NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
भारत
राजनीति
डूसू चुनाव: अध्यक्ष समेत तीन पदों पर ABVP काबिज़, सचिव पद NSUI के हिस्से में
डूसू चुनावों में बृहस्पतिवार को 39.90 फीसदी वोट पड़े जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब चार फीसदी कम थे। पिछले वर्ष के चुनाव में 44.46 फीसदी वोट पड़े थे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Sep 2019
DUSU
फोटो साभार : Hindustan Times

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के चुनाव में आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP-एबीवीपी) ने शुक्रवार को अध्यक्ष सहित तीन पदों पर जीत हासिल की जबकि कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई (NSUI) को सचिव पद पर जीत मिली।

चुनाव परिणाम आते ही किंग्सवे कैम्प स्थित मतगणना केंद्र के बाहर जश्न शुरू हो गया। समर्थकों ने ‘ढोल’ की थाप पर नृत्य किया तथा विजेता उम्मीदवारों पर गुलाब की पंखुडियां बरसाईं।

इसके बाद माला पहने विजेताओं ने विश्वविद्यालय के कला संकाय की तरफ कूच किया जहां से विजयी जुलूस निकाला जाएगा।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के अश्वित दहिया ने अध्यक्ष पद के लिए नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के चेतन त्यागी को 19 हजार मतों से पराजित किया।

एबीवीपी के प्रदीप तंवर और शिवांगी खरवाल उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव के पद पर क्रमश: 8574 और 2914 वोटों से विजयी रहे।
एनएसयूआई ने सचिव पद पर जीत हासिल की और इसके उम्मीदवार आशीष लांबा ने एबीवीपी के योगी राठी को 2053 वोटों से हराया।
एनएसयूआई के अक्षय लाकड़ा ने कहा, ‘‘एबीवीपी ने योगी राठी को मैदान में उतारा था जो 2017 में हिंसा होने के समय रामजस कॉलेज के अध्यक्ष थे। छात्रों ने हिंसा के खिलाफ स्पष्ट जनादेश दिया है।’’

डूसू चुनावों में बृहस्पतिवार को 39.90 फीसदी वोट पड़े जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब चार फीसदी कम थे। पिछले वर्ष के चुनाव में 44.46 फीसदी वोट पड़े थे।

डूसू में चार पदों के लिए चुनाव ईवीएम में खराबी के आरोपों के बीच संपन्न हुए। चार महिलाओं सहित 16 उम्मीदवार मैदान में थे और इसके लिए 52 मतदान केंद्र बनाए गए थे।

वाम दलों के समर्थन वाले ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने अपने मत प्रतिशत में सुधार पर खुशी जताई है।

आइसा के एक पदाधिकारी ने बताया कि उनके अध्यक्ष पद उम्मीदवार को 6 हज़ार, उपाध्यक्ष पद पर 8 हज़ार, सचिव पद पर 7 हज़ार और
संयुक्त सचिव पद की उम्मीदवार चेतना को 10 हजार से अधिक वोट मिले। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पार्टी के वोट प्रतिशत में सुधार हुआ है। हम इसे लेकर खुश हैं।

आइसा का कहना है कि डूसू में आईसा का पूरा पैनल दलित-अल्पसंख्यक-पिछड़ों के नेतृत्व में था जिसे डीयू की स्थापित कास्ट-कम्युनल सीमाओं को तोड़ते हुए आम छात्रों ने समर्थन और वोट दिया। आईसा पदाधिकारियों ने कहा कि डूसू में मनी, मसल और सत्ता की अकूत ताकतों से लड़ते हुए आईसा का वोट बढ़ना नए बदलाव का सूचक है।  

आपको यह भी बता दें कि डूसू में जहां एबीवीपी और एनएसयूआई ने जीत दर्ज की है, वहीं ये दोनों संगठन जेएनयू के छात्र संघ चुनाव में खाता भी नहीं खोल पाए हैं। हर बार की तरह इस बार भी वहां वाम मोर्चे ने ही जीत हासिल की है। हालांकि आधिकारिक तौर पर वहां अभी नतीजे घोषित नहीं किए गए हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

DUSU
DUSU election
AISA
ABVP
SFI
NSUI
Delhi University

Related Stories

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

दिल्ली: दलित प्रोफेसर मामले में SC आयोग का आदेश, DU रजिस्ट्रार व दौलत राम के प्राचार्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज

डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी

‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार

लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!

लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी

नई शिक्षा नीति से सधेगा काॅरपोरेट हित

कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट को लेकर छात्रों में असमंजस, शासन-प्रशासन से लगा रहे हैं गुहार

बैठक में नहीं पहुंचे अधिकारी, छात्र बोले- जेएनयू प्रशासन का रवैया पक्षपात भरा है

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License