NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ढाका: सड़क सुरक्षा की माँग को लेकर हज़ारों छात्रों का विरोध प्रदर्शन
29 जुलाई को, दो स्कूली के छात्रों को एक निजी बस द्वारा कुचल दिया गया थाI
पीपल्स डिस्पैच
07 Aug 2018
bangladesh protest

दो उच्चतर माध्यमिक छात्रों की मौत की वजह से शुरू हुआ छात्रों के एक बड़े विरोध प्रदर्शन ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में अपना दसवें दिन में प्रवेश किया है। 29 जुलाई को, शहीद रामिज उदीन छावनी स्कूल के दो छात्रों, अब्दुल करीम और दीया खानन मीम को ढाका में एक निजी बस द्वारा कुचल दिया गया था। घटना के बाद, छात्रों ने, जिनमें से कुछ 13 साल की उम्र के बच्चे थे, इन्होंने सड़क दुर्घटनाओं और बढ़ते हादसों करने के लिए प्रभावी सड़क सुरक्षा तंत्र के कार्यान्वयन की माँग कर रहे हैं ।

बांग्लादेश की सड़कों पर प्रदर्शन करने वाले हज़ारों छात्रों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आँसू गैस और रबर बुलेट से हमला किया। बांग्लादेश की कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय समीति के सदस्य हसन तारिक ने पुलिस कार्यवाही की निंदा करते हुए पीपुल्स डिस्पैच को बताया कि "देश भर में विरोध फैल रहा है और छात्र अपने 9 सूत्रीय माँग पत्र के साथ विरोध कर रहे हैं| जिसमें सुरक्षित सड़कें और वाहनों की फिटनेस की जाँच की माँग भी शामिल है।"

तारिक ने कहा,"हमारी पार्टी छात्रों की माँगों का समर्थन करती है और सरकार के मीडिया को रोकने के प्रयास की निंदा करती है।"

रविवार को, पुलिस ने अनुभवी फोटोजर्नलिस्ट शाहिदुल आलम को गिरफ्तार कर यह दावा किया कि वह मीडिया हाउसों को "उत्तेजक वक्तव्य जारी करने" में शामिल थे। ये गिरफ्तारी आलम के  छात्रों के विरोध के बारे में अल जज़ीरा को साक्षात्कार देने के बाद हुआ था| इसकी बांग्लादेश और दुनिया भर में व्यापक रूप से निंदा की गई|

पत्रकारों के संरक्षण समीति (सीपीजे) ने आलम की तत्काल रिहाई के लिए दिए गए एक बयान में कहा कि बांग्लादेश सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आलम और ढाका में अशांति को कवर करने वाले सभी पत्रकार हमले या गिरफ्तारी के डर के बिना काम करने देना चाहिए।

रिपोर्टों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्यवाही में कई छात्र और पत्रकार घायल हो गए। कई छात्रों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

ढाका विश्वविद्यालय (डीयू), राजशाही इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी (आरयूईटी), उत्तर दक्षिण विश्वविद्यालय (एनएसयू) और ईस्ट वेस्ट यूनिवर्सिटी (ईडब्ल्यूयू) समेत सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्कूलों के छात्रों ने सक्रिय रूप से विरोध में भाग लिया। उन्होंने विरोध प्रदर्शन और समन्वय के लिए व्यापक रूप से सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया। कई जगहों पर, नागरिकों ने लाइसेंस और परमिट के लिए वाहनों की जाँच करने की पहल शुरू कर दी है।

कुछ प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश छात्र लीग पर सत्तारूढ़ दल, आवामी लीग के साथ गठबंधन करने और विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन को रोकने एंव हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया है|

बांग्लादेश के सड़क परिवहन क्षेत्र को बड़े पैमाने पर संरचनात्मक कमियाँ और भारी भ्रष्टाचार व्याप्त  है। इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दुर्घटना अनुसंधान संस्थान के अनुसार, हर साल देश में सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 12,000 लोग मारे जाते हैं और 35,00 से ज़्यादा लोग घायल होते  हैं। सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर पहले भी बड़े विरोध प्रदर्शन हुए। 2008 में, ढाका पॉलिटेक्निक संस्थान के छात्र की मौत के बाद, बड़ी संख्या में छात्रों ने सड़क दुर्घटनाओं को समाप्त करने के लिए उचित तंत्र की माँग के लिए भारी विरोध किया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ डंडे और आंसू गैस का इस्तेमाल किया था  जिसमें 50 से ज़्यादा छात्र घायल हुए थे |

मौजूदा विरोध के बाद, प्रधान मंत्री शेख हसीना ने छात्रों से अपनी कक्षाओं  में वापस जाने के लिए आग्रह किया और मृतकों के परिवारों के लिए मुआवज़े का ऐलान कियाI उन्होंने यातायात, सड़क परिवहन और सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधारों का आश्वासन दिया है। सोमवार को, कैबिनेट ने दुर्घटना से संबंधित मौत के लिए अधिकतम जेल की सज़ा को तीन साल से पांच साल तक बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

Bangladesh
Bangladesh Students' protest
road accidents
road security
students protest

Related Stories

क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?

बीएचयू: लाइब्रेरी के लिए छात्राओं का संघर्ष तेज़, ‘कर्फ्यू टाइमिंग’ हटाने की मांग

बांग्लादेश: सड़कों पर उतरे विश्वविद्यालयों के छात्र, पुलिस कार्रवाई के ख़िलाफ़ उपजा रोष

नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ AISA का 'रोल बैक NEP' अभियान

भारत-बांग्लादेश संबंध का मौजूदा दौर

भाजपा का हिंदुत्व वाला एजेंडा पीलीभीत में बांग्लादेशी प्रवासी मतदाताओं से तारतम्य बिठा पाने में विफल साबित हो रहा है

अपने क्षेत्र में असफल हुए हैं दक्षिण एशियाई नेता

त्रिपुरा और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक विरोधी हिंसा की बराबरी करना क्यों बेमानी है?

बांग्लादेश सीख रहा है, हिंदुस्तान सीखे हुए को भूल रहा है

तालिबान से 10 देशों की वार्ता और बांग्लादेश में नफ़रत के ख़िलाफ़ आवाज़ें, दिखाती हैंं राह


बाकी खबरें

  • left
    अनिल अंशुमन
    झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान
    01 Jun 2022
    बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने दोनों राज्यों में अपना विरोध सप्ताह अभियान शुरू कर दिया है।
  • Changes
    रवि शंकर दुबे
    ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च
    01 Jun 2022
    वाहनों के बीमा समेत कई चीज़ों में बदलाव से एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। इसके अलावा ग़रीबों के राशन समेत कई चीज़ों में बड़ा बदलाव किया गया है।
  • Denmark
    पीपल्स डिस्पैच
    डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान
    01 Jun 2022
    वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में, यूरोपीय संघ के समर्थक वर्गों के द्वारा डेनमार्क का सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने की नीति को समाप्त करने और देश को ईयू की रक्षा संरचनाओं और सैन्य…
  • सत्यम् तिवारी
    अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"
    01 Jun 2022
    अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय कॉलेज के एस आर ख़ालिद का कॉलेज के पार्क में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी ने उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की थी। कॉलेज की जांच कमेटी गुरुवार तक अपनी…
  • भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    मुंह का कैंसर दुनिया भर में सबसे आम ग़ैर-संचारी रोगों में से एक है। भारत में पुरूषों में सबसे ज़्यादा सामान्य कैंसर मुंह का कैंसर है जो मुख्य रूप से धुआं रहित तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License