड़ी वजह है बेरोज़गारी फसल की गिरती क़ीमतों से परेशान किसानों को राहत देने जैसे मुद्दों पर इस सरकार की विफ़लता, और इसकी सांप्रदायिक राजनीति। रिपोर्ट दर्शाते हैं कि राज्यों में इन मुद्दों और सूखा जैसे विभिन्न मुद्दों की वजह से जनता के मन में बीजेपी के नेत्रत्व वाली एनडीए के ख़िलाफ़ भरी असंतोष की वजह से हर जगह के मतदाता मोदी सरकार से कटते जा रहे हैं। 

पहले चरण में एनडीए के ख़राब प्रदर्शन के बाद दूसरे चरण के अनुमान यही दर्शाते हैं कि चुनाव में एनडीए का प्रदर्शन कमज़ोर रहने वाला है। उत्तरी राज्य, जिन्होंने 2014 में मोदी सरकार को भारी बहुमत दिलवाया था, वो इस बार ऐसा नहीं करेंगे। उत्तर प्रदेश में बीजेपी और सहयोगी दलों को लगने वाले बड़े झटके से ये साफ़ ज़ाहिर होता है। 

(डाटा पीयूष शर्मा और मैप्स ग्लेनिसा परेरा द्वारा)

elections 2019
2019 Lok Sabha Polls
2019 Lok Sabha elections
tamil nadu
second phase elections
Assam
Bihar
Jammu and Kashmir
manipur
West Bengal

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

राज्यपाल की जगह ममता होंगी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति, पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने पारित किया प्रस्ताव

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग


बाकी खबरें

  • brooklyn
    एपी
    ब्रुकलिन में हुई गोलीबारी से जुड़ी वैन मिली : सूत्र
    13 Apr 2022
    गौरतलब है कि गैस मास्क पहने एक बंदूकधारी ने मंगलवार को ब्रुकलिन में एक सबवे ट्रेन में धुआं छोड़ने के बाद कम से कम 10 लोगों को गोली मार दी थी। पुलिस हमलावर और किराये की एक वैन की तलाश में शहर का चप्पा…
  • non veg
    अजय कुमार
    क्या सच में हिंदू धर्म के ख़िलाफ़ है मांसाहार?
    13 Apr 2022
    इतिहास कहता है कि इंसानों के भोजन की शुरुआत मांसाहार से हुई। किसी भी दौर का कोई भी ऐसा होमो सेपियंस नही है, जिसने बिना मांस के खुद को जीवित रखा हो। जब इंसानों ने अनाज, सब्जी और फलों को अपने खाने में…
  • चमन लाल
    'द इम्मोर्टल': भगत सिंह के जीवन और रूढ़ियों से परे उनके विचारों को सामने लाती कला
    13 Apr 2022
    कई कलाकृतियों में भगत सिंह को एक घिसे-पिटे रूप में पेश किया जाता रहा है। लेकिन, एक नयी पेंटिंग इस मशहूर क्रांतिकारी के कई दुर्लभ पहलुओं पर अनूठी रोशनी डालती है।
  • एम.के. भद्रकुमार
    रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं
    13 Apr 2022
    यह दोष रेखाएं, कज़ाकिस्तान से म्यांमार तक, सोलोमन द्वीप से कुरील द्वीप समूह तक, उत्तर कोरिया से कंबोडिया तक, चीन से भारत, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान तक नज़र आ रही हैं।
  • ज़ाहिद खान
    बलराज साहनी: 'एक अपरिभाषित किस्म के कम्युनिस्ट'
    13 Apr 2022
    ‘‘अगर भारत में कोई ऐसा कलाकार हुआ है, जो ‘जन कलाकार’ का ख़िताब का हक़दार है, तो वह बलराज साहनी ही हैं। उन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेहतरीन साल, भारतीय रंगमंच तथा सिनेमा को घनघोर व्यापारिकता के दमघोंटू…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License